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दौसा के सियासी रण का फैसला आज, जानें इस सीट का पिछला इतिहास - Dausa Loksabha Seat Result

Dausa Loksabha Seat Result, दौसा संसदीय सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, लेकिन साल 2009 से यहां कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई. वहीं, 2014 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है, लेकिन आज का परिणाम राज्य की दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम है.

Dausa Loksabha Seat Result
लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट (ETV BHARAT GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 4, 2024, 5:30 AM IST

दौसा. दौसा संसदीय सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, लेकिन साल 2009 से यहां कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई है. वहीं, 2014 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है, लेकिन आज का परिणाम राज्य की दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम है, क्योंकि इस सीट पर दोनों ही पार्टियों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है. पूर्वी राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस नेता सचिन पायलट और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर रही. चुनाव से पहले दौसा के सियासी संग्राम में भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया. वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी यहां पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की. अगर 2009 से पहले की बात करें तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन 2014 के बाद इस सीट पर भाजपा कब्जा कायम है.

कांग्रेस ने वर्तमान विधायक और भाजपा ने पूर्व मंत्री को दिया टिकट : दौसा सीट पर चुनाव से पहले टिकट को लेकर भी खूब माथापच्ची हुई. अंतिम समय में भारतीय जनता पार्टी ने कन्हैया लाल मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया. कन्हैया लाल मीणा लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे. हालांकि, मीणा पूर्व में बस्सी विधानसभा से चार बार विधायक रहे. वहीं, राज्य सरकार में मंत्री भी रहे थे. इस प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा की बात करें तो वो कुशल राजनीतिक माने जाते हैं और वर्तमान में दौसा से विधायक भी हैं. ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. मुरारीलाल मीणा पहले एक बार बांदीकुई से और दौसा से कुल तीन बार विधायक बन चुके हैं. दोनों ही प्रत्याशी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं.

Dausa Loksabha Seat Result
दौसा में इनके बीच मुकाबला (ETV BHARAT GFX)

इसे भी पढ़ें - 4 जून को आएगा लोकसभा चुनाव का परिणाम, जानें क्यों राजस्थान की इन सीटों को लेकर पसोपेश में है भाजपा - Rajasthan BJP Dilemma

पायलट, गहलोत और डोटासरा ने भी की थी जनसभा : पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए सियासी संकट और गहलोत पायलट विवाद के दौरान मुरारीलाल मीणा सचिन पायलट गुट में शामिल थे. पायलट गहलोत के मतभेदों को ही राजस्थान में सत्ता की वापसी नहीं होने का प्रमुख कारण माना गया है. हालांकि, अब सचिन पायलट गुट के मुरारीलाल मीणा को टिकट मिलने के बाद भी गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा उनके समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गीजगढ़ में सैनी (माली) वोटों को साधने के लिए जनसभा की तो सचिन पायलट ने गाजीपुर, बांदीकुई में गुर्जर मतदाताओं को साधने के लिए मुरारीलाल मीणा के समर्थन में जनसभा की थी. इसी तरह दौसा लोकसभा के चाकसू विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जाट मतदाता हैं. जाट मतदाताओं को साधने के लिए गोविंद सिंह डोटासरा भी मुरारीलाल मीणा के समर्थन में जनसभा को संबोधित किए.

दांव पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की साख : दौसा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा की साख भी दांव पर लगी है. किरोड़ीलाल मीणा वर्तमान में भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और सवाई माधोपुर से विधायक हैं. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा दौसा से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं देकर पार्टी ने कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में एससी-एसटी मतदाताओं का कांग्रेस की तरफ झुकाव अधिक नजर आया था. ऐसे में एसटी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने तुरुप के इक्के किरोड़ीलाल मीणा को मैदान में उतारा था. इसके लिए किरोड़ीलाल मीणा ने दौसा के नांगल राजावतान में मीणा समाज की बैठक कर भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए पंच पटेलों से फैसला करवाया था.

इसे भी पढ़ें - दौसा में किरोड़ी ने देशी अंदाज में लगाए ठुमके...आप भी देखिए - PM Road Show In Dausa

वहीं, महुआ में भी एसटी के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि महुआ से भाजपा नहीं जीती तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. इधर, किरोड़ीलाल मीणा को आदिवासियों का बड़ा फेस प्रेजेंट करने की तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान भी सामने आई थी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रथ पर एक ओर भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीना थे तो दूसरी ओर किरोड़ीलाल मीणा खड़े नजर आए थे. ऐसे में किरोड़ीलाल मीणा की पीएम मोदी के साथ रथ पर सवार होना न केवल दौसा जिले के आदिवासी मतदाताओं, बल्कि पूर्वी राजस्थान के आदिवासी मतदाताओं को साधने की कोशिश की थी.

क्षेत्र के जातिगत आंकड़े : दौसा लोकसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों की बात करें तो मीणा मतदाताओं की संख्या करीब 4,65000 है. वहीं, अनुसूचित जाति के मतदाता करीब चार लाख है. इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता सवा तीन लाख और 75 हजार राजपूत मतदाता हैं. इसके अलावा दो लाख गुर्जर मतदाता, 1,65000 माली और 35000 जाट मतदाता हैं. इस सीट पर अन्य मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख से अधिक है.

इसे भी पढ़ें - बयानबाजी ने बढ़ाई सियासी तपिश, दिलावर के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, शिक्षा मंत्री को कहा भ्रष्टाचार का अड्डा - Congress Hits Back At Dilawar

पायलट के गढ़ में किरोड़ीलाल ने लगाई थी सेंध : दौसा सीट के इतिहास की बात करें तो दौसा से कई दिग्गज नेताओं के नाम जुड़े हैं, लेकिन दौसा में लंबे समय तक पायलट परिवार का कब्जा रहा. यहां से राजेश पायलट सांसद रहे. वहीं, दौसा से उनकी पत्नी रमा पायलट भी सांसद बनी. साथ ही सचिन पायलट भी दौसा से सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में किरोड़ीलाल मीणा यहां से निर्दलीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. वहीं, पिछले दो चुनावों की बात करें तो इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. कांग्रेस के वर्तमान विधायक और सवाई माधोपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश मीणा 2014 में भाजपा के सिंबल पर नेशनल पीपुल्स पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े किरोड़ीलाल मीणा को 45404 वोटों से हराकर लोकसभा चुनाव में जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में जसकौर मीणा ने भाजपा के सिंबल पर दौसा से चुनाव लड़ा और 5,48,733 वोट हासिल कर अपनी जीत दर्ज की. इस दौरान दौसा से कांग्रेस प्रत्याशी रही सविता मीणा 4,70,289 वोट हासिल करने के बाद भी 68444 वोटों से चुनाव हार गई थी.

दौसा. दौसा संसदीय सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है, लेकिन साल 2009 से यहां कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई है. वहीं, 2014 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है, लेकिन आज का परिणाम राज्य की दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम है, क्योंकि इस सीट पर दोनों ही पार्टियों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है. पूर्वी राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस नेता सचिन पायलट और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर रही. चुनाव से पहले दौसा के सियासी संग्राम में भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया. वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी यहां पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की. अगर 2009 से पहले की बात करें तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन 2014 के बाद इस सीट पर भाजपा कब्जा कायम है.

कांग्रेस ने वर्तमान विधायक और भाजपा ने पूर्व मंत्री को दिया टिकट : दौसा सीट पर चुनाव से पहले टिकट को लेकर भी खूब माथापच्ची हुई. अंतिम समय में भारतीय जनता पार्टी ने कन्हैया लाल मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया. कन्हैया लाल मीणा लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे. हालांकि, मीणा पूर्व में बस्सी विधानसभा से चार बार विधायक रहे. वहीं, राज्य सरकार में मंत्री भी रहे थे. इस प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा की बात करें तो वो कुशल राजनीतिक माने जाते हैं और वर्तमान में दौसा से विधायक भी हैं. ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. मुरारीलाल मीणा पहले एक बार बांदीकुई से और दौसा से कुल तीन बार विधायक बन चुके हैं. दोनों ही प्रत्याशी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं.

Dausa Loksabha Seat Result
दौसा में इनके बीच मुकाबला (ETV BHARAT GFX)

इसे भी पढ़ें - 4 जून को आएगा लोकसभा चुनाव का परिणाम, जानें क्यों राजस्थान की इन सीटों को लेकर पसोपेश में है भाजपा - Rajasthan BJP Dilemma

पायलट, गहलोत और डोटासरा ने भी की थी जनसभा : पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए सियासी संकट और गहलोत पायलट विवाद के दौरान मुरारीलाल मीणा सचिन पायलट गुट में शामिल थे. पायलट गहलोत के मतभेदों को ही राजस्थान में सत्ता की वापसी नहीं होने का प्रमुख कारण माना गया है. हालांकि, अब सचिन पायलट गुट के मुरारीलाल मीणा को टिकट मिलने के बाद भी गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा उनके समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गीजगढ़ में सैनी (माली) वोटों को साधने के लिए जनसभा की तो सचिन पायलट ने गाजीपुर, बांदीकुई में गुर्जर मतदाताओं को साधने के लिए मुरारीलाल मीणा के समर्थन में जनसभा की थी. इसी तरह दौसा लोकसभा के चाकसू विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक जाट मतदाता हैं. जाट मतदाताओं को साधने के लिए गोविंद सिंह डोटासरा भी मुरारीलाल मीणा के समर्थन में जनसभा को संबोधित किए.

दांव पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की साख : दौसा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा की साख भी दांव पर लगी है. किरोड़ीलाल मीणा वर्तमान में भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और सवाई माधोपुर से विधायक हैं. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा दौसा से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं देकर पार्टी ने कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में एससी-एसटी मतदाताओं का कांग्रेस की तरफ झुकाव अधिक नजर आया था. ऐसे में एसटी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने तुरुप के इक्के किरोड़ीलाल मीणा को मैदान में उतारा था. इसके लिए किरोड़ीलाल मीणा ने दौसा के नांगल राजावतान में मीणा समाज की बैठक कर भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए पंच पटेलों से फैसला करवाया था.

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वहीं, महुआ में भी एसटी के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि महुआ से भाजपा नहीं जीती तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. इधर, किरोड़ीलाल मीणा को आदिवासियों का बड़ा फेस प्रेजेंट करने की तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान भी सामने आई थी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रथ पर एक ओर भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीना थे तो दूसरी ओर किरोड़ीलाल मीणा खड़े नजर आए थे. ऐसे में किरोड़ीलाल मीणा की पीएम मोदी के साथ रथ पर सवार होना न केवल दौसा जिले के आदिवासी मतदाताओं, बल्कि पूर्वी राजस्थान के आदिवासी मतदाताओं को साधने की कोशिश की थी.

क्षेत्र के जातिगत आंकड़े : दौसा लोकसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों की बात करें तो मीणा मतदाताओं की संख्या करीब 4,65000 है. वहीं, अनुसूचित जाति के मतदाता करीब चार लाख है. इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता सवा तीन लाख और 75 हजार राजपूत मतदाता हैं. इसके अलावा दो लाख गुर्जर मतदाता, 1,65000 माली और 35000 जाट मतदाता हैं. इस सीट पर अन्य मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख से अधिक है.

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पायलट के गढ़ में किरोड़ीलाल ने लगाई थी सेंध : दौसा सीट के इतिहास की बात करें तो दौसा से कई दिग्गज नेताओं के नाम जुड़े हैं, लेकिन दौसा में लंबे समय तक पायलट परिवार का कब्जा रहा. यहां से राजेश पायलट सांसद रहे. वहीं, दौसा से उनकी पत्नी रमा पायलट भी सांसद बनी. साथ ही सचिन पायलट भी दौसा से सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में किरोड़ीलाल मीणा यहां से निर्दलीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. वहीं, पिछले दो चुनावों की बात करें तो इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. कांग्रेस के वर्तमान विधायक और सवाई माधोपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश मीणा 2014 में भाजपा के सिंबल पर नेशनल पीपुल्स पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े किरोड़ीलाल मीणा को 45404 वोटों से हराकर लोकसभा चुनाव में जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में जसकौर मीणा ने भाजपा के सिंबल पर दौसा से चुनाव लड़ा और 5,48,733 वोट हासिल कर अपनी जीत दर्ज की. इस दौरान दौसा से कांग्रेस प्रत्याशी रही सविता मीणा 4,70,289 वोट हासिल करने के बाद भी 68444 वोटों से चुनाव हार गई थी.

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