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दिल्ली हाईकोर्ट में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के फैसले को दी गई चुनौती, अगली सुनवाई सात मार्च को - Maulana Azad Education Foundation

Maulana Azad Education Foundation: मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सात मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया है. बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 6, 2024, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सात मार्च को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है. याचिका डॉ. सईदा सैयदेन हमीद व अन्य लोगों ने दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की फंडिंग केंद्र सरकार करती है और इसका लक्ष्य मुस्लिम समुदाय के वंचित तबके को शिक्षा मुहैया कराना है. याचिका में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव पर अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से मुहर लगाने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है. इसके बाद उन्हें कोर्ट ने सात मार्च को निर्देश लेकर आने को कहा.

यह भी पढ़ें-दिल्ली हाईकोर्ट ने BJP विधायकों के निलंबन को किया रद्द, LG के अभिभाषण में बाधा डालने पर हुए थे सस्पेंड

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के इस आदेश से मुस्लिम समुदाय के गरीब, जरूरतमंद और मेधावी छात्र-छात्राओं का काफी नुकसान होगा. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने का प्रस्ताव देना, सेंट्रल वक्फ काउंसिल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है क्योंकि ये फाउंडेशन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. ऐसे में फाउंडेशन को बंद करना, सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 13 के प्रावधानों के तहत होना चाहिए. सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधान के तहत किसी सोसायटी को समाप्त करने पर उसे दूसरी सोसायटी को सौंपा जाता है और इसके लिए साठ फीसदी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है.

यह भी पढ़ें-2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के आरोपी को जांच अधिकारियों की सूचना देने से इनकार

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सात मार्च को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है. याचिका डॉ. सईदा सैयदेन हमीद व अन्य लोगों ने दायर की है.

याचिका में कहा गया है कि मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की फंडिंग केंद्र सरकार करती है और इसका लक्ष्य मुस्लिम समुदाय के वंचित तबके को शिक्षा मुहैया कराना है. याचिका में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव पर अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से मुहर लगाने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है. इसके बाद उन्हें कोर्ट ने सात मार्च को निर्देश लेकर आने को कहा.

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याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के इस आदेश से मुस्लिम समुदाय के गरीब, जरूरतमंद और मेधावी छात्र-छात्राओं का काफी नुकसान होगा. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने का प्रस्ताव देना, सेंट्रल वक्फ काउंसिल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है क्योंकि ये फाउंडेशन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. ऐसे में फाउंडेशन को बंद करना, सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 13 के प्रावधानों के तहत होना चाहिए. सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधान के तहत किसी सोसायटी को समाप्त करने पर उसे दूसरी सोसायटी को सौंपा जाता है और इसके लिए साठ फीसदी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है.

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