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नकली IPS अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने लगाया 36 लाख का चूना, डिजिटल हाउस अरेस्ट का दिखाया डर

कुल्लू में साइबर ठगों ने नकली आईपीएस अधिकारी बनकर एक व्यक्ति से डिजिटल हाउस अरेस्ट के नाम पर 36 लाख रुपए की राशि ऐंठ ली.

HIMACHAL CYBER CRIME
साइबर क्राइम (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 8, 2024, 11:05 AM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों द्वारा आए दिन लोगों को ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला कुल्लू जिले का है. मामले में शातिरों द्वारा एक व्यक्ति को डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर फ्रॉड का शिकार बनाकर 36 लाख रुपए की राशि ऐंठ ली गई है. 3 दिन बाद जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो उसने हिमाचल प्रदेश सीआईडी के साइबर थाना पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.

एएसपी साइबर थाना मध्य खंड मंडी मनमोहन सिंह ने बताया, "पीड़िती की शिकायत के आधार पर साइबर थाना मंडी की टीम ने भारतीय न्याय सहिंता की धारा 318 (4), 319(2) व आईटी, एक्ट की 66 (डी) के तहत मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है." शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे अनजान नंबर से फोन आया और उसे बताया गया कि उसका मोबाइल नंबर पोर्नोग्राफी व गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. इन अपराधों के तहत उसके नाम पर मुंबई में 17 केस दर्ज हैं. इसके बाद साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से संबंधित कागजात भेजे. जिसमें शिकायतकर्ता के नाम पर केनरा बैंक में संदिग्ध खाता, फर्जी बैंक एंट्री सहित फर्जी एटीएम होने के बारे में बताया गया.

3 दिन में पैसा लौटाने की कही बात

इसके बाद साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता को फर्जी सुप्रीम कोर्ट, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नाम पर फर्जी आदेश भी भेजकर एक लिखित इकरारनामा लिख कर भेजने को कहा. इस जांच के पूरा होने तक साइबर ठगों ने उसे किसी से बात न करने, फोन कॉल कट न करने व उनकी फोन कॉल लगातार अटेंड करने के लिए कहा. जिसके बाद साइबर ठगों ने नकली आईपीएस अधिकारी बनकर शिकायतकर्ता को उपरोक्त केस में सारे फंड सरेंडर करने के लिए कहा व बताया कि आपका सारा पैसा जांच करके 3 दिन में लौटा दिया जाएगा. जिस पर शिकायतकर्ता ने ठगों द्वारा बताए गए खातों में तीन ट्रांजेक्टसन के जरिए 36 लाख 50 हजार की राशि जमा करवा दी. 3 दिन बाद जब शिकायतकर्ता को पैसा वापस नहीं मिला तो उसने बार-बार साइबर ठगों के नंबरों पर फोन किया, लेकिन जब साइबर ठगों ने फोन का कोई जबाव नहीं दिया तो व्यक्ति को उसके साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ. जिसके बाद उसने थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवाई.

एएसपी साइबर थाना मध्य खंड मंडी मनमोहन सिंह ने जनता से अनुरोध किया है, "अनजान नबंर से फोन न उठाएं और इस तरह अगर कोई धमकाए तो बिलकुल भी न डरें. इसकी शिकायत जल्द से जल्द अपने नजदीकी थाना में दर्ज कराएं. पैसे भेजने से पहले एक बार साइबर हेल्पलाइन नबंर 1930 या साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी के लैंडलाइन नबंर 01905-226900 या Email-ID pscyber-cr@hp.gov.in पर संपर्क करें."

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों से सावधान! अब क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर हो रही ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

ये भी पढ़ें: तीन जिलों में नौ करोड़ की साइबर ठगी, ऐसे लोगों को बनाया जा रहा है शिकार

ये भी पढ़ें: सावधान: कमीशन देकर शातिर आपके नाम पर कर रहे करोड़ों का लेन-देन, हिमाचल में फ्रीज हुए 400 बैंक खाते

मंडी: हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों द्वारा आए दिन लोगों को ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला कुल्लू जिले का है. मामले में शातिरों द्वारा एक व्यक्ति को डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर फ्रॉड का शिकार बनाकर 36 लाख रुपए की राशि ऐंठ ली गई है. 3 दिन बाद जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो उसने हिमाचल प्रदेश सीआईडी के साइबर थाना पुलिस स्टेशन मध्य खंड मंडी में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.

एएसपी साइबर थाना मध्य खंड मंडी मनमोहन सिंह ने बताया, "पीड़िती की शिकायत के आधार पर साइबर थाना मंडी की टीम ने भारतीय न्याय सहिंता की धारा 318 (4), 319(2) व आईटी, एक्ट की 66 (डी) के तहत मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है." शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे अनजान नंबर से फोन आया और उसे बताया गया कि उसका मोबाइल नंबर पोर्नोग्राफी व गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. इन अपराधों के तहत उसके नाम पर मुंबई में 17 केस दर्ज हैं. इसके बाद साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से संबंधित कागजात भेजे. जिसमें शिकायतकर्ता के नाम पर केनरा बैंक में संदिग्ध खाता, फर्जी बैंक एंट्री सहित फर्जी एटीएम होने के बारे में बताया गया.

3 दिन में पैसा लौटाने की कही बात

इसके बाद साइबर ठगों ने शिकायतकर्ता को फर्जी सुप्रीम कोर्ट, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नाम पर फर्जी आदेश भी भेजकर एक लिखित इकरारनामा लिख कर भेजने को कहा. इस जांच के पूरा होने तक साइबर ठगों ने उसे किसी से बात न करने, फोन कॉल कट न करने व उनकी फोन कॉल लगातार अटेंड करने के लिए कहा. जिसके बाद साइबर ठगों ने नकली आईपीएस अधिकारी बनकर शिकायतकर्ता को उपरोक्त केस में सारे फंड सरेंडर करने के लिए कहा व बताया कि आपका सारा पैसा जांच करके 3 दिन में लौटा दिया जाएगा. जिस पर शिकायतकर्ता ने ठगों द्वारा बताए गए खातों में तीन ट्रांजेक्टसन के जरिए 36 लाख 50 हजार की राशि जमा करवा दी. 3 दिन बाद जब शिकायतकर्ता को पैसा वापस नहीं मिला तो उसने बार-बार साइबर ठगों के नंबरों पर फोन किया, लेकिन जब साइबर ठगों ने फोन का कोई जबाव नहीं दिया तो व्यक्ति को उसके साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ. जिसके बाद उसने थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवाई.

एएसपी साइबर थाना मध्य खंड मंडी मनमोहन सिंह ने जनता से अनुरोध किया है, "अनजान नबंर से फोन न उठाएं और इस तरह अगर कोई धमकाए तो बिलकुल भी न डरें. इसकी शिकायत जल्द से जल्द अपने नजदीकी थाना में दर्ज कराएं. पैसे भेजने से पहले एक बार साइबर हेल्पलाइन नबंर 1930 या साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी के लैंडलाइन नबंर 01905-226900 या Email-ID pscyber-cr@hp.gov.in पर संपर्क करें."

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