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मैथिली ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ और मिथिला में गहरा नाता, सफलता के लिए युवा पीढ़ी आलस्य छोड़कर मेहनत में जुटे - BILASPUR RAJYOTSHAV

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लोक गायिका मैथिली ठाकुर बिलासपुर पहुंचीं, जहां उन्होंने लोक संस्कृति के बारे में बताया.

Bilaspur Rajyotshav
मैथिली ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ और मिथिला में गहरा नाता (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 6, 2024, 12:37 PM IST

Updated : Nov 6, 2024, 1:10 PM IST

बिलासपुर : देश की सुप्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर बिलासपुर के पुलिस ग्राउंड मे आयोजित राज्योत्सव में शामिल होने पहुंची.इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और बिहार की संस्कृति में काफी समानता है. लोककला के माध्यम से छत्तीसगढ़ और बिहार के संस्कृति लोगों तक पहुंच रही है.

छत्तीसगढ़ आकर अच्छा महसूस हुआ : मैथिली ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी एक अलग पहचान है. यहां आकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. साथ ही यहां का छत्तीसगढ़ी गीत संगीत भी उन्हें काफी पसंद है. छत्तीसगढ़ की धर्म संस्कृति और लोक कला की पहचान पूरे देश में है. आज पहली बार बिलासपुर आई हूं. बहुत अच्छा लग रहा है. यहां के लोग राज्योत्सव कार्यक्रम के लिए उत्साहित हैं.

छत्तीसगढ़ और मिथिला में गहरा नाता (ETV Bharat Chhattisgarh)


भोजपुरी और सूफी गानों से मिली प्रसिद्धि : जब मैथिली से पूछा गया कि ऐसे कौन से गीत हैं, जिनसे उन्हें प्रसिद्धि मिली तो उन्होंने कहा कि ऐसे कई गीत हैं, जिनसे लोगों ने उन्हें पहचानना शुरू किया. जैसे बिहार में जुग जुग जिये सुलनवा जिसका वीडियो लोगों ने काफी पसंद किया. सूफी गानों से भी उन्हे पसंद किया गया.

छत्तीसगढ़ और मिथिला का गहरा नाता : इस दौरान मैथिली ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मिथिला का अपना अलग कनेक्शन है. साथ ही राम जी हमारे यहां दामाद बनकर आए हैं. यहां पर उनका ननिहाल है. अंत में मैथिली ठाकुर ने यूथ के लिए संदेश दिया. मैथिली ने कहा कि '' अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें, मेहनत कभी रूकनी नहीं चाहिए. आलस्य नहीं करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहें.'' आपको बता दें कि मैथिली ठाकुर लोक गीतों के माध्यम से बिहार और देश के अलग-अलग राज्यों समेत विदेश में भी भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही हैं.

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छत्तीसगढ़ आकर अच्छा महसूस हुआ : मैथिली ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी एक अलग पहचान है. यहां आकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. साथ ही यहां का छत्तीसगढ़ी गीत संगीत भी उन्हें काफी पसंद है. छत्तीसगढ़ की धर्म संस्कृति और लोक कला की पहचान पूरे देश में है. आज पहली बार बिलासपुर आई हूं. बहुत अच्छा लग रहा है. यहां के लोग राज्योत्सव कार्यक्रम के लिए उत्साहित हैं.

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भोजपुरी और सूफी गानों से मिली प्रसिद्धि : जब मैथिली से पूछा गया कि ऐसे कौन से गीत हैं, जिनसे उन्हें प्रसिद्धि मिली तो उन्होंने कहा कि ऐसे कई गीत हैं, जिनसे लोगों ने उन्हें पहचानना शुरू किया. जैसे बिहार में जुग जुग जिये सुलनवा जिसका वीडियो लोगों ने काफी पसंद किया. सूफी गानों से भी उन्हे पसंद किया गया.

छत्तीसगढ़ और मिथिला का गहरा नाता : इस दौरान मैथिली ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मिथिला का अपना अलग कनेक्शन है. साथ ही राम जी हमारे यहां दामाद बनकर आए हैं. यहां पर उनका ननिहाल है. अंत में मैथिली ठाकुर ने यूथ के लिए संदेश दिया. मैथिली ने कहा कि '' अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें, मेहनत कभी रूकनी नहीं चाहिए. आलस्य नहीं करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहें.'' आपको बता दें कि मैथिली ठाकुर लोक गीतों के माध्यम से बिहार और देश के अलग-अलग राज्यों समेत विदेश में भी भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही हैं.

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Last Updated : Nov 6, 2024, 1:10 PM IST
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