दरभंगा: कुवैत में एक रिहायशी इमारत में आग लगने से 49 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 40 भारतीय कामगार बताए जा रहे हैं. वहीं, इस अग्निकांड की खबर मिलते ही दरभंगा जिला के नैनाघाट गांव में भी मातमी सन्नटा पसर गया. दरअसल, मदीना खातून के बड़ा बेटा कालू खान भी इस अग्निकांड का शिकार हो गया. परिजनों का कहना है कि मंगलवार रात 11 बजे तक उनकी कालू खान से बातचीत हुई थी. उसके बाद से संपर्क नहीं हो पा रहा था. दूतावास से संपर्क किया गया तो, उन्होंने पासपोर्ट की कॉपी मंगाई.
मॉल में काम करता था कालू: वहीं, कालू खान की मां मदीना खातून ने कहा कि दो साल पहले वह कुवैत गया था. वहां वह मॉल में काम करता था. अंतिम बात मंगलवार रात को हुई थी. उसने बोला था कि पैसा भेजेंगे, घर में बिजली का लाइन लगवा लेना. वहीं, उन्होंने कहा कि कालू को अगले महीने के पांच तारीख को आना था. जिसका टिकट बना हुआ था. 15 जून को नेपाल में उसकी शादी होनी थी. वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही कालू खां के घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि दूतावास से पासपोर्ट की कॉपी मांगी गई है. उनलोगों का कहना है कि किसी प्रकार की जानकारी मिलने पर दी जाएगी.
2022 में आखरी बार आया था: बताते चले कि कालू अपने तीन भाई में मझला भाई था. उसकी तीन बहन थी. जिसमें से एक बहन की मौत हो गई थी, जिसके बेटे की भी देख रहे वही करता था. घर में वह इकलौता कमाने वाला था, जिससे घर का भरण पोषण होता था. अगस्त 2022 में वह आखरी बार गांव आया था. उसके पिता इस्लाम की भी मृत्यु 2011 में हो चुकी है. कालू लंबे समय से कुवैत में रहकर काम कर रहा है. वहां पर सुपर मार्केट में सेल्समैन का काम करता था, जिसके कंपनी का नाम एनबीटीसी है.
"मंगलवार रात 11 बजे तक कालू से बातचीत हुई थी. उसने बोला था कि पैसा भेजेंगे, घर में बिजली का लाइन लगवा लेना. कालू को अगले महीने के पांच तारीख को आना था. उसका टिकट भी बना हुआ था. 15 को नेपाल में उसकी शादी होनी थी. पता नहीं वह कहां है. दूतावास से पासपोर्ट की कॉपी मांगी गई है. उनलोगों का कहना है कि किसी प्रकार की जानकारी मिलने पर दी जाएगी." - मदीना खातून, कालू खां की मां
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