लखनऊ: बुधवार को राजधानी के केजीएमयू स्थित पोस्टमार्टम हाउस में शव बदलने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. आरोप है कि पुलिस की गलती से डेडबॉडी बदल गईं. एक परिवार ने दूसरे के शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया.
उन्नाव के रहने वाले रामलखन ने बताया कि केजीएमयू स्थित गांधी वार्ड में मंगलवार को बेटी संध्या प्रजापति की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया. पंचनामा कराकर बुधवार को जब वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो उसे बताया गया कि संध्या का शव सौंप दिया गया है और यहां से जा चुका है. जब जानकारी की गई तो पता चला कि शव बदल गया है. संध्या के शव को कोई और लेकर चला गया है. उसे बताया गया कि संध्या का शव एक अन्य शव संध्या त्रिवेदी के परिवार को सौंप दिया गया है, जिसका गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.
रामलखन ने बताया कि जानकारी मिलते ही जब वह गुलाला घाट पहुंचा तो वहां उसकी पत्नी का शव जलाया जा रहा था. ऐसे में वह कैसे पहचानता. पुलिसकर्मियों ने उसे गुलाला घाट पर ही बैठा लिया और उस पर शांत होने का दबाव बनाया जाने लगा. वहीं केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस बॉडी लेकर आती है. पोस्टमार्टम के बाद बॉडी पुलिस को सौंप दी जाती है. पुलिस ही परिजनों को शव की शिनाख्त कराती है. इस मामले में किसने लापरवाही की है, यह तो जांच का विषय है.
चौक कोतवाली के अतिरिक्त निरीक्षक वीरेंद्र सिंह के मुताबिक हड़बड़ी में दोनों शव बदल गए थे. संध्या प्रजापति को दूसरा पक्ष अपनी बेटी संध्या त्रिवेदी का शव समझ घाट ले गया और अंतिम संस्कार कर दिया. मामला संज्ञान में आते ही दोनों पक्षों की आपस में बात कराई गई. जिसमें रामलखन को उनकी बेटी की शव की राख सौंप दी गई, जबकि संध्या त्रिवेदी की शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया.
यह भी पढ़ें : शॉर्ट सर्किट से घर में रखे 2 सिलेंडर में विस्फोट, पति-पत्नी और बच्चों समेत 5 जिंदा जले
यह भी पढ़ें : बर्थडे पर केक लेने बाजार जा रहे मां और बेटे को ट्रक ने कुचला, बच्चे की मौत