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गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से एक शख्स की मौत, पानी छीन रहा जिंदगानी ! - kidney disease Death In Supebeda

गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव के लोग सालों से शुद्ध पानी के अभाव में मर रहे हैं. गांव में अब तक 82 से अधिक शख्स की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है.

Death In Supebeda
शुद्ध पानी के आभाव में मर रहा सुपेबेड़ा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 29, 2024, 7:09 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 7:31 PM IST

गरियाबंद: गरियाबंद के सुपेबेड़ा में एक शख्स की मौत किडनी की बीमारी से हो गई है. मृतक का नाम नवीन सोनवानी है. वो कई सालों से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था. उसका इलाज रायपुर एम्स में चल रहा था. बताया जा रहा है कि 15 बार नवीन ने डायलिसिस करवाया था. बावजूद इसके किडनी की बीमारी से उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही गांव में अब तक 82 से अधिक लोगों की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है.

पानी के कारण बीमार पड़ रहे लोग: दरअसल, गरियाबंद के सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए की जाती है. सालों से यहां के लोग किडनी की बीमारी से मर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों में दूषित पानी पीने की वजह से ये बीमारी हो रही है. गांव में फैली इस बीमारी का कारण दूषित पानी बताया जा रहा है. 23 दिसम्बर साल 2018 को गांव में शुद्ध पेयजल के लिए सरकार की ओर से तेल नदी से एक साल के भीतर पानी लाने की घोषणा की गई थी. इस बीच सरकारें बदली, हालांकि गांव में पेयजल की समस्या का समाधान नहीं मिल पाया. सालों बीतने के बाद भी टेंडर जारी नहीं हो पाया है.

अब तक 82 से अधिक लोगों की किडनी की बीमारी से मौत: बता दें कि ये पहला मामला नहीं है, जब सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से किसी शख्स की मौत हुई हो. इससे पहले भी कई लोगों की इस गांव में किडनी की बीमारी से मौत हो चुकी है. गांव में 82 से अधिक लोगों की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है. इसका कारण यहां के तेल नदी का पानी माना जा रहा है. माना जा रहा है कि तेल नदी से साफ पानी न मिलने के कारण लोगों को गंदा पानी ही पीकर जीना पड़ रहा है. यही कारण है कि अधिकतर लोग किडनी की बीमारी से मर रहे हैं. वहीं, प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है.

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गरियाबंद: गरियाबंद के सुपेबेड़ा में एक शख्स की मौत किडनी की बीमारी से हो गई है. मृतक का नाम नवीन सोनवानी है. वो कई सालों से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था. उसका इलाज रायपुर एम्स में चल रहा था. बताया जा रहा है कि 15 बार नवीन ने डायलिसिस करवाया था. बावजूद इसके किडनी की बीमारी से उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही गांव में अब तक 82 से अधिक लोगों की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है.

पानी के कारण बीमार पड़ रहे लोग: दरअसल, गरियाबंद के सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए की जाती है. सालों से यहां के लोग किडनी की बीमारी से मर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों में दूषित पानी पीने की वजह से ये बीमारी हो रही है. गांव में फैली इस बीमारी का कारण दूषित पानी बताया जा रहा है. 23 दिसम्बर साल 2018 को गांव में शुद्ध पेयजल के लिए सरकार की ओर से तेल नदी से एक साल के भीतर पानी लाने की घोषणा की गई थी. इस बीच सरकारें बदली, हालांकि गांव में पेयजल की समस्या का समाधान नहीं मिल पाया. सालों बीतने के बाद भी टेंडर जारी नहीं हो पाया है.

अब तक 82 से अधिक लोगों की किडनी की बीमारी से मौत: बता दें कि ये पहला मामला नहीं है, जब सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से किसी शख्स की मौत हुई हो. इससे पहले भी कई लोगों की इस गांव में किडनी की बीमारी से मौत हो चुकी है. गांव में 82 से अधिक लोगों की मौत किडनी की बीमारी से हो चुकी है. इसका कारण यहां के तेल नदी का पानी माना जा रहा है. माना जा रहा है कि तेल नदी से साफ पानी न मिलने के कारण लोगों को गंदा पानी ही पीकर जीना पड़ रहा है. यही कारण है कि अधिकतर लोग किडनी की बीमारी से मर रहे हैं. वहीं, प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है.

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Last Updated : Mar 29, 2024, 7:31 PM IST
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