लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक स्कूल के स्ट्रक्चर में सुधार के लिए किये जा रहे अथक प्रयासों के फलस्वरूप कई कॉरपोरेट सेक्टर इस दिशा में फंड उपलब्ध करा रहे है. जिससे उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है. स्कूलों की बिल्डिंग और फर्नीचर, और लैब को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी के तहत एयर इण्डया सैट्स ने महाराजगंज के दो बेसिक स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए सीएसआर फंड से लाखों रूपये उपलबध कराये है. जल्द ही महाराजगंज के दो बेसिक स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस नजर आयेंगे. प्रदेश में 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 18 हजार करोड रूपये से ज्यादा राशि का सहयोग किया है.
45 लाख रुपए किए जा रहे खर्च: एआई सैट्स ने महाराजगंज के दो प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प का जिम्मा उठाया है. इसके लिए उसने जिला प्रशासन को 45 लाख रुपये मुहैया कराए हैं. इस धनराशि से चौक क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय सोनाड़ी खास और प्राथमिक विद्यालय चौक छावनी को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. इनमें से एक प्राथमिक विद्यालय छावनी के कायाकल्प का कार्य पूर्ण हो चुका है. प्राथमिक विद्यालय का यह बदला हुआ स्वरूप लोगों को अचंभित कर रहा है. इसकी दीवारों पर वुड फर्निशिंग कराई गई है. कंप्यूटर, इंट्रैक्टिव पैनल, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर आदि सुविधा मुहैया कराकर दोनों विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया है. जिन 19 पैरामीटर पर इन स्कूलों को सुधारा गया है, उसमें पेय जल, ब्लैक बोर्ड, फर्नीचर, शौचालय, नल से जल, रंगाई पुताई, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब शामिल है. इसे भी पढ़े-यूपी में बाढ़-बारिश से हाहाकार; गोंडा-बरेली-शाहजहांपुर में नदियां उफनाईं, 24 घंटे में 58% अधिक बरसात, बुधवार को सीएम लेंगे जायजा - Heavy Rain in UP
शिक्षा को बढ़ावा देना है उद्देश्य: एआई सैट्स के अधिकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में शिक्षा और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई पहल कायाकल्प के तहत इन दोनों स्कूलों का चयन किया गया है. चयनित जिला वंचित और पिछड़ा हुआ है. यहीं पर कंपनी ने बीते दिनों जॉब फेयर का भी आयोजन किया था. इन दोनों स्कूलों के कायाकल्प की परियोजना पर कुल 45 लाख रुपये की लागत आएगी. इन स्कूलों के मेकओवर का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना है.
एआई सैट्स का प्रयास सुविधा के अभाव में स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाना है. साथ ही, स्मार्ट और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, खेल सुविधाओं की स्थापना के माध्यम से खेलने के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य के साथ सीखने को बढ़ावा देना, छात्रों के बीच पढ़ने और पुस्तकालय की आदतों को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय का निर्माण करना, स्कूलों में स्वच्छता में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक बालिकाओं को आकर्षित करना शामिल है. वहीं, शौचालय का निर्माण,चारदीवारी की बाड़ लगाना और ज्ञानवर्धक वॉल पेंटिंग के जरिए छात्रों के लिए पढ़ने के अवसर उपलब्ध कराना भी इसका उद्देश्य है.
शिक्षा में सुधार के लिए हजारों करोड़ खर्च कर रही संस्थाएं: कई बड़ी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अपने सीएसआर फंड के माध्यम से शिक्षा विभाग के मिशन कायाकल्प में सहयोग कर रही हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश में 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का सहयोग किया गया है. इसमें किसी ने स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए, किसी ने स्मार्ट क्लास के लिए सहयोग किया है. वहीं, सीएसआर के माध्यम से कंप्यूटर/साइंस लैब, फर्नीचर, झूले और आरओ भी लगवाए गए हैं. कुछ संस्थाओं ने खुद इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया है, तो कुछ ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए धनराशि प्रदान की है. जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया की टाटा की संस्था एआईएसएपीएस के सीएसआर फंड से चौक क्षेत्र के दो परिषदीय विद्यालयों को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है. इसमें से प्राथमिक विद्यालय चौक छावनी को वर्ल्ड क्लास अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है. स्मार्ट क्लास रूम, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब के साथ ही अन्य सुविधाएं छात्रों को मुहैया होंगी.
यह भी पढ़े-गर्मी की छुट्टियों के बाद बेसिक विद्यालयों में लगेगा समर कैंप