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फर्जी क्रिप्टो करेंसी कंपनी के नाम पर 2 करोड़ की ठगी, दरभंगा पुलिस ने मास्टरमाइंड को पकड़ा - Fraud In Darbhanga - FRAUD IN DARBHANGA

Darbhanga Police Arrested Fraudster: दरभंगा में ठगी करने का नया मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी क्रिप्टो करेंसी कंपनी के नाम पर 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई. दरभंगा पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 10, 2024, 11:13 AM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने ठगी गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर उसके खाते की जांच कर करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला पकड़ा है. ठगी गिरोह का मास्टरमाइंड बेगूसराय जिले के पश्चिम अमरपुर निवासी अजय कुमार राय है. इसके साथ मधुबनी जिले के बिस्फी थाना निवासी नीतेश कुमार झा और एक अन्य को नामजद किया गया है.

7 महीने में पैसे चार गुना: गिरफ्तार और नामजद पर डब्ल्यूईएफएल कंपनी के माध्यम से सात महीने में पैसा चार गुना करने का झांसा देकर, दो करोड़ से अधिक की ठगी करने का आरोप है. जानकारी देते हुए नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में साइबर थाना में एक मामला दर्ज हुआ था. जिसमें आवेदक विवेकानंद महाराज ने कहा कि अजय कुमार राय और नितेश कुमार ने उसे कंपनी ने निवेश कर 7 महीने में चार गुना का प्रलोभन देकर 1 लाख रुपया ठग लिया.

एजेंटों के माध्यम से देते थे झांसा: ठगी के सामने आने के बाद जांच के क्रम में पता चला कि इन लोगों ने इस प्रकार की ठगी सैकड़ो लोगों के साथ की है. ये लोग भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए होटल में सेमिनार का आयोजन कर एजेंटों के माध्यम से लोगों को रुपए को डबल करने का झांसा देंते थे. वहीं प्रलोभन देते की कहते थे कि अगर इस स्कीम में आप लोग अन्य लोगों को जोड़ते हैं तो उसका भी कमीशन आप लोगों को मिलेगा.

ठगी के लिए बनाया फर्जी वेबसाइट: नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन लोगों ने इस षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए एक वेबसाइट बनवाया था. यह कहते थे कि इसमें आप अपने रुपये का इन्वेस्ट करें, आपका रुपया डॉलर के माध्यम से प्रतिदिन बढ़ता दिखेगा. काफी लोगों ने उनके इस झांसे में आकर अपना पैसा लगाया और वेबसाइट पर उनका रुपया बढ़ता नजर आया.

बहकावे में आकर लोगों ने की गलती: एक दिन कंपनी के लोगों ने कहा कि यह वेबसाइट बंद होने वाली है. इसमें जितना भी आपका डॉलर जमा है वह लोगों की लॉगिन आईडी से नए लॉगिन डोमेन आईडी में ट्रांसफर हो जाएगा. इसके लिए नए ऐप को डाउनलोड करना पड़ेगा और कुछ और टोकन खरीदने पड़ेंगे, नहीं तो पुरानी आईडी बंद हो जाएगी और लोग अपना पैसा नहीं निकाल पाएंगे. अपनी जमा पूंजी बर्बाद और बहकावे में आकर लोगों ने ठगों के कहने पर और पैसा दे दिया.

गोवा ट्रिप और आईफोन का दिया प्रलोभन: वहीं नगर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच के क्रम में 100 से ज्यादा लोगों ने इस बात की शिकायत की. इन लोगों ने दो करोड़ से ज्यादा की राशि को अकाउंट से अकाउंट ट्रांसफर करवाया है, जिसमें अजय कुमार राय ने बहुत ज्यादा रुपया अपने अकाउंट में ट्रांसफर लिया था. साथ ही कंपनी के अन्य सहयोगियों के खाते में भी रुपये ट्रांसफर कर लिए गए. इस दौरान इन लोगों ने पब्लिक को विश्वास में रखने के लिए गोवा के ट्रिप के साथ गिफ्ट के तौर पर आईफोन वह अन्य सामान देने का प्रलोभन दिया ताकि लोगों में विश्वास बना रहे.

"कुल मिलाकर देखा जाए तो क्रिप्टो करेंसी और पिरामिड स्क्रीम को जोड़कर एक ठगी स्कीम का संरचना की गई है. इस पूरे मामले में प्राथमिक अभियुक्त अजय कुमार राय को बनाया गया है. जिसने कंपनी को बनाया था, उसको गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आगे की करवाई की जा रही है. इन लोगों ने इस कंपनी को 2022 में बनाया था, जिसमें अजय कुमार राय, नितेश कुमार के अलावा एक अन्य शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है."-शुभम आर्य, नगर पुलिस अधीक्षक

पढ़ें-दरभंगा: नौकरी देने के नाम पर ठगी के आरोप में पति-पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने ठगी गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर उसके खाते की जांच कर करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला पकड़ा है. ठगी गिरोह का मास्टरमाइंड बेगूसराय जिले के पश्चिम अमरपुर निवासी अजय कुमार राय है. इसके साथ मधुबनी जिले के बिस्फी थाना निवासी नीतेश कुमार झा और एक अन्य को नामजद किया गया है.

7 महीने में पैसे चार गुना: गिरफ्तार और नामजद पर डब्ल्यूईएफएल कंपनी के माध्यम से सात महीने में पैसा चार गुना करने का झांसा देकर, दो करोड़ से अधिक की ठगी करने का आरोप है. जानकारी देते हुए नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में साइबर थाना में एक मामला दर्ज हुआ था. जिसमें आवेदक विवेकानंद महाराज ने कहा कि अजय कुमार राय और नितेश कुमार ने उसे कंपनी ने निवेश कर 7 महीने में चार गुना का प्रलोभन देकर 1 लाख रुपया ठग लिया.

एजेंटों के माध्यम से देते थे झांसा: ठगी के सामने आने के बाद जांच के क्रम में पता चला कि इन लोगों ने इस प्रकार की ठगी सैकड़ो लोगों के साथ की है. ये लोग भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए होटल में सेमिनार का आयोजन कर एजेंटों के माध्यम से लोगों को रुपए को डबल करने का झांसा देंते थे. वहीं प्रलोभन देते की कहते थे कि अगर इस स्कीम में आप लोग अन्य लोगों को जोड़ते हैं तो उसका भी कमीशन आप लोगों को मिलेगा.

ठगी के लिए बनाया फर्जी वेबसाइट: नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन लोगों ने इस षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए एक वेबसाइट बनवाया था. यह कहते थे कि इसमें आप अपने रुपये का इन्वेस्ट करें, आपका रुपया डॉलर के माध्यम से प्रतिदिन बढ़ता दिखेगा. काफी लोगों ने उनके इस झांसे में आकर अपना पैसा लगाया और वेबसाइट पर उनका रुपया बढ़ता नजर आया.

बहकावे में आकर लोगों ने की गलती: एक दिन कंपनी के लोगों ने कहा कि यह वेबसाइट बंद होने वाली है. इसमें जितना भी आपका डॉलर जमा है वह लोगों की लॉगिन आईडी से नए लॉगिन डोमेन आईडी में ट्रांसफर हो जाएगा. इसके लिए नए ऐप को डाउनलोड करना पड़ेगा और कुछ और टोकन खरीदने पड़ेंगे, नहीं तो पुरानी आईडी बंद हो जाएगी और लोग अपना पैसा नहीं निकाल पाएंगे. अपनी जमा पूंजी बर्बाद और बहकावे में आकर लोगों ने ठगों के कहने पर और पैसा दे दिया.

गोवा ट्रिप और आईफोन का दिया प्रलोभन: वहीं नगर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच के क्रम में 100 से ज्यादा लोगों ने इस बात की शिकायत की. इन लोगों ने दो करोड़ से ज्यादा की राशि को अकाउंट से अकाउंट ट्रांसफर करवाया है, जिसमें अजय कुमार राय ने बहुत ज्यादा रुपया अपने अकाउंट में ट्रांसफर लिया था. साथ ही कंपनी के अन्य सहयोगियों के खाते में भी रुपये ट्रांसफर कर लिए गए. इस दौरान इन लोगों ने पब्लिक को विश्वास में रखने के लिए गोवा के ट्रिप के साथ गिफ्ट के तौर पर आईफोन वह अन्य सामान देने का प्रलोभन दिया ताकि लोगों में विश्वास बना रहे.

"कुल मिलाकर देखा जाए तो क्रिप्टो करेंसी और पिरामिड स्क्रीम को जोड़कर एक ठगी स्कीम का संरचना की गई है. इस पूरे मामले में प्राथमिक अभियुक्त अजय कुमार राय को बनाया गया है. जिसने कंपनी को बनाया था, उसको गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आगे की करवाई की जा रही है. इन लोगों ने इस कंपनी को 2022 में बनाया था, जिसमें अजय कुमार राय, नितेश कुमार के अलावा एक अन्य शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है."-शुभम आर्य, नगर पुलिस अधीक्षक

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