बलौदाबाजार : बलौदाबाजार पुलिस की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं. जिले में घटित तीन बड़े अपराधों की बात करें तो पुलिस अब तक किसी भी मामले को पूरी तरह से सुलझा नहीं पाई है. यह हाल जिले और राज्य के चर्चित मामले के हैं. जिनके आरोपियों को पकड़ने में पुलिस अभी तक नाकाम रही है. ठगी, लूट और सेक्स स्कैंडल जैसे तीन बड़े मामले में अब तक पुलिस सभी आरोपियों को पकड़ पाने में असफल रही है.आपको बता दें कि जहां एक तरफ पीड़ितों से आरोपियों ने लाखों रुपए की ठगी, लूट और ब्लैकमेलिंग कर वसूले हैं. वहीं ये तीनों मामले पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं.आईए जानते हैं कि वो तीन मामले कौन से हैं.
शिक्षक ने की नौकरी के नाम पर ठगी :कटगी स्कूल में तैनात शिक्षक ने नौकरी लगाने के नाम पर कई युवाओं से लाखों रुपए वसूले. युवकों की शिकायत पर 20 मार्च को थाने में कटगी हाई स्कूल में तैनात शिक्षक शांतनु भारद्वाज के ऊपर एफआईआर भी हुई, लेकिन युवाओं को ठगने वाला शिक्षक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस की जांच पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि इस मामले में अब तक आरोपी फरार है. पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.
सेक्स स्कैंडल का आरोपी भी फरार : पूरे छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद अब तक पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस के खुलासे में ये स्पष्ट हुआ था कि भयादोहन कर आरोपियों ने पीड़ितों से लाखों रुपए की वसूली की. मामले का मास्टर माइंड पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा का विधायक प्रतिनिधि शिरीष पांडे समेत तीन अन्य आरोपी पुलिस के गिरफ्त से अब भी बाहर है.इस मामले में पुलिसकर्मियों की कुछ संलिप्तता भी सामने आई.लेकिन मामला अभी तक पूरी तरह से नहीं सुलझा. 30 मार्च को इस केस में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक पुलिस चार आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई है.
शराब दुकान में 20 लाख की लूट अनसुलझा : कटगी शराब दुकान में बीते 9 अप्रैल को 20 लाख रुपए की लूट हुई. अज्ञात मोटर साइकिल सवारों ने हथियार दिखाकर लूट की घटना को अंजाम दिया. ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी, जिसमें दो अज्ञात आरोपियों को संलिप्तता दिख रही थी. इन फरार आरोपियों का पता अभी तक पुलिस नही लगा पाई है. पुलिस अधिकारियों ने तीनों मामलों को सुलझाने के लिए अलग-अलग टीम का गठन भी किया, लेकिन इन मामलों को सुलझाने में पुलिस के हाथ अब तक खाली है.
क्या खुद की पीठ थपथपा रही है पुलिस : बलौदाबाजार भाटापारा पुलिस के काम करने के तरीके को देखकर अब लगने लगा है कि पुलिस के कथनी और करनी में अंतर है.चाहे पुलिस कप्तान हो या फिर थाना इंचार्ज सब अपनी-अपनी बात सामने रखते हैं.लेकिन नतीजा शून्य निकलता है.अब जनता को इंतजार है उस कार्रवाई का जिसके बाद अपराधी सलाखों के पीछे होंगे,लेकिन ये कब होगा भगवान जाने.