कानपुर : जिले में फिर से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. नौबस्ता इलाके के रहने वाले एक निजी कंपनी के कर्मचारी को पार्सल के झांसे में लेकर साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. इसके बाद उससे 6.60 लाख रुपए ठग लिए. बाद में ठगी का आभास होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
नौबस्ता थाना क्षेत्र के यशोदा नगर निवासी गौरी शंकर मिश्रा ने बताया कि 11 मई की सुबह उनके नंबर पर कॉल आई थी. फोन करने वाले ने कहा कि फेडेक्स कंपनी का एक कोरियर उनके आधार कार्ड पर थाईलैंड भेजा गया है. इस कोरियर में पांच पासपोर्ट, तीन बैंक क्रेडिट कार्ड, 40 ग्राम एमडीएमए, एक लैपटॉप और कुछ कपड़े मौजूद हैं. उन्होंने फोन करने वाले युवक को बताया कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई कोरियर नहीं भेजा गया है. इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया.
कुछ ही देर बाद साइबर ठगों ने खुद को मुंबई साइबर सेल पुलिस बताकर उनके नंबर पर कॉल किया. इसके बाद स्काइप के जरिए वीडियो कॉल पर जुड़ने के लिए कहा. ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे परिवार के सदस्यों, उनके खातों से संबंधित कई अन्य पर्सनल जानकारियां प्राप्त की. उन्होंने उनसे आधार कार्ड दिखाने के लिए भी कहा. इसके बाद ठगों ने कहा कि उनके आधार कार्ड पर एचडीएफसी का खाता सक्रिय है. इस पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है.
साइबर ठगों ने उन्हें 25 साल जेल की सजा का डर दिखाते हुए कहा कि वह इस बातचीत के बारे में किसी से भी जिक्र नहीं करेंगे. इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया. रविवार को साइबर ठगों ने स्काइप के माध्यम से उन्हें दोबारा वीडियो कॉल किया और इस बार किसी आईपीएस ने उनसे बात की. बताया कि उनके अलावा करीब आठ खातों की जांच की जा रही है. खाते एक राजनीतिक पार्टी के नाम से चल रहे हैं. इनका लोकसभा चुनाव में भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
साइबर ठगों ने उनसे खाते में मौजूद 99% रकम जांच के नाम पर मांगी. इस पर गौरी शंकर ने डरकर उनके बताए गए खाते में 6.60 लाख ट्रांसफर कर दिए. ठगों ने कहा कि यह रकम 24 घंटे में उनके खाते में वापस कर दी जाएगी. इसके बाद जब 24 घंटे बीतने के बाद भी उनके पास कोई भी जवाब नहीं आया तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने साइबर थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई.
इस पूरे मामले में एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि किसी भी अधिकारी के पास डिजिटल अरेस्ट करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने बताया कि सिर्फ साइबर अपराधी ही ऐसा करते हैं. पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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