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मनरेगा के काम की आड़ में पेड़ों की कटाई, बिना अनुमति 30 से ज्यादा पेड़ों की दी गई बलि, सरपंच पूरे मामले से अनजान - Dhamtari Tumrabahar Sarpanch - DHAMTARI TUMRABAHAR SARPANCH

CUTTING OF TREES धमतरी जनपद के ग्राम पंचायत तुमराबहार में मनरेगा काम की आड़ में इमारती पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है. धमतरी जनपद ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लिया है.इसके बाद जांच के लिए दल का गठन किया है.

Dhamtari Tumrabahar Sarpanch
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 22, 2024, 1:36 PM IST

Updated : May 24, 2024, 3:55 PM IST

बिना अनुमति 30 से ज्यादा पेड़ों की दी गई बलि (ETV Bharat Chhattisgarh)

धमतरी : धमतरी के ग्राम पंचायत तुमराबहार पंचायत में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण का काम किया जाना है.लेकिन तालाब निर्माण के नाम पर हरे भरे 30 से ज्यादा पेड़ों पेड़ों की बलि दे दी गई.हैरानी की बात ये है कि इसका जिम्मेदार कौन है,खुद वन विभाग नहीं जानता.लिहाजा जांच के लिए समिति बना दी गई है.


कहां दी गई पेड़ों की बलि ? : धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर तुमराबहार पंचायत के आश्रित ग्राम विश्रामपुर में पंचायत ने 32 पेड़ों को बिना अनुमति के कटवा दिया. गांव में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण की स्वीकृति मिली है. जहां तालाब बनना है वहां साजा, महुआ और कई इमारती प्रजाति के पेड़ बड़ी संख्या में है. नियम कहता है कि यदि किसी बड़े पेड़ को काटना है तो विधिवत एसडीएम से अनुमति लेनी जरुरी है.लेकिन पंचायत ने बिना अनुमति 32 पेड़ों की बलि दे दी. इसकी खबर जब वनविभाग को लगी तो तुरंत पेड़ों को कटवाने का काम रुकवाया गया.

सरपंच को नहीं पता : धमतरी जनपद सीईओ ने इस मामले की जांच शुरू करवाई है. आपको बता दें कि तालाब निर्माण और अवैध कटाई के बारे में पंचायत सचिव ने महिला सरपंच को भी अंधेरे में रखा. पंचायत के सरपंच को इसकी कोई भी जानकारी नही दी. इस मामले में सरपंच धान बाई का कहना है कि उसे पंचायत ने किसी प्रकार की कोई जानकारी नही दी.

''पेड़ काटने की जानकारी नही है. विश्रामपुर के जंगलों में ज्यादातर सागौन, साल, महुवा, साजा, बीजा जैसे बहुत से पेड़ है. पेड़ काटना अपराध है.''- धनबाई,सरपंच

वहीं सचिव अभी भी दावा कर रहा है कि पेड़ नहीं सिर्फ झाड़ियों को काटा गया है. लेकिन मौके पर बचे हुए बड़े पेड़ों के ठूंठ सारी हकीकत खुद बयां कर रहे हैं.

''मनरेगा के तहत तालाब का नवनिर्माण किया जाना है. इसके लिए जगह सुनिश्चित करके कार्य किया जा रहा था. लेकिन पेड़ कटाई की बात कहकर काम रुकवा दिया गया है. पंचायत ने पेड़ों की कटाई नहीं की है वहां पर जंगली अवशेष है.उसे ही काटा गया है.'' गजेंद्र नेताम, पंचायत सचिव

सीईओ ने कही कार्रवाई की बात : वहीं इस मामले पर जनपद पंचायत सीईओ दीपक ठाकुर ने कहा कि मनरेगा के तहत नया तालाब का निर्माण किया जा रहा है. पेड़ काटने का मामला संज्ञान में आया है.जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

'' ग्राम पंचायत विश्रामपुर में पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है.इसकी जांच के लिए टीम गठित की गई है.जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.''- दीपक ठाकुर, जनपद सीईओ

देश की सरकार एक तरफ जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही है.वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण के बजाय वृक्ष कटान अभियान चला हुआ है.किस जिले में कितना ज्यादा पेड़ कौन काटेगा इस बात की होड़ मची हुई है.वनविभाग के अधिकारी जब तक मामले में ध्यान देते हैं,तब तक जंगल साफ होकर मैदान में तब्दील हो जाता है.

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में सात सौ पेड़ों की कटाई से मचा हड़कंप

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हसदेव में पेड़ कटाई के आंकड़ों पर छत्तीसगढ़ सरकार और आंदोलनकारी आमने-सामने

बिना अनुमति 30 से ज्यादा पेड़ों की दी गई बलि (ETV Bharat Chhattisgarh)

धमतरी : धमतरी के ग्राम पंचायत तुमराबहार पंचायत में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण का काम किया जाना है.लेकिन तालाब निर्माण के नाम पर हरे भरे 30 से ज्यादा पेड़ों पेड़ों की बलि दे दी गई.हैरानी की बात ये है कि इसका जिम्मेदार कौन है,खुद वन विभाग नहीं जानता.लिहाजा जांच के लिए समिति बना दी गई है.


कहां दी गई पेड़ों की बलि ? : धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर तुमराबहार पंचायत के आश्रित ग्राम विश्रामपुर में पंचायत ने 32 पेड़ों को बिना अनुमति के कटवा दिया. गांव में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण की स्वीकृति मिली है. जहां तालाब बनना है वहां साजा, महुआ और कई इमारती प्रजाति के पेड़ बड़ी संख्या में है. नियम कहता है कि यदि किसी बड़े पेड़ को काटना है तो विधिवत एसडीएम से अनुमति लेनी जरुरी है.लेकिन पंचायत ने बिना अनुमति 32 पेड़ों की बलि दे दी. इसकी खबर जब वनविभाग को लगी तो तुरंत पेड़ों को कटवाने का काम रुकवाया गया.

सरपंच को नहीं पता : धमतरी जनपद सीईओ ने इस मामले की जांच शुरू करवाई है. आपको बता दें कि तालाब निर्माण और अवैध कटाई के बारे में पंचायत सचिव ने महिला सरपंच को भी अंधेरे में रखा. पंचायत के सरपंच को इसकी कोई भी जानकारी नही दी. इस मामले में सरपंच धान बाई का कहना है कि उसे पंचायत ने किसी प्रकार की कोई जानकारी नही दी.

''पेड़ काटने की जानकारी नही है. विश्रामपुर के जंगलों में ज्यादातर सागौन, साल, महुवा, साजा, बीजा जैसे बहुत से पेड़ है. पेड़ काटना अपराध है.''- धनबाई,सरपंच

वहीं सचिव अभी भी दावा कर रहा है कि पेड़ नहीं सिर्फ झाड़ियों को काटा गया है. लेकिन मौके पर बचे हुए बड़े पेड़ों के ठूंठ सारी हकीकत खुद बयां कर रहे हैं.

''मनरेगा के तहत तालाब का नवनिर्माण किया जाना है. इसके लिए जगह सुनिश्चित करके कार्य किया जा रहा था. लेकिन पेड़ कटाई की बात कहकर काम रुकवा दिया गया है. पंचायत ने पेड़ों की कटाई नहीं की है वहां पर जंगली अवशेष है.उसे ही काटा गया है.'' गजेंद्र नेताम, पंचायत सचिव

सीईओ ने कही कार्रवाई की बात : वहीं इस मामले पर जनपद पंचायत सीईओ दीपक ठाकुर ने कहा कि मनरेगा के तहत नया तालाब का निर्माण किया जा रहा है. पेड़ काटने का मामला संज्ञान में आया है.जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

'' ग्राम पंचायत विश्रामपुर में पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है.इसकी जांच के लिए टीम गठित की गई है.जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.''- दीपक ठाकुर, जनपद सीईओ

देश की सरकार एक तरफ जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही है.वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण के बजाय वृक्ष कटान अभियान चला हुआ है.किस जिले में कितना ज्यादा पेड़ कौन काटेगा इस बात की होड़ मची हुई है.वनविभाग के अधिकारी जब तक मामले में ध्यान देते हैं,तब तक जंगल साफ होकर मैदान में तब्दील हो जाता है.

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Last Updated : May 24, 2024, 3:55 PM IST
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