कानपुर: अगर आप मौजूदा समय में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि या एचबीटीयू से पढ़ाई कर रहे हैं, तो आप मध्य सत्र में ही छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में दाखिला ले सकेंगे. सूबे के सभी राज्य विवि में सीएसजेएमयू पहला ऐसा विवि है, जो छात्रों को बीच सत्र से ही विवि बदलने की अनुमति देगा. इस मामले को लेकर विवि के कुलपति प्रो.विनय पाठक का कहना है, कि छात्र बीच सत्र में किसी भी विवि से सीएसजेएमयू तभी आ पाएंगे, जब उनका कोर्स भी सीएसजेएमयू में संचालित होगा. इसके साथ ही अब छात्रों को एक साल के अंदर सीएसजेएमयू से दो डिग्रियां मिल जाएंगी. छात्रों को विवि द्वारा संचालित ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश का मौका मिलेगा. इसके लिए विवि में द्रोणाचार्य सेंटर फॉर आनलाइन एंड डिस्टेंस एजूकेशन को संचालित कर दिया गया है.
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सीएसजेएमयू से शोध करना हुआ महंगा: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के कुलपति प्रो.विनय पाठक ने बताया, कि अब विवि से शोध करने वाले छात्रों को कोर्स वर्क में बैक पेपर के लिए कुल 10 हजार रुपये फीस देनी होती थी. हालांकि, अब छात्रों को हर पेपर के लिए 10 हजार रुपये खर्च करने होंगे. उन्होंने बताया, कि प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में कुल तीन पेपर होते हैं. जिनमें अभी तक फेल होने पर बैक पेपर के लिए केवल 10 हजार रुपये देने होते थे. हालांकि, अब हर पेपर के लिए 10 हजार रुपये फीस जमा करनी होगी. वहीं, अभी तक पीएचडी शोधार्थी को सहायक प्रोफेसर की नौकरी के लिए अभी तक विवि से निशुल्क सर्टिफिकेट मिल जाता था. लेकिन, अब उस सर्टिफिकेट के लिए भी एक हजार रुपये शुल्क देना होगा.
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