नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस की कस्टडी में एक आरोपी की बुधवार को मौत हो गई. मामले में अब तीन डॉक्टरों का पैनल मृतक का पोस्टमार्टम करेगा. उसे सेक्टर 39 पुलिस द्वारा अवैध रूप से शराब बेचने के आरोप में पकड़ा गया था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी पहले से ही बीमार था और उसे कई बार दौरा पड़ चुका था. इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और आला अधिकारी थाने में डटे हैं.
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि 35 तनवीर (पुत्र मोहसिन) अररिया, बिहार का निवासी था. उसे मंगलवार रात आम्रपाली चौकी प्रभारी उप निरीक्षक प्रदीप कुमार की टीम ने सेक्टर 44 के पास अवैध रूप शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उसके साथ हवालात में दो अन्य कैदी भी बंद थे. इसी बीच वह तनवीर अचानक से चक्कर खाकर गिर पड़ा. इस पर कैदियों ने शोर मचाया, जिसके बाद पुलिस उसे लेकर तुरंत नोएडा के जिला अस्पताल पहुंची और भर्ती कराया.
हालांकि, वहां उसकी हालत बिगड़ती देख उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया, जहां से उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. हालांकि डॉक्टरों ने वहां उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. आरोपी के पास से 39 शराब के पौवे बरामद हुए थे. जानकारी के मुताबिक, वह किराए के मकान में कई सालों से रह रहा था. डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि युवक को हवालात में अटैक आया था, जिसके चलते उसकी मौत हुई.
तनवीर के मौत की सूचना जैसे ही उसके परिवार के लोगों को मिली, वह अपने करीबियों के साथ थाने पहुंच गए. परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हवालात में तनवीर के साथ मारपीट की गई, जिससे उसे अंदरूनी चोट लगी थी. उनका कहना है कि गिरफ्तार होने के बाद रात में उसने पुलिस से मदद भी मांगी थी, पर किसी पुलिसकर्मी ने उसपर ध्यान नहीं दिया. तनवीर शराब पीता था, लेकिन उसकी तस्करी नहीं करता था. उसका न तो कोई आपराधिक इतिहास है और न ही कभी वह जेल गया है. वहीं इन आरोपों के बीच दिनभर पुलिस ने अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को काफी समझाया बुझाया.
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परिजनों ने बताया कि तनवीर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए करीब 15 साल पहले नोएडा आया था. उसका सबसे बड़ा बेटा दस साल का है. फिलहाल किसी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई है. पुलिस का दावा है कि सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है. अगर किसी पुलिसकर्मी की गलती मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब पुलिस की कार्यप्रणाली पर दाग लगा हो.
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