ETV Bharat / state

सहकारी समिति की हड़ताल से धान खरीदी पर संकट, किसानों की चिंता बढ़ी - CRISIS ON PADDY PROCUREMENT

कोरिया जिले में धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों की हड़ताल से किसानों की टेंशन बढ़ गई है.

CRISIS ON PADDY PROCUREMENT
सहकारी समिति की हड़ताल (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 9, 2024, 8:02 PM IST

कोरिया: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी होनी है लेकिन धान खरीदी केंद्र के कर्मचारी फिलहाल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में धान खरीदी को लेकर उन किसानों की टेंशन बढ़ गई है, जो धान की कटाई और मिसाई का काम पूरा कर चुके हैं.

धान कटाई में तेजी: थ्रेशर मशीनों की मदद से किसान खेतों में ही धान की मिसाई कर रहे हैं और धान की बोरी भरकर समितियों में ले जाने के लिए तैयार हैं. जो किसान जुलाई अगस्त में बुवाई कर चुके थे, उनके खेतों में कटाई का काम तेजी से चल रहा है.

किसानों की चिंता बढ़ी (ETV BHARAT)

किसानों का दर्द: किसान धीरतपाल ने कहा, ''हम 14 नवंबर से धान बेचना चाहते हैं, लेकिन अभी हड़ताल के कारण अनिश्चितता बनी हुई है.'' किसानों का कहना है कि हम धान की कटाई के बाद घर में मिसाई कर रहे हैं, ताकि धान खरीदी केंद्र पर समय पर पहुंचा सकें. वहीं किसान जानसाय ने बताया कि ''अगर हड़ताल लंबी खिंचती है तो धान बेचने में देरी होगी और उनकी मेहनत पर असर पड़ेगा.''

सहकारी समिति प्रबंधक अजित साहू के मुताबिक 14 नवंबर से धान खरीदी का निर्धारित समय है, लेकिन हड़ताल के कारण खरीदी की प्रक्रिया को लेकर असमंजस बना हुआ है. सरकार से मांग की जा रही है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की 2058 सहकारी समितियों को वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं. हर समिति को 3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान देने के साथ 2018 के सेवा नियम में संशोधन की भी मांग की गई है.

मांगें क्या हैं?: धान खरीदी में सुधार के लिए सहकारी समितियों ने कई मांगें रखी हैं. जिनमें धान खरीदी अनुबंध में बदलाव, बीमा योजना में वृद्धि, राशन वितरण पर क्षतिपूर्ति में बढ़ोतरी. इसके अलावा समितियों के कर्मचारियों के लिए उचित वेतन का प्रावधान करने की मांग की गई है.

बलौदाबाजार में हंगामा और बवाल, थाने के आगे बीजेपी नेता पर दारू पार्टी का आरोप, एक्शन में पुलिस

बस्तर ओलंपिक: कई खिलाड़ियों को जानकारी नहीं, अकेले दौड़कर खिलाड़ी जीत रहे रेस

फसल बीमा योजना के नाम पर मजाक, 1 से 11 रुपये का बीमा क्लेम

कोरिया: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी होनी है लेकिन धान खरीदी केंद्र के कर्मचारी फिलहाल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में धान खरीदी को लेकर उन किसानों की टेंशन बढ़ गई है, जो धान की कटाई और मिसाई का काम पूरा कर चुके हैं.

धान कटाई में तेजी: थ्रेशर मशीनों की मदद से किसान खेतों में ही धान की मिसाई कर रहे हैं और धान की बोरी भरकर समितियों में ले जाने के लिए तैयार हैं. जो किसान जुलाई अगस्त में बुवाई कर चुके थे, उनके खेतों में कटाई का काम तेजी से चल रहा है.

किसानों की चिंता बढ़ी (ETV BHARAT)

किसानों का दर्द: किसान धीरतपाल ने कहा, ''हम 14 नवंबर से धान बेचना चाहते हैं, लेकिन अभी हड़ताल के कारण अनिश्चितता बनी हुई है.'' किसानों का कहना है कि हम धान की कटाई के बाद घर में मिसाई कर रहे हैं, ताकि धान खरीदी केंद्र पर समय पर पहुंचा सकें. वहीं किसान जानसाय ने बताया कि ''अगर हड़ताल लंबी खिंचती है तो धान बेचने में देरी होगी और उनकी मेहनत पर असर पड़ेगा.''

सहकारी समिति प्रबंधक अजित साहू के मुताबिक 14 नवंबर से धान खरीदी का निर्धारित समय है, लेकिन हड़ताल के कारण खरीदी की प्रक्रिया को लेकर असमंजस बना हुआ है. सरकार से मांग की जा रही है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की 2058 सहकारी समितियों को वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं. हर समिति को 3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान देने के साथ 2018 के सेवा नियम में संशोधन की भी मांग की गई है.

मांगें क्या हैं?: धान खरीदी में सुधार के लिए सहकारी समितियों ने कई मांगें रखी हैं. जिनमें धान खरीदी अनुबंध में बदलाव, बीमा योजना में वृद्धि, राशन वितरण पर क्षतिपूर्ति में बढ़ोतरी. इसके अलावा समितियों के कर्मचारियों के लिए उचित वेतन का प्रावधान करने की मांग की गई है.

बलौदाबाजार में हंगामा और बवाल, थाने के आगे बीजेपी नेता पर दारू पार्टी का आरोप, एक्शन में पुलिस

बस्तर ओलंपिक: कई खिलाड़ियों को जानकारी नहीं, अकेले दौड़कर खिलाड़ी जीत रहे रेस

फसल बीमा योजना के नाम पर मजाक, 1 से 11 रुपये का बीमा क्लेम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.