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लखनऊ सनतकदा फेस्टिवल में दिख रही गंगा-जमुनी तहजीब की रंगत, खूब उमड़ रही भीड़ - Lucknow News

लखनऊ में आयोजित सनतकदा फेस्टिवल में खूब भीड़ उमड़ रही है. लोगों की आमद देख कर विभिन्न राज्यों से आए व्यापारी भी उत्साहित हैं. फेस्टिवल में खुशबूदार पकवान, कारीगरी और कला संस्कृति से जुड़े परिधान खूब बिक रहे हैं. देखें विस्तृत खबर..

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 10:29 PM IST

लखनऊ में आयोजित सनतकदा फेस्टिवल

लखनऊ : अवध अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब, खुशबूदार पकवान, कारीगरी और कला संस्कृति के लिए हमेशा से ही मशहूर रहा है. मौजूदा दौर में ऐसी कई कलाएं हैं, जो विलुप्त होती नजर आ रही हैं. इसका सीधा असर कला से जुड़े पारम्परिक घरानों पर पड़ा. कई बार हमारे समाज में कला अभिव्यक्ति से जुड़े लोगों को रुढ़िवादी सोच की नजर की दृष्टि से देखा जाता है. सनतकदा संस्था की ओर से आयोजित सात दिवसीय कल्चर कार्यक्रम में हाथों से बनी हुई चीजें आपको देखने को मिलेंगी. सनतकदा लखनऊ फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को बहुत लोग खरीदारी करते दिखे. यहां विभिन्न राज्यों से आए व्यापारी पहुंचे हैं.

व्यापारियों ने कहा कि वह सनतकदा फेस्टिवल में हर साल आते हैं. यहां पर घूमने फिरने के लिए काफी लोग आते हैं. इसके साथ ही हाथों से बने समान लोगों को बेहद पसंद आते हैं. लोग बड़े मन से यहां पर खरीदारी भी करते हैं. शनिवार को प्रसिद्ध होमकुक्ड फ़ूड फेस्टिवल में लोग भरपूर आनंद उठाते दिखे. लोगों ने नूर ख़ान का बनाया लाल मिर्च का कीमा मात्र 15 मिनट में सोल्ड आउट घोषित कराया. साथ ही पंजाबी थाली, रान मुसल्लम, काले गाजर का हलवा बहुत पसंद किया गया जा रहा है. इसके अलावा वीव्स बाजार में हथकरघा इकट और अफ़ग़ानिस्तान के ज्वेलरी स्टाल पर बड़ी संख्या में खरीदार दिखे.

महिलाओं का कहना था कि वह लखनऊ से ही ताल्लुक रखती हैं. यह एक अच्छा फेस्टिवल हमारे लखनऊ में आयोजित हो रहा है. यहां हस्तकला और कारीगर के हाथ का हुनर देखने को मिलता है. हमारे बाजार से महंगे यहां के समान हैं, लेकिन चीजें काफी बेहतरीन हैं. इसके अलावा क्राफ़्ट्स बाज़ार में चरखी नामक स्टाॅल पर पटवा ज्वेलरी और बालों में गूंथे जाने वाले धागों पर युवाओं की खूब भीड़ दिखी. बावर्ची टोला और सलेमपुर हाउस में भी भीड़ रही. सनतकदा फेस्टिवल में एंट्री के लिए 60 रुपये का टिकट लग रहा है. यहां पर कुल 100 दुकानें भिन्न-भिन्न जगह की लगी हुई हैं.

यह भी पढ़ें : सनतकदा फेस्टिवल में भाया अवधी व्यंजनों का स्वाद, आज अंतिम दिन
लखनऊ: 'महिंद्रा सनतकदा लखनऊ फेस्टिवल' का आयोजन 31 जनवरी से शुरू

लखनऊ में आयोजित सनतकदा फेस्टिवल

लखनऊ : अवध अपनी गंगा जमुनी तहज़ीब, खुशबूदार पकवान, कारीगरी और कला संस्कृति के लिए हमेशा से ही मशहूर रहा है. मौजूदा दौर में ऐसी कई कलाएं हैं, जो विलुप्त होती नजर आ रही हैं. इसका सीधा असर कला से जुड़े पारम्परिक घरानों पर पड़ा. कई बार हमारे समाज में कला अभिव्यक्ति से जुड़े लोगों को रुढ़िवादी सोच की नजर की दृष्टि से देखा जाता है. सनतकदा संस्था की ओर से आयोजित सात दिवसीय कल्चर कार्यक्रम में हाथों से बनी हुई चीजें आपको देखने को मिलेंगी. सनतकदा लखनऊ फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को बहुत लोग खरीदारी करते दिखे. यहां विभिन्न राज्यों से आए व्यापारी पहुंचे हैं.

व्यापारियों ने कहा कि वह सनतकदा फेस्टिवल में हर साल आते हैं. यहां पर घूमने फिरने के लिए काफी लोग आते हैं. इसके साथ ही हाथों से बने समान लोगों को बेहद पसंद आते हैं. लोग बड़े मन से यहां पर खरीदारी भी करते हैं. शनिवार को प्रसिद्ध होमकुक्ड फ़ूड फेस्टिवल में लोग भरपूर आनंद उठाते दिखे. लोगों ने नूर ख़ान का बनाया लाल मिर्च का कीमा मात्र 15 मिनट में सोल्ड आउट घोषित कराया. साथ ही पंजाबी थाली, रान मुसल्लम, काले गाजर का हलवा बहुत पसंद किया गया जा रहा है. इसके अलावा वीव्स बाजार में हथकरघा इकट और अफ़ग़ानिस्तान के ज्वेलरी स्टाल पर बड़ी संख्या में खरीदार दिखे.

महिलाओं का कहना था कि वह लखनऊ से ही ताल्लुक रखती हैं. यह एक अच्छा फेस्टिवल हमारे लखनऊ में आयोजित हो रहा है. यहां हस्तकला और कारीगर के हाथ का हुनर देखने को मिलता है. हमारे बाजार से महंगे यहां के समान हैं, लेकिन चीजें काफी बेहतरीन हैं. इसके अलावा क्राफ़्ट्स बाज़ार में चरखी नामक स्टाॅल पर पटवा ज्वेलरी और बालों में गूंथे जाने वाले धागों पर युवाओं की खूब भीड़ दिखी. बावर्ची टोला और सलेमपुर हाउस में भी भीड़ रही. सनतकदा फेस्टिवल में एंट्री के लिए 60 रुपये का टिकट लग रहा है. यहां पर कुल 100 दुकानें भिन्न-भिन्न जगह की लगी हुई हैं.

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