देहरादून: साइबर ठग लगातार नए-नए तरीके अपनाकर जनता के जेब पर डाका डालने का काम कर रहे हैं. जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर ठग भी अपग्रेड हो रहे हैं. अब साइबर ठग एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए लोगों की कमाई पर अपना हाथ साफ कर रहे हैं. एआई ठगी का एक बड़ा जरिया भी बनता जा रहा है. जो साइबर पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि लगातार बढ़ रही साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि, जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, उसी क्रम में नए-नए तरीके के साइबर क्राइम भी बढ़ रहे हैं. वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े क्राइम के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े दो तरह के क्राइम ज्यादातर देखे जा रहे हैं. जिसके तहत वॉइस क्लोनिंग और डीप फेक वीडियो से जुड़े मामले शामिल हैं. डीप फेक वीडियो के जरिए महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा टारगेट किया जा रहा है.
उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे मामले बढ़ने लगे हैं. जिसमें खासकर ज्यादातर मामले वॉइस क्लोनिंग से जुड़े हुए हैं. अभी तक वॉइस क्लोनिंग के जरिए ठगी के मामले भी देहरादून से सामने आ चुके हैं. साइबर क्राइम सीओ अंशुल मिश्रा ने बताया कि जब भी साइबर ठगी का कोई शिकायत मिलती है तो उसकी सबसे पहले जांच की जाती है. इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाता है. मुकदमा दर्ज करने के बाद पूरे मामले के तमाम पहलुओं पर जांच-पड़ताल शुरू की जाती है.
हाल ही में एक मामला देहरादून में सामने आया था, जिसमें एक व्यक्ति से वॉइस क्लोनिंग के जरिए 5 लाख 75 हजार रुपए की ठगी हुई. जिसका मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित पक्ष की ओर ठगी की जो शिकायत दी गई उसके अनुसार उनका बेटा राजस्थान में पढ़ाई कर रहा है. जिस पर साइबर ठगों ने उससे पैसे मांगे थे, साथ ही उनके बेटे की आवाज भी सुनाई. जिसमें उनका बेटा मदद की गुहार लगा रहा था.
जिसके झांसे में आकर पिता ने ठग को पैसे ट्रांसफर कर दिए. बाद में जब बेटे के नंबर पर कॉल कर बातचीत की तो पता चला ऐसा कुछ नहीं हुआ है. जिसके बाद उस व्यक्ति की ओर से साइबर थाने में शिकायत दी गई. वहीं, एक और मामला देहरादून से ही सामने आया था. जिसमें साइबर ठग ने एआई की मदद से आवाज बदलकर बुजुर्ग से 6 लाख रुपए ठग लिए गए. साइबर ठग ने भतीजा बनकर बुजुर्ग से फोन पर बात की थी.
साइबर क्राइम से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
- फोन पर किसी को भी व्यक्ति को अपनी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी न दें.
- अंजान नंबर से कॉल पर किसी घटना या किडनैपिंग की सूचना पर तत्काल पैसा न भेजें.
- संबंधित व्यक्ति के नंबर पर कॉल करके पहले वेरीफाई करें.
- सोशल मीडिया के जरिए पैसे मांगने वाले को पैसे देने से बचें.
- डीप फेक वीडियो के जरिए ब्लैकमेल पर साइबर क्राइम में शिकायत दें.
- किसी भी जाने पहचाने वॉइस पर आंख बंद करके भरोसा न करें.
- सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
- कैश बैक और ऑफर जैसे लिंक पर क्लिक करने से बचें.
- सावधानी पूर्वक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें.
- साइबर ठगी होने पर तत्काल भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करें.
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