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हरियाणा के पूर्व सीएम चौटाला और विधायकों की पेंशन पर संकट; सजा के बाद भी मिल रही पेंशन, दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - HARYANA LEADERS PENSION CASE

हरियाणा में सजा के बाद भी मिल रही पेंशन पर याचिका दायर की गई, जिस पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.

POST CONVICTION PENSION
पेंशन पर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब (File Photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 10, 2024, 5:44 PM IST

पंचकूला: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला समेत चार पूर्व विधायकों की मिल रही पेंशन पर संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि कोर्ट की ओर से दोष साबित होने पर सजा सुनाए जाने के बाद भी इन नेताओं को अब तक मिल रहे पेंशन लाभ के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने इनसे मांगा जवाब: दायर याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा मामले में सभी प्रतिवादियों, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए?

याची को आरटीआई में मिला जवाब: दरअसल, हाइकोर्ट में यह याचिका चंडीगढ़ निवासी हरी चंद अरोड़ा की ओर से दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. इसकी जवाब में पता लगा कि सजा पा चुके 4 पूर्व विधायक भी पेंशन ले रहे हैं.

चौटाला बाप-बेटे को हुई 10 साल की सजा: याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 में 10 साल की सजा हुई थी. सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 में 7 साल की सजा हो चुकी है. नतीजतन इनका पेंशन का हकदार होना गैरकानूनी है, जो जनता के पैसे का दुरूपयोग है.

इस नियम के तहत दायर की याचिका: याची अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत यदि किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे तो वह पेंशन के अयोग्य हो जाता है. अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने संबंधी याचिका दायर की थी.

विधानसभा से याचिका खारिज: विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में उक्त पूर्व विधायकों को वेतन-भत्ते और पेंशन एक्ट के तहत पेंशन का हकदार बताया. कहा कि इनकी सदस्यता न तो दलबदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया. विधानसभा से याचिका खारिज होने के बाद याची ने हाईकोर्ट की शरण ली.

किसे कितनी मिल रही पेंशन: सचिवालय ने बताया कि 288 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है. इनमें ओमप्रकाश चौटाला को 2 लाख 15 हजार 430 रुपए पेंशन और उनके बेटे अजय चौटाला को 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है. जबकि शेर सिंह बड़शामी को भी 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है और सतबीर सिंह कादियान को भी पेंशन दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें : हरियाणा सरकार की बढ़ी मुश्किलें !, मंत्रिमंडल पर हाईकोर्ट ने भेज डाला नोटिस

पंचकूला: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला समेत चार पूर्व विधायकों की मिल रही पेंशन पर संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि कोर्ट की ओर से दोष साबित होने पर सजा सुनाए जाने के बाद भी इन नेताओं को अब तक मिल रहे पेंशन लाभ के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

हाईकोर्ट ने इनसे मांगा जवाब: दायर याचिका पर हाइकोर्ट द्वारा मामले में सभी प्रतिवादियों, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए?

याची को आरटीआई में मिला जवाब: दरअसल, हाइकोर्ट में यह याचिका चंडीगढ़ निवासी हरी चंद अरोड़ा की ओर से दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. इसकी जवाब में पता लगा कि सजा पा चुके 4 पूर्व विधायक भी पेंशन ले रहे हैं.

चौटाला बाप-बेटे को हुई 10 साल की सजा: याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 में 10 साल की सजा हुई थी. सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 में 7 साल की सजा हो चुकी है. नतीजतन इनका पेंशन का हकदार होना गैरकानूनी है, जो जनता के पैसे का दुरूपयोग है.

इस नियम के तहत दायर की याचिका: याची अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत यदि किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे तो वह पेंशन के अयोग्य हो जाता है. अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने संबंधी याचिका दायर की थी.

विधानसभा से याचिका खारिज: विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में उक्त पूर्व विधायकों को वेतन-भत्ते और पेंशन एक्ट के तहत पेंशन का हकदार बताया. कहा कि इनकी सदस्यता न तो दलबदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया. विधानसभा से याचिका खारिज होने के बाद याची ने हाईकोर्ट की शरण ली.

किसे कितनी मिल रही पेंशन: सचिवालय ने बताया कि 288 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है. इनमें ओमप्रकाश चौटाला को 2 लाख 15 हजार 430 रुपए पेंशन और उनके बेटे अजय चौटाला को 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है. जबकि शेर सिंह बड़शामी को भी 50 हजार 100 रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है और सतबीर सिंह कादियान को भी पेंशन दी जा रही है.

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