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बनारस के इन घाटों पर जरा बचकर, चूक गए तो जा सकती है जान, गंगा नहाने आएं तो रखें खुद का ध्यान

बनारस में गंगा स्नान जरा संभल करें, जरा सी लापरवाही ले सकती है जान

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

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बनारस में गंगा स्नान जरा संभल कर (Etv Bharat)

वाराणसी: बनारस के गंगा घाट पर बढ़ रही भीड़ और गंगा स्नान करने वालों की संख्या में हो रहा इजाफा हादसों में भी वृद्धि कर रहा है. गंगा स्नान करने आने वाले लोग गंगा की गहराई को समझे बिना ही अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. बनारस में पिछले दो दिनों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लखनऊ और दिल्ली से आए लोगों को गंगा स्नान के दौरान अपनी जिंदगी को खतरे में डालने के बाद पुलिस को जद्दोजेहद करके उन्हें बचाना पड़ा है. यह भाग्यशाली थे, कि यह बच गए. लेकिन, ऐसी एक नहीं बल्कि दर्जनों संख्या में घटनाएं हो चुकी है. जिसमें गंगा में डूबने से लोगों की मौत हो चुकी है.

बनारस नगर निगम और जल पुलिस ने बनारस के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा घाटों को अति खतरनाक घोषित कर रखा है. लेकिन ना यहां आने वाले लोग समझते हैं और ना गंगा स्नान करने आने वाले पर्यटक. इसलिए अगर आप भी गंगा स्नान करने या वाराणसी घूमने के लिए आ रहे हैं, तो इन घाटों पर बच कर रहिएगा क्योंकि हो सकता है, आपकी लापरवाही आपको खतरे में डाल दे.

लोगों को डूबने से बचाया गया: वाराणसी में गंगा में डूबने वालों की संख्या को बढ़ता देख नगर निगम और जल पुलिस ने मिलकर वाराणसी के कई घाटों को डेंजर जोन में डाल दिया है. लेकिन, लोग मानने को तैयार ही नहीं है. दो दिनों में दो ऐसी घटनाएं सामने हुई है. जिसमें तीन लोगों की जिंदगी पुलिस ने काफी मुश्किल से बचाई है. दो दिन पहले रविवार को लखनऊ से आए मोहित और उनकी पत्नी नेहा गंगा स्नान करने के लिए तुलसी घाट पहुंची थीं. यहां पर गहराई का अंदाजा नहीं हुआ और दोनों डूबने लगे, वह तो ईश्वर का शुक्र था कि वहां पर मौजूद पुलिस वालों ने पानी में छलांग लगाई और दोनों को बचा लिया.

इसे भी पढ़े-अब गंगा घाट पर बिना अनुमति के नहीं कर पाएंगे कोई कार्यक्रम, वाराणसी नगर निगम ने जारी किया नया आदेश

सोमवार को इसी तरह से दिल्ली के पालम नगर से आए अज्ञात गुप्ता गंगा स्नान करने के लिए तुलसी घाट पर उतरे और गहरे पानी में जाकर डूबने लगे. इसके बाद हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने नाविकों की मदद से उन्हें बचा लिया, लेकिन हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता है. इसके पहले वाराणसी में तुलसी घाट पर स्नान के दौरान मिर्जापुर के 17 वर्ष के संदेश पटेल की डूबने से मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं संदेश के गुण डूबने से चार दिन पहले भी हादसों का दौर जारी था. 5 जून 2023 को देवरिया के पवन कुमार और 6 जून 2023 को महाराष्ट्र के सागर दिनकर की भी डूबने से मौत हुई थी.

बनारस के कई घाट खतरनाक: गंगा में डूबने की घटनाओं को लेकर हाल ही में जल पुलिस ने घाटों के खतरे को लेकर एक सर्वे भी किया है. जिसमें यह बात सामने आई है कि बनारस के कई घाट खतरनाक होते जा रहे हैं. बीते छह साल में 2023 में सबसे 26 लोगों की मौत गंगा में डूबने से हुई, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 112 था. गंगा घाटों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण वर्ष 2018 से 2022 तक डूबकर मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी.

जल पुलिस और एनडीआरएफ की सतर्कता की वजह से वर्ष 2023 में यह आंकड़ा बेहद कम हो गया. हालांकि गंगा में स्नान करने वालों के गहरे पानी में जाने के साथ ही राजघाट और विश्वसुंदरी पुल पर रेलिंग नहीं होने की वजह से भी वहां से छलांग लगाने वालों की संख्या बरकरार है. जल पुलिस के प्रभारी मिथिलेश यादव का कहना है, कि जेटी की वजह से स्नान करने वालों को सुरक्षित स्थान मिलता है. लेकिन, अभी पानी ज्यादा होने के कारण अभी खतरा ज्यादा है. वर्ष 2022 से 2023 के बीच सभी जेटी लगाई गई हैं. इसके बाद डूबने वालों की संख्या में एकदम से कमी आई है.

इस बारे में नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है, कि नगर निगम की तरफ से इन घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से बस लगाकर रेलिंग लगाना चेन लगाना, रस्सी लगाकर लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए एक स्थान तक खतरे के निशान को बनाया गया है. ताकि लोग उसके अंदर स्नान करें. इसके अलावा घाटों पर बोर्ड भी लगाए जाते हैं, ताकि लोग सचेत रहे. हालात स्थानीय लोगों का कहना है, कि लोग मानते नहीं है. रोकने पर भी लोग गहरे पानी में जाते हैं. जिसकी वजह से हादसे होते हैं.

ये घाट हैं खतरनाक: तुलसीघाट, शिवाला घाट, केदार घाट, अहिल्याबाई घाट, मान मंदिर घाट, मीरघाट, सिंधिया घाट, राजघाट, नमो घाट

आंकड़े जल पुलिस के अनुसार

वर्ष गंगा में हुई मौत

201859
2019 73
202066
202178
2022112
202326



आंकड़े जिन्हें बचाया गया

202478
202333
202214



संख्या में कम है जल पुलिस के जवान

1प्रभारी निरीक्षक
3उप निरीक्षक
18हेड कॉन्स्टेबल
22 कॉन्स्टेबल
4बोट चालक
6प्रिशिक्षी होमगार्ड
टोटल 48
चलने योग्य बोट4
खराब बोट5




यह भी पढ़े-बनारस में बनेंगे 2000 सस्ते होटल-गेस्टहाउस, 1000-2000 के बजट में भी मिलेगा कमरा, कुंभ से पहले तैयार होंगे - varanasi news

वाराणसी: बनारस के गंगा घाट पर बढ़ रही भीड़ और गंगा स्नान करने वालों की संख्या में हो रहा इजाफा हादसों में भी वृद्धि कर रहा है. गंगा स्नान करने आने वाले लोग गंगा की गहराई को समझे बिना ही अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. बनारस में पिछले दो दिनों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लखनऊ और दिल्ली से आए लोगों को गंगा स्नान के दौरान अपनी जिंदगी को खतरे में डालने के बाद पुलिस को जद्दोजेहद करके उन्हें बचाना पड़ा है. यह भाग्यशाली थे, कि यह बच गए. लेकिन, ऐसी एक नहीं बल्कि दर्जनों संख्या में घटनाएं हो चुकी है. जिसमें गंगा में डूबने से लोगों की मौत हो चुकी है.

बनारस नगर निगम और जल पुलिस ने बनारस के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा घाटों को अति खतरनाक घोषित कर रखा है. लेकिन ना यहां आने वाले लोग समझते हैं और ना गंगा स्नान करने आने वाले पर्यटक. इसलिए अगर आप भी गंगा स्नान करने या वाराणसी घूमने के लिए आ रहे हैं, तो इन घाटों पर बच कर रहिएगा क्योंकि हो सकता है, आपकी लापरवाही आपको खतरे में डाल दे.

लोगों को डूबने से बचाया गया: वाराणसी में गंगा में डूबने वालों की संख्या को बढ़ता देख नगर निगम और जल पुलिस ने मिलकर वाराणसी के कई घाटों को डेंजर जोन में डाल दिया है. लेकिन, लोग मानने को तैयार ही नहीं है. दो दिनों में दो ऐसी घटनाएं सामने हुई है. जिसमें तीन लोगों की जिंदगी पुलिस ने काफी मुश्किल से बचाई है. दो दिन पहले रविवार को लखनऊ से आए मोहित और उनकी पत्नी नेहा गंगा स्नान करने के लिए तुलसी घाट पहुंची थीं. यहां पर गहराई का अंदाजा नहीं हुआ और दोनों डूबने लगे, वह तो ईश्वर का शुक्र था कि वहां पर मौजूद पुलिस वालों ने पानी में छलांग लगाई और दोनों को बचा लिया.

इसे भी पढ़े-अब गंगा घाट पर बिना अनुमति के नहीं कर पाएंगे कोई कार्यक्रम, वाराणसी नगर निगम ने जारी किया नया आदेश

सोमवार को इसी तरह से दिल्ली के पालम नगर से आए अज्ञात गुप्ता गंगा स्नान करने के लिए तुलसी घाट पर उतरे और गहरे पानी में जाकर डूबने लगे. इसके बाद हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने नाविकों की मदद से उन्हें बचा लिया, लेकिन हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता है. इसके पहले वाराणसी में तुलसी घाट पर स्नान के दौरान मिर्जापुर के 17 वर्ष के संदेश पटेल की डूबने से मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं संदेश के गुण डूबने से चार दिन पहले भी हादसों का दौर जारी था. 5 जून 2023 को देवरिया के पवन कुमार और 6 जून 2023 को महाराष्ट्र के सागर दिनकर की भी डूबने से मौत हुई थी.

बनारस के कई घाट खतरनाक: गंगा में डूबने की घटनाओं को लेकर हाल ही में जल पुलिस ने घाटों के खतरे को लेकर एक सर्वे भी किया है. जिसमें यह बात सामने आई है कि बनारस के कई घाट खतरनाक होते जा रहे हैं. बीते छह साल में 2023 में सबसे 26 लोगों की मौत गंगा में डूबने से हुई, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 112 था. गंगा घाटों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण वर्ष 2018 से 2022 तक डूबकर मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी.

जल पुलिस और एनडीआरएफ की सतर्कता की वजह से वर्ष 2023 में यह आंकड़ा बेहद कम हो गया. हालांकि गंगा में स्नान करने वालों के गहरे पानी में जाने के साथ ही राजघाट और विश्वसुंदरी पुल पर रेलिंग नहीं होने की वजह से भी वहां से छलांग लगाने वालों की संख्या बरकरार है. जल पुलिस के प्रभारी मिथिलेश यादव का कहना है, कि जेटी की वजह से स्नान करने वालों को सुरक्षित स्थान मिलता है. लेकिन, अभी पानी ज्यादा होने के कारण अभी खतरा ज्यादा है. वर्ष 2022 से 2023 के बीच सभी जेटी लगाई गई हैं. इसके बाद डूबने वालों की संख्या में एकदम से कमी आई है.

इस बारे में नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है, कि नगर निगम की तरफ से इन घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से बस लगाकर रेलिंग लगाना चेन लगाना, रस्सी लगाकर लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए एक स्थान तक खतरे के निशान को बनाया गया है. ताकि लोग उसके अंदर स्नान करें. इसके अलावा घाटों पर बोर्ड भी लगाए जाते हैं, ताकि लोग सचेत रहे. हालात स्थानीय लोगों का कहना है, कि लोग मानते नहीं है. रोकने पर भी लोग गहरे पानी में जाते हैं. जिसकी वजह से हादसे होते हैं.

ये घाट हैं खतरनाक: तुलसीघाट, शिवाला घाट, केदार घाट, अहिल्याबाई घाट, मान मंदिर घाट, मीरघाट, सिंधिया घाट, राजघाट, नमो घाट

आंकड़े जल पुलिस के अनुसार

वर्ष गंगा में हुई मौत

201859
2019 73
202066
202178
2022112
202326



आंकड़े जिन्हें बचाया गया

202478
202333
202214



संख्या में कम है जल पुलिस के जवान

1प्रभारी निरीक्षक
3उप निरीक्षक
18हेड कॉन्स्टेबल
22 कॉन्स्टेबल
4बोट चालक
6प्रिशिक्षी होमगार्ड
टोटल 48
चलने योग्य बोट4
खराब बोट5




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