कांकेर: बस्तर में बीते चार दशकों से नक्सलवाद की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. साल 2024 में सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद पर करारा प्रहार किया. उसी का नतीजा है कि समूचे बस्तर में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही है. कांकेर में फोर्स ने नक्सलियों के LOS मतलब लोकल ऑर्गेनाइजेशन स्क्वायड पर बड़ा आघात किया है. इस वजह से उत्तर बस्तर में नक्सलियों का LOS आखिरी सांसें गिन रहा है.
जानिए क्या है LOS की वर्किंग ?: आपको एलओएस पर हुई कार्रवाई की जानकारी देने से पहले यह बताते हैं कि कैसे एलओएस कार्य करता है. LOS मतलब लोकल ऑर्गेनाइजेशन स्क्वायड नक्सल संगठन की रीढ़ की हड्डी होती है. इसका काम जमीनी स्तर पर गांवों में नक्सल संगठन के लिए जनसंपर्क करना होता है. यह नए सदस्यों को नक्सल संगठन में जोड़ने का काम करता है. इसके अलावा नक्सली संगठन का विस्तार करना इसका काम होता है.
कांकेर में कैसे LOS हो रहा कमजोर?: कांकेर में मौजूदा समय में नक्सलियों का LOS लगातार बिखरता जा रहा है. पुलिस फोर्स के नक्सलवाद पर प्रहार से यह पूरी तरह टूट रहा है. साल 2014 से पहले कांकेर में नक्सलियों का चार एरिया कमेटी, 9 एलओएस और चार प्लाटून कंपनियां एक्टिव थी. कांकेर इलाके में यह नक्सल वारदातों को अंजाम देने का काम करते थे. छत्तीसगढ़ में साल 2023 में सरकार बदली. उसके बाद नक्सल अभियान में तेजी आई. साल 2024 में अब कांकेर इलाके में नक्सलियों की चार एरिया कमेटी और 6 LOS बच गई है. 3 एलओएस और चार मिलिट्री प्लाटून भंग हो चुकी है.
LOS के प्रभाव क्षेत्र के बारे में जानिए: कांकेर में LOS के प्रभाव क्षेत्र की बात करें तो यह पहले अंतागढ़ और चारगांव सहित कई इलाकों में एक्टिव था. इन एलओएस के प्लाटून भी मौजूद थे. अब तीन एलओएस और चार प्लाटून भंग हो चुके हैं. कुछ महीने पहले कुएमारी LOS के कमांडर सहित 2 अन्य सदस्य ने आत्मसमर्पण किया है. बाकी बचे लोगो के भी जल्द आत्मसमर्पण करने की उम्मीद है. कांकेर पुलिस के एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला नक्सलवाद के खिलाफ जंग में इसे सबसे बड़ी जीत बता रहे हैं. उन्होंने हाल के दिनों में नक्सलवाद के और कमजोर होने का दावा किया है.
कांकेर में कहां कहां एलओएस एक्टिव ?: एक नजर डालते हैं कि कांकेर के किन क्षेत्रों में एलओएस एक्टिव हैं. कांकेर पुलिस के मुताबिक जिले में 6 जगहों पर एलओएस एक्टिव हैं. इनमें मेढ़की एलओएस, बड़गांव एलओएस, काकनार एलओएस, रावघाट एलओएस, किसकोड़ो एलओएस और कुएंमारी एलओएस है. कांकेर में नक्सलियों की तीन एलओएस यूनिट भंग हो चुकी है. इनमें चारगांव एलओएस, सीतापुर एलओएस और कोरर/बुधियारमारी LOS शामिल हैं. इसके अलावा नक्सलियों के चार मिलिट्री प्लाटून भंग हुए हैं. जिसमें प्लाटून नम्बर-05, प्लाटून नम्बर-25, प्लाटून नम्बर-17 और प्लाटून नम्बर-28 शामिल है.
![Success of force on Naxal front in Kanker](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-12-2024/23077092_decline_in_naxalism_in_kanker.png)
![NAXALITES DEFEATED BY FORCE ACTION](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-12-2024/23077092_naxalism-is-shrinking.png)
![Status of Naxal platoon in Kanker](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-12-2024/23077092_los-of-naxalites.png)
जैसे पहले LOS सक्रिय था आज की तारीख में LOS में उतनी सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है. वर्तमान में देखा जाए तो कांकेर जिले में नक्सल गतिविधियों में रोक लगी हुई है. 1 साल से चले आ रहे ऑपरेशन का असर दिख रहा है. हमने कई कैंप खोले हैं उसका भी असर दिख रहा है. पानीडोबीर में कैम्प लगने से यहां की LOS रावघाट से मिल गई है. हमारा प्रयास है कि सक्रिय नक्सली आने वाले दिनों में सरेंडर कर दें- इंदिरा कल्याण एलिसेला, एसपी, कांकेर
LOS एक ऐसी टीम है जो नक्सल संगठन की मजबूती के लिए कार्य करती है. नक्सल संगठन के विस्तार से लेकर संगठन में नए लोगों को जोड़ने का कार्य LOS के जिम्मे रहता है. इन्हीं LOS से निकल कर पूरा मामला पोलित ब्यूरो तक जाता है. जिसके बाद तय होता है कि बड़ी घटना को को कैसे अंजाम देना है. पहले नक्सलियों का यह संगठन बेहद मजबूत हुआ करता था. लेकिन जब से इलाके में फोर्स ने कब्जा जमाया है. इन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है- आत्मसमर्पित नक्सली, कांकेर
कोरर एरिया कमेटी का काम हुआ तमाम: कांकेर के एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला ने बताया कि कांकेर में लगातार फोर्स का एक्शन चल रहा है. कभी कांकेर का कोरर नक्सल संगठन का मजबूत क्षेत्र होता था. नक्सल ऑपरेशन के बाद जब यहां नक्सलियों की संख्या कम हुई तो इसे भंग कर दिया गया. इनके सदस्यों को किसकोड़ो एरिया कमेटी और कुंएमारी में मिला दिया गया. कुंएमारी एरिया कमेटी को सक्रिय कर मजबूत करने का कार्य किया गया
अभी भी 33 LOS सदस्य मौजूद: कांकेर के इलाकों में अभी भी 33 LOS सदस्य मौजूद हैं. ये सभी नक्सल संगठन का कामकाज देखते हैं. इन नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित है. इस तरह इनके ऊपर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित है. सुरक्षाबलों का दावा है कि आने वाले समय में ये एलओएस सदस्य भी धीरे धीरे खत्म हो जाएंगे.
नक्सल ऑपरेशन का लेखा जोखा: साल 2024 में बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में लगातार कामयाबी मिली है. साल 2024 के जनवरी से नवंबर 2024 तक फोर्स ने 257 नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया है. अब तक कुल 861 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं. 789 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के खात्मे की बात कही है. उन्होंने इसे एक डडेलाइन के तौर पर बताया है. केंद्रीय गृह मंत्री के इस बयान के बाद बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में तेजी आई है.