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'जनता की अदालत' में पहुंचीं DCW कर्मचारी हुईं निराश, कहा- 10 महीने से नहीं मिली सैलरी - JANTA KI ADALAT ME KEJRIWAL - JANTA KI ADALAT ME KEJRIWAL

JANTA KI ADALAT ME KEJRIWAL: दिल्ली में AAP की ओर से रविवार को 'जनता की अदालत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान दिल्ली महिला आयोग की महिला कर्मचारियों ने वेतन को लेकर उनसे बात करनी चाही, लेकिन उन्हें निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ा. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

'जनता की अदालत में केजरीवाल' कार्यक्रम में पहुंचीं DCW कर्मचारी
'जनता की अदालत में केजरीवाल' कार्यक्रम में पहुंचीं DCW कर्मचारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 22, 2024, 4:56 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में रविवार को जंतर मंतर आम आदमी पार्टी ने 'जनता की अदालत में केजरीवाल' कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान जेल से छूटने के बाद पहली बार केजरीवाल ने जनता के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने का प्रयास किया. वहीं जनता की अदालत में कई लोग इस उम्मीद के साथ पहुंचे थे कि उनकी समस्याओं को भी सुना जाएगा. कार्यक्रम में दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली कुछ महिलाएं भी फरियाद लेकर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.

दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली ज्योति ने बताया कि 10 महीने से वेतन नहीं मिला है. वह सिंगल मदर हैं और बच्चों की पढ़ाई और लालन-पालन के लिए उन्होंने अपने जेवरात गिरवी रखे हैं. आज जनता की अदालत में वह इस उम्मीद से आईं थी कि केजरीवाल उनकी बात सुनेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. अपनी समस्याओं को लेकर उन्होंने कई बार स्वाति मालीवाल से भी बातचीत करने की कोशिश की, कोई हल नहीं निकला.

यह भी पढ़ें- आतिशी ने पैर छूकर लिया केजरीवाल से आशीर्वाद, जानिए कैसा रहा शपथ ग्रहण समारोह

कोई सुनने वाला नहीं: उनके अलावा पुष्पा ने कहा कि वह 2016 से दिल्ली महिला आयोग में काम कर रही हैं. 9-10 महीने से उनकी सैलरी नहीं आई. पति की भी नौकरी नहीं है. बहुत मुश्किल आ रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. जनता की अदालत में हमें उम्मीद की थी अरविंद केजरीवाल हमसे बात करेंगे और हमारी समस्याओं को सुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने अपनी समस्याएं बताई और अपने आप को निर्दोष साबित करने कोशिश कर चले गए. वहीं शकीला नामक महिला ने कहा कि आप और बीजेपी की राजनीति के चक्कर में दिल्ली महिला आयोग की महिलाएं पिस रही हैं. अगर समय से सैलरी नहीं मिलेगी, तो सरकार हमसे अच्छे काम की उम्मीद कैसे रखती है.

यह भी पढ़ें- केजरीवाल का BJP पर बड़ा हमला, RSS प्रमुख से 5 सवाल, पूछा- आडवाणी रिटायर हुए तो मोदी क्यों नहीं?

नई दिल्ली: राजधानी में रविवार को जंतर मंतर आम आदमी पार्टी ने 'जनता की अदालत में केजरीवाल' कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान जेल से छूटने के बाद पहली बार केजरीवाल ने जनता के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने का प्रयास किया. वहीं जनता की अदालत में कई लोग इस उम्मीद के साथ पहुंचे थे कि उनकी समस्याओं को भी सुना जाएगा. कार्यक्रम में दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली कुछ महिलाएं भी फरियाद लेकर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.

दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली ज्योति ने बताया कि 10 महीने से वेतन नहीं मिला है. वह सिंगल मदर हैं और बच्चों की पढ़ाई और लालन-पालन के लिए उन्होंने अपने जेवरात गिरवी रखे हैं. आज जनता की अदालत में वह इस उम्मीद से आईं थी कि केजरीवाल उनकी बात सुनेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. अपनी समस्याओं को लेकर उन्होंने कई बार स्वाति मालीवाल से भी बातचीत करने की कोशिश की, कोई हल नहीं निकला.

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कोई सुनने वाला नहीं: उनके अलावा पुष्पा ने कहा कि वह 2016 से दिल्ली महिला आयोग में काम कर रही हैं. 9-10 महीने से उनकी सैलरी नहीं आई. पति की भी नौकरी नहीं है. बहुत मुश्किल आ रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. जनता की अदालत में हमें उम्मीद की थी अरविंद केजरीवाल हमसे बात करेंगे और हमारी समस्याओं को सुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने अपनी समस्याएं बताई और अपने आप को निर्दोष साबित करने कोशिश कर चले गए. वहीं शकीला नामक महिला ने कहा कि आप और बीजेपी की राजनीति के चक्कर में दिल्ली महिला आयोग की महिलाएं पिस रही हैं. अगर समय से सैलरी नहीं मिलेगी, तो सरकार हमसे अच्छे काम की उम्मीद कैसे रखती है.

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