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फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को प्रति एकड़ मिलेंगे 1 हजार रुपये, जानें आवेदन की अंतिम तारीख

हरियाणा सरकार लगातार किसान हित में योजनाएं लागू कर रही है. फसल अशेष प्रबंधन को लेकर पूरी अपडेट इस खबर में जानें.

Crop Residue Management
Crop Residue Management (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान कटाई का काम लगभग 95% पूरा हो चुका है. धान कटाई के बाद किसान फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए धन की फसल अवशेष में आग लगा देते हैं. जिससे यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है. क्योंकि इससे वातावरण खराब होता है. उसके साथ-साथ खेत की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है. इसलिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग मिलकर किसानों को जागरूक कर रहा है, कि वह फसल अवशेष का प्रबंधन करें. जिसमें सरकार के द्वारा उनको प्रोत्साहन राशि के रुपये में 1000 के प्रति एकड़ दिया जा रहा है.

फसल अवशेष प्रबंधन राशि: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. उपायुक्त राजेश जोगपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान धान की कटाई के बाद अपने खेत में आग न लगाएं. आग लगाने से वायु प्रदूषण होता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं. उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना एसबी-82, 2024-25 के तहत अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी.

किसान राशि के लिए करें आवेदन: हरियाणा के किसान विभिन्न प्रकार की मशीनों से जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आवेदक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. उपायुक्त ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर आवेदन करना होगा.

आवेदन के लिए 30 तारीख तक का समय: ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन होने के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दे दिया जाएगा. आवेदन करने के लिए किसानों को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है. जिसमें किसानों के खेत में फसल अवशेष प्रबंधन की लाइव लोकेशन की फोटो ली जाती है, जो आवेदन करते समय पोर्टल पर अपलोड की जाती है. उसके बाद सत्यापन के बाद उनको उनकी प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में भेज दी जाती है.

किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिलेगा फायदा: उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से किसान अनुदान पर रोटावेटर, एमबी प्लाव, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं. हरियाणा सरकार के द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए कई कृषि यंत्र दिए जाते हैं. जो 50% अनुदान पर दिए जाते हैं, ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा इसका फायदा उठा सके और अपने फसल अवशेष में आग लगाने की बजाय उनका प्रबंधन कर सकें.

गांवों में जागरुकता कार्यक्रम किए: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि जिले में 60 जगहों पर आगजनी की घटनाओं से सम्बन्धित 1 लाख 50 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया गया है. इसके अलावा 84 किसानों के फार्म में रेड एंट्री भी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि गांवों और ब्लॉक लेवल पर अधिकारियों की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई है. तथा खेतों में आगजनी की घटना ना हो इसके लिए विशेष तौर पर 416 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके है.

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान कटाई का काम लगभग 95% पूरा हो चुका है. धान कटाई के बाद किसान फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए धन की फसल अवशेष में आग लगा देते हैं. जिससे यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है. क्योंकि इससे वातावरण खराब होता है. उसके साथ-साथ खेत की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है. इसलिए हरियाणा सरकार और कृषि विभाग मिलकर किसानों को जागरूक कर रहा है, कि वह फसल अवशेष का प्रबंधन करें. जिसमें सरकार के द्वारा उनको प्रोत्साहन राशि के रुपये में 1000 के प्रति एकड़ दिया जा रहा है.

फसल अवशेष प्रबंधन राशि: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. उपायुक्त राजेश जोगपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान धान की कटाई के बाद अपने खेत में आग न लगाएं. आग लगाने से वायु प्रदूषण होता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं. उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना एसबी-82, 2024-25 के तहत अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी.

किसान राशि के लिए करें आवेदन: हरियाणा के किसान विभिन्न प्रकार की मशीनों से जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आवेदक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. उपायुक्त ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर आवेदन करना होगा.

आवेदन के लिए 30 तारीख तक का समय: ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन होने के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दे दिया जाएगा. आवेदन करने के लिए किसानों को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है. जिसमें किसानों के खेत में फसल अवशेष प्रबंधन की लाइव लोकेशन की फोटो ली जाती है, जो आवेदन करते समय पोर्टल पर अपलोड की जाती है. उसके बाद सत्यापन के बाद उनको उनकी प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में भेज दी जाती है.

किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिलेगा फायदा: उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से किसान अनुदान पर रोटावेटर, एमबी प्लाव, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं. हरियाणा सरकार के द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए कई कृषि यंत्र दिए जाते हैं. जो 50% अनुदान पर दिए जाते हैं, ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा इसका फायदा उठा सके और अपने फसल अवशेष में आग लगाने की बजाय उनका प्रबंधन कर सकें.

गांवों में जागरुकता कार्यक्रम किए: उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि जिले में 60 जगहों पर आगजनी की घटनाओं से सम्बन्धित 1 लाख 50 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया गया है. इसके अलावा 84 किसानों के फार्म में रेड एंट्री भी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि गांवों और ब्लॉक लेवल पर अधिकारियों की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई है. तथा खेतों में आगजनी की घटना ना हो इसके लिए विशेष तौर पर 416 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके है.

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