रानीखेत: अल्मोड़ा के रानीखेत में देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत के रंग देखने को मिले. मां नंदा-सुनंदा महोत्सव में लोगों ने झोड़ा-चांचरी का जमकर लुत्फ उठाया. पारंपरिक महिला झोड़ा प्रतियोगिता में नारी शक्ति समूह ने प्रथम, जय गोलू देवता महिला समूह खनिया ने द्वितीय और लोक लहरिया झोड़ा पिलखोली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
नंदा देवी मंदिर के निकट परिसर में आयोजित पारंपरिक झोड़ा प्रतियोगिता में नगर व क्षेत्र के ग्रामीण अंचल से 11 झोड़ा-चांचरी टीमों ने प्रतिभाग किया. करीब तीन घंटे तक चली झोड़ा प्रतियोगिता को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे. प्रथम स्थान प्राप्त नारी शक्ति समूह को सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष विमल सती ने ट्रॉफी और 11 हजार रुपए की इनाम राशि प्रदान की. जबकि द्वितीय स्थान प्राप्त जय गोलू देवता महिला समूह खनिया को समिति संरक्षक हरीश लाल साह ने ट्राफी और इक्यावन सौ रुपए की इनामी राशि और तृतीय स्थान प्राप्त लोक लहरिया झोड़ा पिलखोली को समिति अध्यक्ष अंशुल साह ने ट्रॉफी और दो हजार पांच सौ की राशि प्रदान की.
बाकि आठ प्रतिभागी टीमों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया. झोड़ा प्रतियोगिता में शामिल पिलखोली की बुजुर्ग प्रतिभागियों क्रमश: नंदी देवी, पनुली देवी,पना मेहरा वीना देवी और सौखोला झलोड़ी की हंसी देवी को विशिष्ट सम्मान से नवाजा गया. कार्यक्रम का संचालन विमल सती ने किया. निर्णायकों ने परिणाम के बाद प्रतिभागी टीमों को महत्वपूर्ण टिप्स दिए. मां नंदा-सुनंदा महोत्सव के समापन के मौके पर महिला श्रृंगार एवं परिधान प्रतियोगिता आयोजित हुई. जिसमें विद्यार्थी वर्ग में मनीषा नेगी ने प्रथम,राहिला सरस्वती उमावि द्वितीय और रिया रावत नेइंका तृतीय,महिला वर्ग में जयश्री साह प्रथम, दीपिका वर्मा द्वितीय और भावना बेलवाल तृतीय रहे. विजेताओं को बाल प्रहरी के संपादक उदय किरौला ने पुरस्कार प्रदान किए.
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