मेरठ : चौधरी चरण जिला कारागार में बंद एक कैदी की शनिवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई. कैदी एक शिक्षिका पर तेजाब फेंकने के मामले में जेल में बंद था. कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कुछ लोगों ने परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है. जेल प्रशासन ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है.
जेलर शशिकांत मिश्रा ने बताया कि गांव गगोल का रहने वाला 30 साल का रोहित एक शिक्षिका पर तेजाब फेंकने के मामले में जिला कारागार में बंद था. घटना साल 2018 में हुई थी. घटना में शिक्षिका 70 प्रतिशत तक झुलस गई थी. कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा दी थी. वह जिला कारागार में एकांत बैरक में बंद था. शनिवार को जब जेल के कर्मचारी बैरक में गए तो रोहित बेहोश पड़ा था. इसकी जानकारी मिलने पर उसे मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेजा गया. यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
वहीं कैदी की मौत की खबर परिजनों को लगी तो कोहराम मच गया. कैदी के भाई विनीत ने बताया कि उम्रकैद की सजा काट रहे रोहित को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. उसके बाद शिक्षिका ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद 9 अप्रैल को रोहित फिर से जेल चला गया. दोबारा जेल जाने पर वह डिप्रेशन में था.
विनीत ने बताया कि वह और उसकी पत्नी भाई से मिलने के लिए गए थे. इस दौरान रोहित ने बताया था कि उसकी जान को खतरा है. उसको जान से मारने की धमकी दी जा रही है. रोहित की बैरक में किसी मानसिक रूप से बीमार कैदी को भी रख दिया गया था. इससे वह घबराया हुआ था.
जेलर का कहना है कि युवक पहले से ही डिप्रेशन का शिकार था. ऐसे कैदी को अलग इसलिए भी रखा जाता है ताकि किसी अन्य कैदी के साथ उसका कोई झगड़ा न हो. जांच के लिए जेल प्रशासन द्वारा एक टीम को गठित की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.
यह भी पढ़ें : VIDEO : सूरज की किरणें पड़ते ही मणि जैसा दमक उठा रामलला का मस्तक, रामनवमी पर भक्त कर सकेंगे अद्भुत दर्शन