लखनऊ: राजधानी में डॉक्टर दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर 3 करोड़ की ठगी किए जाने के मामले में क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम सेल की संयुक्त टीमों ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ के दौरान जालसाजों ने अपना जुर्म कबूल किया है. हालांकि, पुलिस की गिरफ्त में आए एक जालसाज ने इसके पहले 43 लाख रुपये की ठगी की थी. फिलहाल, पुलिस जालसाजों के नेटवर्क के साथ उनकी बैंक डिटेल्स समेत अन्य जानकारी भी जुटा रही है.
बीते 09 जून को हजरतगंज कोतवाली अंतर्गत शालीमार होम्स पटियाला निवासी दीपा रस्तोगी के मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आई थी. कॉल रिसीव करते ही फोनकर्ता ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर सर्विस डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताते हुए बातचीत की. इस दौरान फोनकर्ता ने कहा, कि गत 02 अप्रैल को इश्यू किए गए क्रेडिट कार्ड से करीब 01 लाख 09 हजार रुपये की खरीदारी की गई है. शिकायत किए जाने की बात सुनकर फोनकर्ता ने कॉल को ट्रांसफर कर दिया. तभी पीड़िता के मोबाइल पर एक वीडियो कॉल आई, जिसमें एक शख्स पुलिस की वर्दी पहनकर उनसे बातचीत करने लगा. इस दौरान फोनकर्ता ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए अपनी पहचान रवि कुमार के रूप में दी. फिर उसने पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड दिखाया. इसके बाद जालसाज ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया.
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आधार कार्ड मांगते हुए महिला के वाट्सएप पर एक अरेस्ट वारंट भेज दिया. फिर जालसाज ने मनी लॉन्ड्रिंग का सस्पेक्ट होने का डर दिखाते हुए तीन दिनों तक महिला को डिजिटल अरेस्ट में रखा. इस दौरान जालसाज बैंक से रुपया भी ट्रांसफर कराते रहे और धमकी देते कि हमारे आदमी घर के तीन किलोमीटर के दायरे में घूम रहे हैं. अगर किसी से शिकायत की, तो वे आकर गिरफ्तार कर लेंगे. यदि यह बात कही लीक हो गई, तो जेल हो जाएगी. अभी आपका अरेस्ट वॉरेंट होल्ड पर रखा गया है.
इसके बाद 10 जून से 13 जून तक अलग-अलग अकाउंट में आरटीजीएस के जरिए 2 करोड़ 71 लाख 10 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिये जाएगे. इसके बाद म्युचुअल फंड की भी जानकारी लेकर उसे रिडीम करके ट्रांसफर करने को कहा. हर 2 घंटे पर सुरक्षित होने की अपडेट और बाहर आने जाने की जानकारी लेती रही. तब ठगी होने का पता चला.
डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया, कि सर्विलांस की मदद से पुलिस ने आगरा जनपद के एत्मादौला निवासी यशपाल, कमलानगर निवासी केशव गोयल और ट्रांस यमुनानगर निवासी संकेत कुमार की गिरफ्तारी की है. पुलिस की गिरफ्त में आए तीनों जालसाज ग्रेजुएट है. फिलहाल, पुलिस जालसाजों के नेटवर्क के साथ उनकी बैंक डिटेल्स समेत अन्य जानकारी भी जुटा रही है.