उत्तरकाशी: पहाड़ों की शांत वादियां, कल कल बहता पानी और सुकून देने वाली ठंडी हवाएं को छू लेने की चाहत हर किसी में होती है, लेकिन इसके लिए पहाड़ों का रुख करना पड़ता है, जिसकी डगर आसान नहीं होती है. क्योंकि पहाड़ के पथरीले रास्ते आपकी हौसलों की उड़ान पर रोड़ा अटका सकती हैं. जिसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और जुनून की आवश्यकता होती है, जो आपके सफर को आसान बना देती है. ऐसे ही सफर पर निकले हैं अमरिंदर सिंह.
पर्यावरण के प्रति सजग कर रहे अमरिंदर सिंह उर्फ सोनू: दरअसल, नए ट्रेकिंग रूट एक्सप्लोर करने के लिए साइकिल यात्रा पर निकले हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब के अमरिंदर सिंह उर्फ सोनू उत्तरकाशी के सीमांत गोकुल गांव पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया. साइकिल यात्रा पर निकले सोनू आम जनमानस को पर्यावरण के प्रति सजग कर रहे हैं. साथ ही पॉल्यूशन फ्री सोसाइटी और युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने का संदेश दे रहे हैं. इसके अलावा उनका मकसद साइकिल के लिए नए ट्रेकिंग रूट एक्सप्लोर करना है.
गोकुल से खूबसूरत घाटी के नजारे देख अभिभूत हुए सोनू: उत्तरकाशी के आराकोट बंगाण के गोकुल से खूबसूरत घाटी के नजारे देख साइकिल यात्री सोनू अभिभूत हो गए. उन्होंने ब्रिटिश कालीन पर्यटक स्थल बालचा और चांईशील (चांशल) बुग्याल को दूर से निहारा. साथ ही उन्होंने अगली बार इन जगहों को एक्सप्लोर करने की बात कही. उनका मानना है कि साइकिल यात्रा से नए पर्यटक स्थलों को नई पहचान मिलेगी. जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होगा. उनका कहना है कि गोकुल की घाटी को कुदरत ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है.
साइकिल से 20 हजार किलोमीटर का कर चुके सफर: बता दें कि अमरिंदर सिंह करीब 3 सालों से साइकिलिंग कर रहे हैं. अभी तक 20 हजार किलोमीटर का सफर साइकिल से तय कर चुके हैं. अब वो साइकिल से देश और विदेश का घूमना चाहते हैं. साथ ही उन जगहों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, जो अभी तक अनडिस्कवर रही हो.
साइकिल से चढ़ाई चढ़कर गांव पहुंचने पर ग्रामीण हैरान: वहीं, उनके साइकिल से चढ़ाई चढ़कर गांव पहुंचने पर ग्रामीण भी हैरान रह गए. हर कोई उनके बारे में जानने में उत्सुक नजर आया. सोनू बताते हैं कि साइकिलिंग से फिटनेस तो बनी ही रहती है. साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में मदद मिलती है. क्योंकि, बाकी वाहनों से प्रदूषण फैलता है. जबकि, साइकिल से काई प्रदूषण भी नहीं फैलता है.
जानिए साइकिलिंग के फायदे: साइकिलिंग करने से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही शरीर का फैट कम होता है. साथ ही वजन भी घटता है. इसके साथ ही कई और बीमारियों से साइकिलिंग के जरिए मुक्ति पा सकते हैं. साइकिलिंग करने को एक एरोबिक एक्टिविटी कहते हैं. इससे कई सारे अंगों की एक साथ कसरत हो जाती है. साथ ही आपका फिटनेस और स्वास्थ्य भी सुधरने लगता है. इसलिए साइकिलिंग को अपने नियमित अभ्यास में शामिल करना चाहिए.
साइकिलिंग से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती है. साइकिलिंग करने से पैर व जांघों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है और कैलरी भी खूब खर्च होती है, जिससे न केवल फैट घटता है, बल्कि मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सफलता मिलती है. साइकिलिंग फैट बर्न करता है, जिससे शरीर की चर्बी को घटाती है. हाथों व पैरों के साथ साथ पेट की चर्बी कम होती है. साइकिलिंग वजन घटाने, दिल की गति बढ़ाने, फैट को जलाने के लिए काफी मददगार साबित होती है.
साइकिलिंग से मानसिक शक्ति बढ़ती है और अल्जाइमर रोग का खतरा कम होता है. साइकिल चलाने के दौरान होने वाले फायदे पर किए गए एक शोध के मुताबिक रोजाना साइकिल चलाने से मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है और बुजुर्गों में अल्जाइमर रोग को रोका जा सकता है. यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे हर कोई सकता है. साइकिलिंग करने से नींद भी अच्छी आती है. रोजाना सुबह उठकर साइकिलिंग करना बेहद फायदेमंद होता है.
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