लखनऊ : बीते सोमवार को विधानभवन के सामने आत्मदाह करने वाले मुन्ना विश्वकर्मा (40) की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. मुन्ना ने टेंट हाउस मालिक पर उसका 7 लाख न दिए जाने और पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. फिलहाल पुलिस टेंट व्यवसायी रंजीत को गिरफ्तार कर चुकी है.
परिजनों के मुताबिक, सआदतगंज में रहने वाले मुन्ना विश्वकर्मा आलमबाग में बंगाली टेंट हाउस में काम करते थे. जिसके मालिक रंजीत चक्रवर्ती ने उन्हें वर्ष 2017 से 2019 के बीच सजावट के कई काम दिए थे. आरोप है कि इस दौरान उनका करीब 7 लाख रुपये बकाया था, जो रंजीत पीड़ित के मांगने पर भी नहीं दे रहा था. मुन्ना ने आलमबाग थाने व मवैया चौकी पर भी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बीते सोमवार शाम चार बजे मुन्ना विधान भवन के गेट नंबर 9 के पास पहुंचे थे. पुलिस के मूताबिक, मुन्ना पहले से ही अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाले हुए पहुंचे थे. साथ में पॉलीथीन में कुछ दस्तावेज भी थे. इस दौरान अचानक मुन्ना ने खुद को आग लगा ली.
मुन्ना के परिजनों ने बताया था कि, पेमेंट ना होने के कारण मुन्ना आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. बिल न जमा होने से सप्ताहभर पहले उनके घर का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था. बच्चों की फीस भी नहीं जमा हो पा रही थी. इसके अलावा आलमबाग पुलिस टेंट हाउस मालिक को नहीं बल्कि उल्टा उन्हीं पर दबाव बना रही थी, इसलिए उन्होंने त्रस्त होकर आत्मघाती कदम उठाया.
हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें सिविल में भर्ती कराया था. डॉक्टरों का कहना है कि मुन्ना का करीब 50 फीसदी शरीर झुलसा था.