कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) आयोजित कर रही है. इस बार ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को लेकर विद्यार्थियों में कई संशय हैं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन और अन्य जानकारी के लिए वेबसाइट बदली है. नई वेबसाइट पर कई विश्वविद्यालय से जुड़ी जानकारी नहीं आ रही है. यह सभी विश्वविद्यालय बीते साल इस परीक्षा के जरिए अपने यहां पर प्रवेश दे चुके हैं. लेकिन इस बार इन विश्वविद्यालय के शामिल होने को लेकर भी संशय है.
एजुकेशन एक्सपर्ट व एक्जाम काउन्सलर कमल सिंह चौहान ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या सीयूईटी यूजी के एग्जाम को लेकर यह आ रही है कि कौनसी यूनिवर्सिटी में इस प्रवेश परीक्षा के जरिए प्रवेश मिलेगा. कई बड़ी यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने के चलते यह समस्या आ रही है. निजी कोचिंग संस्थान में सीयूईटी के कोऑर्डिनेटर मनीष सोनी ने बताया कि पार्टिसिपेट यूनिवर्सिटी को लेकर अभ्यर्थी थोड़े कन्फ्यूजन में है कि कौनसी यूनिवर्सिटी सीयूईटी के जरिए एडमिशन दे रही है और कौनसी नहीं दे रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि सीयूईटी यूजी की वेबसाइट पर अभी सारी यूनिवर्सिटी अपडेटेड नहीं है. जिस दिन (27 फरवरी) को पोर्टल चालू हुआ था, उस दिन 9 यूनिवर्सिटी ही इसमें दिखाई गई थी. जबकि 5 मार्च तक कुल 70 यूनिवर्सिटी अभी तक अपडेट हुई हैं. इनमें इसमें 33 सेंट्रल और 14 स्टेट, चार डीम्ड और 20 यूनिवर्सिटी प्राइवेट है. जबकि बीते साल यह संख्या 250 थी.
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इन संशय के चलते विद्यार्थी हो रहे हैं परेशान:
- सिलेक्शन क्राइटेरिया: सीयूईटी के जरिए कोई भी कोर्स यूनिवर्सिटी में करना चाहता है, तो उसमें दो तरह की समस्या आ रही है. स्टूडेंट वहां पर सब्जेक्ट के कांबिनेशन के फीस सबमिट करनी होती है और हर यूनिवर्सिटी का सिलेक्शन क्राइटेरिया अलग-अलग है. यह सीयूईटी की वेबसाइट या अपनी वेबसाइट पर अपडेट किया हुआ है, लेकिन कुछ यूनिवर्सिटी एक सब्जेक्ट और कुछ एक से ज्यादा सब्जेक्ट को बेस बनाकर एडमिशन देती है.
- फीस देनी पड़ रही ज्यादा: इस साल सीयूईटी में तीन सब्जेक्ट के लिए 1000 रुपए और अतिरिक्त विषय पर 400 रुपए प्रति विषय देना होगा. किसी यूनिवर्सिटी में तीन सब्जेक्ट बेस पर एडमिशन होता है, तो अभ्यर्थी 1000 रुपए देकर एग्जाम में बैठ सकता है, लेकिन अभी वेबसाइट पर क्लियर नहीं हुआ है. इसलिए उसे 5 सब्जेक्ट से आवेदन के साथ भरने पड़ रहे हैं. इसके लिए उसे 800 रुपए ज्यादा फीस देनी पड़ रही है, जिसकी क्लेरिफिकेशन होने की स्थिति में जरूरत नहीं थी.
- क्या प्रेफरेंस बदल सकेंगे: स्टूडेंट को एक भी यह भी कंफ्यूजन है कि दिख रहा है कि मैं आवेदन करूं या नहीं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पहले ही क्लियर कर दिया था कि अभी फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन रिजल्ट के बाद काउंसलिंग के समय यूनिवर्सिटी की प्रेफरेंस को बदल सकते हैं और आवेदन के अतिरिक्त यूनिवर्सिटी में आप अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन शर्त इतनी है कि यूनिवर्सिटी की कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी को आप पूरा कर रहे हों. ऐसे में बच्चों में कन्फ्यूजन है कि हम एडमिशन लेना चाहते हैं, उस एलिजिबिलिटी वाले सब्जेक्ट का चयन कर रहे हैं या नहीं. अगर नहीं है, तो हम आवेदन ही क्यों भर रहे हैं.
- विश्वविद्यालय शामिल होंगे या नहीं: एक सप्ताह हो गया है, लेकिन अभी भी पूरी यूनिवर्सिटी नजर नहीं हो रही है. दूसरा असमंजस विद्यार्थियों में यह भी है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की वेबसाइट दिल्ली यूनिवर्सिटी को पहले नहीं दिख रही थी, लेकिन 19 फरवरी को घोषित कर दिया था कि सीयूईटी में शामिल होगी और एडमिशन पॉलिसी डाल दी थी. जिसमें स्टूडेंट की सभी आशंकाएं खत्म हो गई, लेकिन अभी भी कई सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी ने अभी तक अपना स्टैंड के लिए नहीं किया है.
- कमल सिंह चौहान का कहना है कि सीयूईटी को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सलाह दी है कि विद्यार्थी लैंग्वेज, जनरल टेस्ट और कोई भी तीन डोमेन सब्जेक्ट लेकर उनका चयन करें. इसको प्रिफर करने के लिए भी उन्होंने कहा है, लेकिन जब विद्यार्थियों का एडमिशन कोई यूनिवर्सिटी जनरल टेस्ट के आधार पर ही ले रही है तो उन्हें अन्य परीक्षाएं देना क्यों जरूरी है.
- मनीष सोनी ने बताया कि बिहार की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी जीटी और जर्नलिज्म के आधार पर जर्नलिज्म के कोर्स में प्रवेश दे रही है. कई यूनिवर्सिटी जनरल टेस्ट के आधार पर ही इस कोर्स में प्रवेश दे देती हैं, ऐसे में विद्यार्थी को अनावश्यक पढ़ाई करनी पड़ेगी और उसे टेस्ट भी देना होगा.
- कमल सिंह चौहान का कहना है कि बीते साल सीयूईटी यूजी के तहत 2023 में 250 यूनिवर्सिटी एडमिशन दे रही थी, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी 232 विश्वविद्यालय में ही इसके जरिए एडमिशन दे रही थी. ऐसे में इस बार यह संख्या कम होगी या बढ़ेगी, इसको लेकर बड़ा संशय है.
- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 27 फरवरी से इसके आवेदन खोल दिए थे और 26 मार्च रात 11:50 तक आवेदन फीस डिपॉजिट करनी है. उसके बाद 28 और 29 मार्च को विद्यार्थियों को करेक्शन करना होगा. ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने यह भी समस्या है कि वे आवेदन करें या नहीं.
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पहले मना किया और बाद में सीयूईटी यूजी से प्रवेश देने की घोषणा की: मनीष सोनी का कहना है कि अभी तक इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर नहीं है. उन्होंने पहले घोषणा भी की थी कि सीयूईटी से उनका एडमिशन प्रोसेस लेट हो रहा है, इसलिए इस बार में पार्टिसिपेट नहीं करेंगे, लेकिन बाद में सीयूईटी के जरिए ही प्रवेश देने की बात कही. इसी तरह से बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) का भी मामला है. अभी तक बीएचयू इसमें शामिल नहीं है. ऐसा ही देश के कई अन्य विश्वविद्यालयों को लेकर है.