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धौलपुर के बसेड़ी और सैपऊ में फसलें बर्बाद, आगामी रबी पर भी बुवाई का संकट - Crops destroyed in Dholpur - CROPS DESTROYED IN DHOLPUR

इस बार मानसून किसानों के आफत लेकर आया. लगतार हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे फसलें खराब हो गई. धौलपुर जिले में सबसे ज्यादा नुकसान बसेड़ी और सैपऊ उपखंड में हुआ है.

Crops destroyed in Dholpur
धौलपुर के बसेड़ी और सैपऊ में फसलें बर्बाद (Photo ETV Bharat Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 1, 2024, 5:11 PM IST

धौलपुर: जिले में इस सीजन की बरसात ने किसान के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. अत्य​धिक बारिश से खेतों में खड़ी बाजरा, ज्वार और मक्का आदि की फसल गल गई. खेत अभी भी पानी से लबालब हैं. ऐसे में आगामी रबी की बुवाई पर भी संकट बन आया है. चारा बर्बाद होने से किसानों के लिए पशु पालना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अन्नदाता शासन और प्रशासन की तरफ आस भरी निगाहों से देख रहा है.

लगातार हुई बारिश से बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का और नकदी फसलों में भिंडी, तोरई, लौकी, पालक, धनिया, करेला, खीरा,टमाटर और मिर्च आदि की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. पिछले डेढ़ महीने से खेत तालाब के रूप में बदल गए. खेतों में अभी भी घुटनों तक पानी भरा हुआ है. किसान दशरथ सिंह ने बताया कि उन्होंने महंगे खाद बीज कीटनाशक दवा डालकर फसल को उगाया था, लेकिन आसमानी आफत ने किसानों के अरमानों पर बुरी तरह से पानी फेर दिया है. पानी भरने से चारा भी गल गया. इससे पशुओं के सामने भी संकट हो गया. किसानों को मजबूरी में मवेशियों को सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है. किसान सुनील कुमार ने बताया कि अब प्रशासन और सरकार की सहायता से ही अन्नदाता बच सकता है.

धौलपुर के बसेड़ी और सैपऊ में फसलें बर्बाद (Video ETV Bharat Dholpur)

पढ़ें: आसमानी आफत से अन्नदाता परेशान, खरीफ फसल हो रही बर्बाद, बिजली गिरने से बकरियां मरी

रबी फसल पर भी संकट: खेतों में पानी भरा होने से रबी फसल की बुवाई पर भी संकट बन गया है. करीब 15 दिन बाद सरसों और उसके 15 दिन बाद आलू और गेहूं फसल की बुवाई का समय शुरू हो जाता है. खेत तालाब के रूप में तब्दील हो गए हैं. खेतों में 2 से 3 फीट तक पानी भरा है. इस पानी को सूखने में दो माह तक का समय लग सकता है. लिहाजा, रबी फसल की बुवाई भी नहीं हो सकती. किसानों ने कहा कि सरकार फसल की गिरदावरी करवाकर अच्छे पैकेज का मुआवजा उपलब्ध कराए, तभी किसानों को राहत मिल सकती है, अन्यथा किसानों के परिवारों को भूंखों मरने तक की नौबत आ सकती है.

गिरदावरी शुरू, किसानों को देंगे राहत: जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने बताया कि बरसात के इस सीजन में धौलपुर जिले में 165 फीसदी से अधिक बारिश हुई है. जिले का सबसे बड़ा बांध पार्वती समेत उर्मिला रामसागर और तालाब शाही ओवरफ्लो हो चुके हैं. बरसात से करीब 300 मकान में नुकसान हुआ है. फसल खराबे की गिरदावरी कराने के लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं. किसानों को नुकसान का मुताबिक उचित मुआवजा दिलाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: प्रदेश में बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि का कहर, भरतपुर संभाग में गेहूं-सरसों की फसलें बर्बाद, आंकड़ा बढ़ने की संभावना

बसेड़ी, सैपऊ और धौलपुर में सबसे ज्यादा नुकसान: बरसात से सबसे अधिक नुकसान बसेड़ी, सैपऊ और धौलपुर उपखंड इलाके में हुआ है, लेकिन कृषि विभाग बसेड़ी और सैपऊ उपखंड में 50 फीसदी फसल नुकसान का ही आकलन कर रहा है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक हब्बल सिंह ने बताया कि धौलपुर जिले में 17870 हेक्टर बाजार फसल की बंपर बुआई हुई है, इसके अलावा दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का आदि फसलों का रकबा काफी कम है. उन्होंने बताया कि बसेड़ी और सैपऊ उपखंड इलाके में 50 फ़ीसदी खरीफ फसल बर्बाद हुई है. उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक फसल खराबे की रिपोर्ट सामने आ जाएगी.

धौलपुर: जिले में इस सीजन की बरसात ने किसान के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. अत्य​धिक बारिश से खेतों में खड़ी बाजरा, ज्वार और मक्का आदि की फसल गल गई. खेत अभी भी पानी से लबालब हैं. ऐसे में आगामी रबी की बुवाई पर भी संकट बन आया है. चारा बर्बाद होने से किसानों के लिए पशु पालना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अन्नदाता शासन और प्रशासन की तरफ आस भरी निगाहों से देख रहा है.

लगातार हुई बारिश से बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का और नकदी फसलों में भिंडी, तोरई, लौकी, पालक, धनिया, करेला, खीरा,टमाटर और मिर्च आदि की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. पिछले डेढ़ महीने से खेत तालाब के रूप में बदल गए. खेतों में अभी भी घुटनों तक पानी भरा हुआ है. किसान दशरथ सिंह ने बताया कि उन्होंने महंगे खाद बीज कीटनाशक दवा डालकर फसल को उगाया था, लेकिन आसमानी आफत ने किसानों के अरमानों पर बुरी तरह से पानी फेर दिया है. पानी भरने से चारा भी गल गया. इससे पशुओं के सामने भी संकट हो गया. किसानों को मजबूरी में मवेशियों को सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है. किसान सुनील कुमार ने बताया कि अब प्रशासन और सरकार की सहायता से ही अन्नदाता बच सकता है.

धौलपुर के बसेड़ी और सैपऊ में फसलें बर्बाद (Video ETV Bharat Dholpur)

पढ़ें: आसमानी आफत से अन्नदाता परेशान, खरीफ फसल हो रही बर्बाद, बिजली गिरने से बकरियां मरी

रबी फसल पर भी संकट: खेतों में पानी भरा होने से रबी फसल की बुवाई पर भी संकट बन गया है. करीब 15 दिन बाद सरसों और उसके 15 दिन बाद आलू और गेहूं फसल की बुवाई का समय शुरू हो जाता है. खेत तालाब के रूप में तब्दील हो गए हैं. खेतों में 2 से 3 फीट तक पानी भरा है. इस पानी को सूखने में दो माह तक का समय लग सकता है. लिहाजा, रबी फसल की बुवाई भी नहीं हो सकती. किसानों ने कहा कि सरकार फसल की गिरदावरी करवाकर अच्छे पैकेज का मुआवजा उपलब्ध कराए, तभी किसानों को राहत मिल सकती है, अन्यथा किसानों के परिवारों को भूंखों मरने तक की नौबत आ सकती है.

गिरदावरी शुरू, किसानों को देंगे राहत: जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने बताया कि बरसात के इस सीजन में धौलपुर जिले में 165 फीसदी से अधिक बारिश हुई है. जिले का सबसे बड़ा बांध पार्वती समेत उर्मिला रामसागर और तालाब शाही ओवरफ्लो हो चुके हैं. बरसात से करीब 300 मकान में नुकसान हुआ है. फसल खराबे की गिरदावरी कराने के लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं. किसानों को नुकसान का मुताबिक उचित मुआवजा दिलाया जाएगा.

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बसेड़ी, सैपऊ और धौलपुर में सबसे ज्यादा नुकसान: बरसात से सबसे अधिक नुकसान बसेड़ी, सैपऊ और धौलपुर उपखंड इलाके में हुआ है, लेकिन कृषि विभाग बसेड़ी और सैपऊ उपखंड में 50 फीसदी फसल नुकसान का ही आकलन कर रहा है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक हब्बल सिंह ने बताया कि धौलपुर जिले में 17870 हेक्टर बाजार फसल की बंपर बुआई हुई है, इसके अलावा दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का आदि फसलों का रकबा काफी कम है. उन्होंने बताया कि बसेड़ी और सैपऊ उपखंड इलाके में 50 फ़ीसदी खरीफ फसल बर्बाद हुई है. उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक फसल खराबे की रिपोर्ट सामने आ जाएगी.

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