दुर्ग: भारत और रूस मित्रता के प्रतीक कहे जाने वाले मैत्री बाग में फिर एक बार नए मेहमान लाए गए हैं. इस बार एक नर मगरमच्छ, दो नर और दो मादा बार्किंग डियर लाया गया है. जिसे पर्यटकों के लिए केज में छोड़ा गया.
मैत्री बाग और कानन पेंडारी के बीच वन्यप्राणी विनिमय: मैत्री बाग प्रबंधन भी बिलासपुर के कानन पेंडारी जू को 20 सांभर देगा. एक मादा मगरमच्छ को कानन पेंडारी जू की टीम द्वारा मैत्री बाग जू लाया जाएगा. 20 सांभरों को भिलाई से बिलासपुर ले जाया जायेगा.
मैत्री बाग में मगरमच्छ को इस महीने के आखिर तक लाने की संभावना है. मैत्री बाग जू प्रबंधन ने 1 जोड़ी भालू, 2 ऑस्ट्रिच और 1 जोड़ी मोर को भिलाई लाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी को प्रस्ताव भेजा है. यह सभी जानवर 20 सांभरों के विनिमय में ही शामिल हैं.
सेंट्रल जू अथॉरिटी के मार्गदर्शन के मुताबिक ही वन्यप्राणी विनिमय किया जाता है. 10 वर्ष के नर मगरमच्छ की लम्बाई 8 से 9 फीट है. यह एक साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल है-डॉ. नवीन जैन, मैत्री बाग प्रभारी
साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल की खासियत: यह ज्यादातर पानी में रहना पसंद करते हैं और ठंड के मौसम में ग्रास्पिंग करने पानी से बाहर आकर धूप में बैठता है. इनकी औसत आयु 40-50 वर्ष की होती है. यह मस्क क्रोकोडाइल की तुलना में काफी लंबा और वजनी होता है.
बार्किंग डियर की खास बातें: यह हिरणों की सबसे छोटी प्रजाति है. यह अपने आसपास शेर या तेंदुआ होने पर कुत्तों की तरह आवाज निकलकर अपने अन्य साथियों को सतर्क करते हैं. इनके केनाइन टीथ काफी बड़े होते हैं, जिसके कारण कभी कभी ये आपसी लड़ाई में अपने साथियों को घायल भी कर देते हैं.
मैत्री बाग में लाए गए बार्किंग डियर की आयु 5-6 वर्ष है. इनकी औसत आयु 10-12 वर्ष है. मैत्री बाग प्रबंधन ने इसके पहले नवा रायपुर जंगल सफारी से सफेद बाघिन जया, चार बार्किंग डियर और चार स्याही को मैत्री बाग लाया था. इसके बदले में मैत्री बाग की बाघिन रक्षा को जंगल सफारी भेज गया था.