लखनऊ : आगरा में बैठ कर देशभर के लोगों को फर्जी ईडी, सीबीआई और NIA अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाले दो जालसाजों को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी विदेशी जालसाजों के साथ मिलकर देश के करीब 13 राज्यों के 39 लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं, लेकिन लखनऊ के व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट करना जालसाजों को भारी पड़ गया. पुलिस अब गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है.
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता रवीना त्यागी ने बताया कि बीते दिनों कस्टम अफसर बताते हुए किसी ने लखनऊ के एक व्यापारी को उनके पार्सल में जाली पासपोर्ट मिलने और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने की बात कही. इसके बाद सीबीआई और एनआईए के अधिकारी होने का हवाला देकर डराया और कोर्ट का फर्जी अरेस्ट वारंट भेज कर डिजिटल अरेस्ट कर दिया. इसके बाद पीड़ित व्यापारी ने साइबर क्राइम थाने को सूचना दी.
डीसीपी के मुताबिक जांच के आधार पर डिजिटल अरेस्ट करने वाले आगरा के रहने वाले दो आरोपियों राजीव भसीन व मोहित चोपड़ा को चिन्हित किया गया और हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. पूछताछ में आरोपियों कोरियर पैकेट में मिले सिम, इंक्स, आधार कार्ड का दुर्पयोग कर, मनी लॉन्ड्रिंग , MDMA, टेररिस्ट कन्वर्जन में नागरिकों का मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी की बात कबूली. आरोपी फर्जी अफसर बन कर थाने का सेटअप बनाते थे और फिर वीडियो काल कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके बचाव के एवज में पैसे मांगते थे.
13 राज्यों के 39 लोगों से धोखाधड़ी : डीसीपी के अनुसार आरोपियों ने फर्जी फार्मों के नाम पर करंट अकाउंट खुलवाकर विदेश में बैठे जालसाजों को अकाउंट के क्रेडेंशियल व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर भेज दिया करते थे. धोखाधड़ी की ट्रांजेक्शन इन खातों पर होती थी और ट्रांजेक्शन की OTP विदेश में बैठे जालसाजों को भेजने के लिए एक एटओटीपी फॉरवर्ड ऐप का इस्तेमाल करते थे. विदेश में बैठे जालसाज ट्रांजेक्शन का 1.8 प्रतिशत दोनों आरोपियों को डॉलर के रूप में भेज देते थे. दोनों आरोपी आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, असम, बिहार, गुजरात, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल और यूपी में कुल 39 लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं.