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जैसलमेर के स्कूलों में मिड डे मील पर संकट, एक साल से 1338 स्कूलों को नहीं मिली कुकिंग कन्वर्जन की राशि

जैसलमेर की 1338 स्कूलों में पिछले एक साल से मिड डे मील की कन्वर्जन राशि के करीब 8 करोड़ रुपए बकाया है, बजट आवंटित नहीं होने से यह योजना स्कूली शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है.

स्कूलों में मिड डे मील पर संकट
स्कूलों में मिड डे मील पर संकट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 8, 2024, 6:15 PM IST

स्कूलों को नहीं मिली कुकिंग कन्वर्जन की राशि

जैसलमेर. सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए मिड डे मील शुरू की गई थी. स्कूलों में चल रही इस योजना को लेकर पिछले एक साल से कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं हुआ है. जैसलमेर की 1338 स्कूलों में पिछले एक साल से मिड डे मील की कन्वर्जन राशि के करीब 8 करोड़ रुपए बकाया है, लेकिन बजट आवंटित नहीं होने से यह योजना स्कूली शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है.

गौरतलब है कि सरकार द्वारा एमडीएम योजना के तहत खाद्यान्न सरकार द्वारा एफसीआई के माध्यम से ही उपलब्ध करवाया जाता है. इसके अलावा मसालों के लिए सरकार द्वारा प्रति बच्चे के हिसाब से कन्वर्जन राशि स्कूल को दी जाती है, जिसमें स्कूल प्रबंधन द्वारा मिर्च मसालों के लिए कन्वर्जन राशि खर्च कर पोषाहार को पकाया जाता है. दरअसल पिछले करीब एक साल से जैसलमेर की सभी सरकारी स्कूलों में कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे सरकार की यह योजना अब उधारी के भरोसे ही रह गई है. जिले के 1316 सरकारी स्कूलों में सप्ताह में तय मेन्यू के आधार पर तय पोषाहार पकाया जाता है जिसके लिए सरकार द्वारा हर दिन के लिए एक मेन्यू भी तय किया गया है. स्कूल निरीक्षण करने वाले अधिकारियों द्वारा रोजाना मिड डे मील सुचारू रखने के निर्देश दिए जा रहे है.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री ने स्कूलोंं का किया औचक निरीक्षण, गंदगी पर जताई नाराजगी, बच्चों के बीच बैठकर किया भोजन

जैसलमेर में कुकिंग कन्वर्जन के करीब 7.95 करोड़ रुपए बकाया है. एक साल से राशि बकाया होने के बाद अब शिक्षा विभाग द्वारा फाइल को स्वीकृत करवाया गया है, लेकिन अब संचालन पोर्टल नहीं चलने से शिक्षा विभाग स्कूलों को कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं कर पा रहा है. इससे पहले शिक्षा विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर से डिमांड लेकर उसे उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है. इसके बाद फाइल को कलेक्टर द्वारा स्वीकृति भी दे दी गई है, लेकिन अब पोर्टल नहीं चलने से स्कूलों को कन्वर्जन राशि आवंटित नहीं हो पा रही है. ऐसे में मार्च तक अगर यह पैसे नहीं दिए गए तो बजट लैप्स हो जाएगा. बता दें कि स्कूलों को अप्रैल 2023 से अब तक का भुगतान नहीं हुआ है. इस मामले में शिक्षकों में भारी रोष है. वहीं, विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा की इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकारियो से बातचीत करके जल्द बजट पारित करने के निर्दश दिए जाएगा.

स्कूलों को नहीं मिली कुकिंग कन्वर्जन की राशि

जैसलमेर. सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए मिड डे मील शुरू की गई थी. स्कूलों में चल रही इस योजना को लेकर पिछले एक साल से कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं हुआ है. जैसलमेर की 1338 स्कूलों में पिछले एक साल से मिड डे मील की कन्वर्जन राशि के करीब 8 करोड़ रुपए बकाया है, लेकिन बजट आवंटित नहीं होने से यह योजना स्कूली शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है.

गौरतलब है कि सरकार द्वारा एमडीएम योजना के तहत खाद्यान्न सरकार द्वारा एफसीआई के माध्यम से ही उपलब्ध करवाया जाता है. इसके अलावा मसालों के लिए सरकार द्वारा प्रति बच्चे के हिसाब से कन्वर्जन राशि स्कूल को दी जाती है, जिसमें स्कूल प्रबंधन द्वारा मिर्च मसालों के लिए कन्वर्जन राशि खर्च कर पोषाहार को पकाया जाता है. दरअसल पिछले करीब एक साल से जैसलमेर की सभी सरकारी स्कूलों में कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे सरकार की यह योजना अब उधारी के भरोसे ही रह गई है. जिले के 1316 सरकारी स्कूलों में सप्ताह में तय मेन्यू के आधार पर तय पोषाहार पकाया जाता है जिसके लिए सरकार द्वारा हर दिन के लिए एक मेन्यू भी तय किया गया है. स्कूल निरीक्षण करने वाले अधिकारियों द्वारा रोजाना मिड डे मील सुचारू रखने के निर्देश दिए जा रहे है.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री ने स्कूलोंं का किया औचक निरीक्षण, गंदगी पर जताई नाराजगी, बच्चों के बीच बैठकर किया भोजन

जैसलमेर में कुकिंग कन्वर्जन के करीब 7.95 करोड़ रुपए बकाया है. एक साल से राशि बकाया होने के बाद अब शिक्षा विभाग द्वारा फाइल को स्वीकृत करवाया गया है, लेकिन अब संचालन पोर्टल नहीं चलने से शिक्षा विभाग स्कूलों को कन्वर्जन राशि का भुगतान नहीं कर पा रहा है. इससे पहले शिक्षा विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर से डिमांड लेकर उसे उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है. इसके बाद फाइल को कलेक्टर द्वारा स्वीकृति भी दे दी गई है, लेकिन अब पोर्टल नहीं चलने से स्कूलों को कन्वर्जन राशि आवंटित नहीं हो पा रही है. ऐसे में मार्च तक अगर यह पैसे नहीं दिए गए तो बजट लैप्स हो जाएगा. बता दें कि स्कूलों को अप्रैल 2023 से अब तक का भुगतान नहीं हुआ है. इस मामले में शिक्षकों में भारी रोष है. वहीं, विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा की इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकारियो से बातचीत करके जल्द बजट पारित करने के निर्दश दिए जाएगा.

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