दौसा. जिले की साइबर थाना पुलिस ने मंगलवार को साइबर फ्रॉड के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी पहले भी साइबर ठगी के एक मामले में जेल जा चुका है. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया. जहां से आरोपी को पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है.
दरअसल, जिले के बैजूपाड़ा थाना क्षेत्र के नांगल लोटवाड़ा निवासी रमेश चंद शर्मा पुत्र गोविंद नारायण शर्मा ने 27 अक्टूबर, 2023 को साइबर थाने में एक प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें पीड़ित ने बताया कि 8 अक्टूबर, 2023 को इंडियन आर्मी ओल्डट कॉइन कंपनी के नाम से व्हाट्सऐप नंबर पर एक मैसेज आया. जिसमें आरोपी द्वारा पुराने सिक्के का व्यापार करने की बात कही. पीड़ित के पास बड़ी संख्या में पुराने सिक्के थे. जिनके फोटो पीड़ित ने आरोपी के व्हाट्सऐप पर शेयर किए थे.
सिक्कों की कीमत करोड़ों में बताकर दिया लालच: इस दौरान साइबर ठग ने पीड़ित को पुराने सिक्कों की कीमत 1 करोड़ 77 लाख रुपए बताई. जिसके चलते पीड़ित लालच में आकर साइबर ठगों के चुंगल में फंस गया. इस दौरान साइबर ठगों ने पीड़ित से दूरभाष पर संपर्क कर रजिस्ट्रेशन फीस और इनकम टैक्स के नाम पर पीड़ित से खातों में राशि डलवाना शुरू कर दिया. इसके बाद सिक्कों की राशि पार्सल के जरिए भेजने का नाम लेते हुए गाड़ी खराब होना और पुलिस द्वारा गाड़ी पकड़ने के नाम पर 3 लाख 57 हजार 540 रुपए की राशि खाते में डलवा ली.
मामला दर्ज कर पुलिस ने शुरू की जांच: साइबर थाने के डिप्टी एसपी ब्रजेश कुमार मीना ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच शुरू की. इस दौरान जांच में जाहिद (24) पुत्र मोरमल मेव निवासी गोलकी थाना सीकरी जिला डीग की भूमिका सामने आई. जिसके चलते आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. ऐसे में पूछताछ में आरोपी ने साइबर ठगी की वारदात करना कबूल की. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा है.
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इस तरह शिकार को जाल में फंसाते: डिप्टी एसपी ब्रजेश कुमार मीना ने बताया कि साइबर ठग फेसबुक या व्हाट्सऐप के जरिए पुराने सिक्कों का ऐड देते हैं. जिनके पास पुराने सिक्के होते हैं, वे उनसे संपर्क करते हैं. इस दौरान साइबर ठग अपने शिकार को पुराने सिक्कों का मूल्य करोड़ों में बताकर लालच देते हैं. जिससे पीड़ित साइबर ठगों के जाल में फंस जाता है. इसके बाद साइबर ठग पुराने सिक्कों को, जिनका मूल्य अधिक होता है. उन्हें पार्सल कर देने का बहाना करते हैं. वहीं जीएसटी, आरटीओ टैक्स, इनकम टैक्स और गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देते है.