नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले के आरोपी अमित कात्याल की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया. स्पेशल जज विशाल गोगने ने 8 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. इससे पहले 28 फरवरी को कोर्ट ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मीसा भारती, हेमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दी थी. इस मामले में 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था.
ईडी ने चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है. ईडी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है. लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे.
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ये है लैंड फॉर जॉब मामला: आरोपों के अनुसार, लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था.
भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी.
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