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धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथियों का खतरा, देसी जुगाड़ से धान बचा रहे कर्मचारी - DANGER OF ELEPHANTS

कोरबा में करतला विकासखंड के धान खरीदी केंद्र में हाथियों का खतरा मंडरा रहा है.केंद्र के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर हाथी भगा रहे हैं.

Danger of elephants looms in paddy procurement centre
धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथियों का खतरा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

कोरबा : कोरबा के करतला में धान उपार्जन केंद्र पर हाथियों का खतरा मंडरा रहा है.करतला विकासखंड के धान उपार्जन केंद्र नवापारा के आसपास 22 हाथियों का दल घूम रहा है. समिति के कर्मचारी रातगजा करके हाथियों को धान खरीदी केंद्र से दूर खदेड़ने की कोशिश में लगे हैं.समिति में काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो वनविभाग की ओर से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. वो खुद ही देसी तरीकों से हाथी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.

धान की खुशबू से हाथी हो रहे आकर्षित : नवापारा धान खरीदी केंद्र की क्षमता 90 हजार क्विंटल है. किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद यहां बड़ी मात्रा में धान रखा हुआ है. धान हाथियों का पसंदीदा भोजन भी होता है. जंगल में खाना नहीं मिलने पर वह हाथी धान की खुशबू से आकर्षित होते हैं. धान खरीदी शुरू होने के कुछ दिन के बाद से ही हाथी इस क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. रात होते ही वह उपार्जन केंद्र के समीप पहुंच जाते हैं.

Danger of elephants looms in paddy procurement centre
धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथी दल का खतरा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Danger of elephants looms in paddy procurement centre
देसी जुगाड़ से हाथियों को रखा जा रहा दूर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल कर करते हैं तेज आवाज : नवापारा में सहकारी समिति के कर्मचारियों ने हाथियों को खदेड़ने का देसी जुगाड़ वाला तरीका इजाद किया है. समिति के प्रबंधक जबल सिंह राठिया का कहना है कि किसानों से उधार लिए ट्रैक्टर के जरिए रात भर हाथी को खदेड़कर धान की सुरक्षा कर रहे हैं.

धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथियों का खतरा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

केंद्र के आसपास 22 हाथियों के दल ने डेरा जमा लिया. शाम ढलते ही हाथियों का दल मंडी में घुसने की कोशिश करता है. उनसे निपटना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. फड़ के कर्मचारी ट्रैक्टर के जरिए हाथी को खदेड़ रहे हैं. कई लीटर डीजल भी इसमें खर्च हो जाता है. वन विभाग के कर्मचारी एक बार यहां आए थे, लेकिन उसके बाद हमें कोई मदद नहीं मिल रही है. हम खुद ही हाथियों को धान से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं - जबल सिंह राठिया, समिति प्रबंधक

रात के समय जान आफत में : पिछले 15 दिनों से यहां हाथियों का तांडव जारी है. रात के समय चौकीदारी का काम करने वाले पदी राम कहते हैं कि रात के समय हमें ऐसी मुश्किल का सामना करना पड़ता है, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं. हाथी लगातार खरीदी केंद्र में घुसने का प्रयास करते हैं. हम ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल कर तेज आवाज करके किसी तरह हाथियों को यहां से दूर रखने की कोशिश करते हैं.

हाथी केंद्र के एकदम पास आ जाते हैं. वन विभाग के कर्मचारी कहते हैं की खरीदी केंद्र के अंदर मत जाओ, हाथियों के करीब मत जाओ. अगर हम ऐसा करेंगे तो हाथी पूरा धान चट कर जाएंगे, पिछले 15 दिनों से यही स्थिति बनी हुई है. हम लगातार परेशान हैं - पदीराम,चौकीदार

लगातार इस क्षेत्र में हाथियों का खतरा : करतला और कुदमुरा रेंज में 30 से अधिक हाथी अलग–अलग दल में विचरण कर रहे है. कुछ दिन पहले एक हाथी चचिया के धान उपार्जन केंद्र में घुस गया था. इसके बाद हाथियों का एक दल नवापारा मंडी के इर्द गिर्द मंडरा रहा है. इन्हें खदेड़ने में वन अमला नाकाम रहा है, जबकि समिति के कर्मचारी अपनी जान हथेली पर रखकर ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर अपनी और धान की सुरक्षा कर रहे हैं. नवापारा के साथ ही चचिया, बोतली जैसे गांव में हाथी बने हुए हैं. इस क्षेत्र में रेल लाइन और भारतमाला प्रोजेक्ट के हाइवे का भी काम चल रहा है. बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई है. जंगल का दायरा सिमटा है. इसके कारण भी हाथी लगातार रिहायशी इलाकों की तरफ प्रवेश कर रहे हैं.

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कोरबा : कोरबा के करतला में धान उपार्जन केंद्र पर हाथियों का खतरा मंडरा रहा है.करतला विकासखंड के धान उपार्जन केंद्र नवापारा के आसपास 22 हाथियों का दल घूम रहा है. समिति के कर्मचारी रातगजा करके हाथियों को धान खरीदी केंद्र से दूर खदेड़ने की कोशिश में लगे हैं.समिति में काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो वनविभाग की ओर से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. वो खुद ही देसी तरीकों से हाथी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.

धान की खुशबू से हाथी हो रहे आकर्षित : नवापारा धान खरीदी केंद्र की क्षमता 90 हजार क्विंटल है. किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद यहां बड़ी मात्रा में धान रखा हुआ है. धान हाथियों का पसंदीदा भोजन भी होता है. जंगल में खाना नहीं मिलने पर वह हाथी धान की खुशबू से आकर्षित होते हैं. धान खरीदी शुरू होने के कुछ दिन के बाद से ही हाथी इस क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. रात होते ही वह उपार्जन केंद्र के समीप पहुंच जाते हैं.

Danger of elephants looms in paddy procurement centre
धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथी दल का खतरा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Danger of elephants looms in paddy procurement centre
देसी जुगाड़ से हाथियों को रखा जा रहा दूर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल कर करते हैं तेज आवाज : नवापारा में सहकारी समिति के कर्मचारियों ने हाथियों को खदेड़ने का देसी जुगाड़ वाला तरीका इजाद किया है. समिति के प्रबंधक जबल सिंह राठिया का कहना है कि किसानों से उधार लिए ट्रैक्टर के जरिए रात भर हाथी को खदेड़कर धान की सुरक्षा कर रहे हैं.

धान खरीदी केंद्र पर मंडराया हाथियों का खतरा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

केंद्र के आसपास 22 हाथियों के दल ने डेरा जमा लिया. शाम ढलते ही हाथियों का दल मंडी में घुसने की कोशिश करता है. उनसे निपटना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. फड़ के कर्मचारी ट्रैक्टर के जरिए हाथी को खदेड़ रहे हैं. कई लीटर डीजल भी इसमें खर्च हो जाता है. वन विभाग के कर्मचारी एक बार यहां आए थे, लेकिन उसके बाद हमें कोई मदद नहीं मिल रही है. हम खुद ही हाथियों को धान से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं - जबल सिंह राठिया, समिति प्रबंधक

रात के समय जान आफत में : पिछले 15 दिनों से यहां हाथियों का तांडव जारी है. रात के समय चौकीदारी का काम करने वाले पदी राम कहते हैं कि रात के समय हमें ऐसी मुश्किल का सामना करना पड़ता है, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं. हाथी लगातार खरीदी केंद्र में घुसने का प्रयास करते हैं. हम ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल कर तेज आवाज करके किसी तरह हाथियों को यहां से दूर रखने की कोशिश करते हैं.

हाथी केंद्र के एकदम पास आ जाते हैं. वन विभाग के कर्मचारी कहते हैं की खरीदी केंद्र के अंदर मत जाओ, हाथियों के करीब मत जाओ. अगर हम ऐसा करेंगे तो हाथी पूरा धान चट कर जाएंगे, पिछले 15 दिनों से यही स्थिति बनी हुई है. हम लगातार परेशान हैं - पदीराम,चौकीदार

लगातार इस क्षेत्र में हाथियों का खतरा : करतला और कुदमुरा रेंज में 30 से अधिक हाथी अलग–अलग दल में विचरण कर रहे है. कुछ दिन पहले एक हाथी चचिया के धान उपार्जन केंद्र में घुस गया था. इसके बाद हाथियों का एक दल नवापारा मंडी के इर्द गिर्द मंडरा रहा है. इन्हें खदेड़ने में वन अमला नाकाम रहा है, जबकि समिति के कर्मचारी अपनी जान हथेली पर रखकर ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर अपनी और धान की सुरक्षा कर रहे हैं. नवापारा के साथ ही चचिया, बोतली जैसे गांव में हाथी बने हुए हैं. इस क्षेत्र में रेल लाइन और भारतमाला प्रोजेक्ट के हाइवे का भी काम चल रहा है. बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई है. जंगल का दायरा सिमटा है. इसके कारण भी हाथी लगातार रिहायशी इलाकों की तरफ प्रवेश कर रहे हैं.

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