नई दिल्ली: राजधानी में रविवार को जंतर मंतर आम आदमी पार्टी ने 'जनता की अदालत में केजरीवाल' कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान जेल से छूटने के बाद पहली बार केजरीवाल ने जनता के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने का प्रयास किया. वहीं जनता की अदालत में कई लोग इस उम्मीद के साथ पहुंचे थे कि उनकी समस्याओं को भी सुना जाएगा. कार्यक्रम में दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली कुछ महिलाएं भी फरियाद लेकर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.
दिल्ली महिला आयोग में काम करने वाली ज्योति ने बताया कि 10 महीने से वेतन नहीं मिला है. वह सिंगल मदर हैं और बच्चों की पढ़ाई और लालन-पालन के लिए उन्होंने अपने जेवरात गिरवी रखे हैं. आज जनता की अदालत में वह इस उम्मीद से आईं थी कि केजरीवाल उनकी बात सुनेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. अपनी समस्याओं को लेकर उन्होंने कई बार स्वाति मालीवाल से भी बातचीत करने की कोशिश की, कोई हल नहीं निकला.
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कोई सुनने वाला नहीं: उनके अलावा पुष्पा ने कहा कि वह 2016 से दिल्ली महिला आयोग में काम कर रही हैं. 9-10 महीने से उनकी सैलरी नहीं आई. पति की भी नौकरी नहीं है. बहुत मुश्किल आ रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. जनता की अदालत में हमें उम्मीद की थी अरविंद केजरीवाल हमसे बात करेंगे और हमारी समस्याओं को सुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने अपनी समस्याएं बताई और अपने आप को निर्दोष साबित करने कोशिश कर चले गए. वहीं शकीला नामक महिला ने कहा कि आप और बीजेपी की राजनीति के चक्कर में दिल्ली महिला आयोग की महिलाएं पिस रही हैं. अगर समय से सैलरी नहीं मिलेगी, तो सरकार हमसे अच्छे काम की उम्मीद कैसे रखती है.
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