महोबा: महोबा जिले में बीते 5 वर्ष पूर्व कक्षा 6 की छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को न्यायालय ने 20 वर्ष का कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है वर्ष 2018 में घटित इस वारदात में आरोपी न्यायालय में झूठी कहानी बताकर बचने का प्रयास करता मगर न्यायालय के फैसला से पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिला पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी से आरोपी का दोष सिद्ध हुआ है. इस पर न्यायालय ने अपना फैसला मंगलवार को सुनाया.
यह मामला जनपद के एक कस्बे का है. वहां पर 2018 में कस्बे से 13 वर्षीय कक्षा 6 की छात्रा अचानक लापता हो जाने पर उसके पिता द्वारा कबरई थाने में तहरीर देकर शंका जाहिर की गई थी कि उसकी पुत्री का अपहरण हो गया है. छात्रा के परिजनों ने थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम महेवा निवासी रमेश खंगार के साले सुशील पर आरोप लगाया था. सुशील मूल रूप से बांदा जनपद के थाना तिंदवारी अंतर्गत गुखरही गांव का निवासी है.
वह अपने जीजा के यहां रहकर क्रेशर प्लांट में मजदूरी काम करता था. शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी सुशील के खिलाफ मुकदमा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया था. इस मामले में तत्कालीन विवेचना अधिकारी भूपेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने केस डायरी तथा वादी मुकदमा व अन्य गवाहों के बयान अंकित किए थे. इस मामले में पुलिस पीड़िता की बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी में जुड़ गई थी. कबरई पुलिस ने आखिरकार आरोपी को गिरफ्तार कर नाबालिक लड़की को भी बरामद कर लिया था.
इसमें लड़की के नाबालिक होने के साथ के अलावा उसके साथ दुष्कर्म की होने की बात सामने आई थी. इस आधार पर पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म की धारा 376 को भी बढ़ाया था. इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा था. इसमें महोबा पुलिस और अभियोजन पक्ष की पैरवी के बाद आरोपी सुशील को न्यायालय ने 20 वर्ष का कठोर कारावास व 15 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई गयी. इस मामले को लेकर पॉक्सो न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि पुलिस की विवेचना अभियोजन की पैरवी के परिणाम स्वरुप न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाई है. इससे पीड़ित परिवार को भी न्याय मिला है. (Crime News UP)