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फौज में 'नटवरलाल' की एंट्री, काले कारनामे पर कोर्ट मार्शल फिर ठगी का धंधा..पढ़िए शातिर की पूरी कहानी - lucknow latest news

सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पुलिस ने पूर्व सैनिकों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चलिए जानते हैं इनके काले कारनामों के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 8:30 AM IST

लखनऊ: भारतीय सेना में फर्जी मेडिकल टेस्ट और रिपोर्ट के जरिए अभ्यर्थियों की भर्ती का करवाने वाले दो पूर्व सैनिक समेत तीन लोगों को यूपी एसटीएफ व आर्मी इंटेलिजेंस ने राजधानी के कैंट इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपियो में एक पूर्व सैनिक का वर्ष 2021 में कोर्ट मार्शल किया जा चुका है. गिरफ्तार हुए आरोपियों में बर्खास्त सैनिक बाला कसैया, अजीत कुमार और हरिओम शामिल हैं.

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि भारतीय सेना मे शारीरिक दक्षता पास अभ्यर्थियों के लिए जरूरी मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था. इसमें पूर्व सैनिक पोले वोहना बाला कसइया का नाम भी सामने आया था. कोर्ट आफॅ इन्क्वाइरी की प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्शल किया गया था. इसी दौरान जानकारी मिली कि, राजधानी लखनऊ में सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने/कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बडे पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं. कमाण्ड अस्पताल के अन्दर कथित आर्मी के लोगों ने फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया है जहां पर इन युवकों का मेडिकल आदि होना सम्भावित है. कथित आर्मी के लोग अस्पताल की ओपीडी बन्द हो जाने के बाद इन बेरोजगार युवको का मेडिकल करने वाले हैं. एसटीएफ व आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने दबिश डाल कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में पोले वोहना बाला कसइया ने बताया कि वह सेना मे नायक के पद पर 2002 में भर्ती हुआ था. वर्ष 2021 में सेना में पैसों के गबन व फर्जी नौकरी दिलवाने के लिये पकड़ा गया था. इसके बाद नौकरी से निकाल दिया गया और कोर्ट मार्शल होने पर जेल चला गया. इस गबन में उसके साथी स्वप्निल सूर्यवंशी व पवन राज को भी सेना से निकाल दिया गया था. वर्ष 2022 में जेल से वापस आने के बाद सेना के लोगों का फर्जी प्रपत्र बनवाकर उनका आसानी से लोन कराकर अच्छा कमीशन कमाने लगा और बैंक के साथ धोखाधड़ी करता था. इसी दौरान इसका सम्पर्क अजीत जो पूर्व सैन्य कर्मी है और अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिराज व हरिओम उर्फ नकुल से हुआ जो पूर्व से ही गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों के साथ सेना में भर्ती कराने के नाम पर 04 से 05 लाख रूपये लेते थे.

शुक्रवार को भी वह लोग पूर्व नियोजित धोखाधड़ी कार्यक्रम के अनुसार हरिओम के द्वारा अपने साथ सुमित, अमन व अकित सिंह को फौज में फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया गया था जिसमें बाला व अजीत कुमार सेना का अधिकारी बनकर अभ्यर्थियों का फर्जी मेडिकल करा रहा था. इसके एवज में उन्हे 4 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी मिलना था. धोखाधड़ी से मिले 21 लाख रूपये बाला ने पत्नी नागेश्वरी देवी के पिता के बैंक एकाउन्ट में मंगाए थे. ठगी के पैसों का लेखाजोखा उसकी पत्नी ही देखती है.

लखनऊ: भारतीय सेना में फर्जी मेडिकल टेस्ट और रिपोर्ट के जरिए अभ्यर्थियों की भर्ती का करवाने वाले दो पूर्व सैनिक समेत तीन लोगों को यूपी एसटीएफ व आर्मी इंटेलिजेंस ने राजधानी के कैंट इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपियो में एक पूर्व सैनिक का वर्ष 2021 में कोर्ट मार्शल किया जा चुका है. गिरफ्तार हुए आरोपियों में बर्खास्त सैनिक बाला कसैया, अजीत कुमार और हरिओम शामिल हैं.

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि भारतीय सेना मे शारीरिक दक्षता पास अभ्यर्थियों के लिए जरूरी मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था. इसमें पूर्व सैनिक पोले वोहना बाला कसइया का नाम भी सामने आया था. कोर्ट आफॅ इन्क्वाइरी की प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्शल किया गया था. इसी दौरान जानकारी मिली कि, राजधानी लखनऊ में सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने/कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बडे पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं. कमाण्ड अस्पताल के अन्दर कथित आर्मी के लोगों ने फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया है जहां पर इन युवकों का मेडिकल आदि होना सम्भावित है. कथित आर्मी के लोग अस्पताल की ओपीडी बन्द हो जाने के बाद इन बेरोजगार युवको का मेडिकल करने वाले हैं. एसटीएफ व आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने दबिश डाल कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में पोले वोहना बाला कसइया ने बताया कि वह सेना मे नायक के पद पर 2002 में भर्ती हुआ था. वर्ष 2021 में सेना में पैसों के गबन व फर्जी नौकरी दिलवाने के लिये पकड़ा गया था. इसके बाद नौकरी से निकाल दिया गया और कोर्ट मार्शल होने पर जेल चला गया. इस गबन में उसके साथी स्वप्निल सूर्यवंशी व पवन राज को भी सेना से निकाल दिया गया था. वर्ष 2022 में जेल से वापस आने के बाद सेना के लोगों का फर्जी प्रपत्र बनवाकर उनका आसानी से लोन कराकर अच्छा कमीशन कमाने लगा और बैंक के साथ धोखाधड़ी करता था. इसी दौरान इसका सम्पर्क अजीत जो पूर्व सैन्य कर्मी है और अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिराज व हरिओम उर्फ नकुल से हुआ जो पूर्व से ही गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों के साथ सेना में भर्ती कराने के नाम पर 04 से 05 लाख रूपये लेते थे.

शुक्रवार को भी वह लोग पूर्व नियोजित धोखाधड़ी कार्यक्रम के अनुसार हरिओम के द्वारा अपने साथ सुमित, अमन व अकित सिंह को फौज में फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु बुलाया गया था जिसमें बाला व अजीत कुमार सेना का अधिकारी बनकर अभ्यर्थियों का फर्जी मेडिकल करा रहा था. इसके एवज में उन्हे 4 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी मिलना था. धोखाधड़ी से मिले 21 लाख रूपये बाला ने पत्नी नागेश्वरी देवी के पिता के बैंक एकाउन्ट में मंगाए थे. ठगी के पैसों का लेखाजोखा उसकी पत्नी ही देखती है.

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