जयपुर : मां शक्ति की आराधना के शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं. शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. आमेर में प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह 6:35 बजे घट स्थापना की गई. घट स्थापना के बाद करीब 7:35 बजे भक्तों के लिए दर्शन शुरू किए गए. शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा. दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे. कोई दंडवत करते हुए तो कोई हाथ में ध्वज लिए माता के दरबार में धोक लगाने पहुंचे.
पहले नवरात्रों को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई. पूरे 9 दिन विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी. नवरात्रों में माता के भक्तों के लिए आमेर महल में प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई है. नवरात्र मेले के दौरान 13 अक्टूबर तक आमेर महल में हाथी सवारी और रात्रिकालीन पर्यटन बंद रहेगा. मंदिर परिसर में भारी भीड़ को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए. पुलिस के आलाधिकारी लगातार व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश देते रहे.
आमेर शिला माता मंदिर में सुबह 6:35 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना हुई. माता रानी का विशेष श्रंगार कर झांकी भी सजाई गई. भक्तों की मान्यता है कि शिला माता सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है. भक्त हर नवरात्र में माता के दरबार में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. कई भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे. माता के भक्तों के लिए आमेर महल में विशेष व्यवस्थाएं की गई है. प्रसादी के लिए भंडारे का आयोजन किया गया है. वहीं छाया के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है.
शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवें नवरात्रा को स्कंदमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.
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शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की विशेष व्यवस्थाएं की गई है. नवरात्रों के दौरान दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. 4 अक्टूबर दूसरे नवरात्रा से 13 अक्टूबर आखरी नवरात्रा तक रोजाना सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन होंगे. 9 अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा. निशा पूजन 10 अक्टूबर को रात्रि 10:00 बजे होगी. 11 अक्टूबर अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 13 अक्टूबर को दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. नवरात्रों में रोजाना बाल भोग सुबह 8:00 बजे से 8:15 बजे तक और प्रातः आरती 11:00 बजे होगी. संध्या आरती शाम 6:30 बजे होगी. रात्रि भोग रात 7:45 बजे से 8:00 बजे तक होगा और शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी.
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आमेर महल अधीक्षक राकेश छोलक ने बताया कि शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं. आमेर महल में नवरात्र के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त होमगार्ड तैनात किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है. नवरात्र के दौरान सुबह 8:00 से शाम 5:30 तक की महल में पर्यटकों का प्रवेश रहेगा. पर्यटकों के लिए टिकट की व्यवस्था सिंहपोल गेट पर की गई है. 13 अक्टूबर तक रात्रि कालीन पर्यटन और हाथी सवारी बंद रहेगी. इस दौरान पर्यटक हाथी गांव में हाथी सवारी कर सकेंगे.