साहिबगंज: जिला में बहने वाली गंगा नदी अब अपना रौद्र रूप दिखा रही है, नदी खतरे के निशान से 92 सेमी ऊपर बह रही है. जिसके बाद साहिबगंज जिला पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ शहर के रिहायशी इलाकों में भी पानी घुसने लगा है. शहर का निचला इलाका भरतिया कॉलोनी में नाली के रास्ते पानी प्रवेश कर चुका है. नाले का गंदा पानी व कचरा घर में घुसने से लोग परेशान हैं. भरतिया कॉलोनी में करीब 30 से अधिक कमरों के ग्राउंड फ्लोर में पानी प्रवेश कर चुका है. जिससे 5 सौ से अधिक परिवार प्रभावित हो गए हैं.
इन घरों में रहने वाले लोग चौकी, पलंग को ईंट से ऊंचा कर खाना बनाने को विवश हैं. हर समय घर में पानी घुसने से लोग प्रभावित होने लगे हैं. अब धीरे धीरे लोग धर्मशाला में ठहरने के लिए परिवार के साथ निकलने लगे हैं. यहां बाढ़ प्रभावित लोग रहते हैं. भरतिया कॉलोनी के क्वार्टर की पहला मंजिला पर रहने वाले लोग भी प्रभावित होने लगे हैं. थोड़ी सी पानी और बढ़ी तो बिजली काट दी जाती है. पानी की रफ्तार यही रहा तो नगर परिषद क्षेत्र के 28 वार्ड भी प्रभावित हो जाएगा.
गंगा खतरे के निशान से 92 सेमी ऊपर बह रही नदी
गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी जारी है. अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में गंगा अधिकतम 28.10 मीटर पर पहुंचकर घटने लगी थी. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार को गंगा 28.17 मीटर पहुंच खतरे के निशान से 92 सेमी उपर बहने लगेगी. जिले में गंगा का खतरे का निशान 27.25 मीटर माप है. बक्सर को छोड़ सभी गेज स्थलों पर गंगा खतरे के निशान के उपर से बह रही है. हालांकि पटना, दीघाघाट, गांधीघाट तक गंगा के जलस्तर घटने की रिपोर्ट है. जिले में तीन से चार दिन के बाद गंगा स्थिर होगी. अगर गंगा स्थिर हो भी जाती है फिर भी स्थिति भयावह बनी रहेगी.
क्या कहा बाढ़ पीड़ितों ने
गंगा नदी के बाढ़ का पानी पिछले माह से अधिक हो चुका है. पिछले बार घर के चबूतरा तक पानी था. शनिवार की सुबह भरतिया कॉलोनी के निचला तल्ला में पानी प्रवेश कर गया है. लोग सुबह से घर का सामान सजाने में लगे हैं. चौकी को ईंट से ऊंचा कर सामान रखा जा रहा है. एक किसान ने कहा कि 700 एकड़ में पानी घुसने से धान बर्बाद होने लगा है. प्रति घंटा एक सेमी की रफ्तार से पानी बढ़ोतरी जारी.
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