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स्टॉक ट्रेडिंग में मोटी कमाई के लालच में गंवाए 84 लाख रुपए, ठगी करने वाला शातिर यूपी से गिरफ्तार

देहरादून में स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश करने के नाम पर ठगे 84 लाख रुपए, एसटीएफ ने साइबर ठग को कासगंज से दबोचा

DEHRADUN CYBER FRAUD
साइबर ठगी (फोटो- ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 22, 2024, 4:51 PM IST

देहरादून: एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने 84 लाख की साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक शातिर को यूपी के कासगंज से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम आदि पर विज्ञापन डाला था. इसके बाद लोगों को स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ (IPO) में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया, फिर उनसे धनराशि जमा करवाई. इतना ही नहीं आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट भी बनाई थी. जिसमें खाता खुलवाकर वेबसाइट में पीड़ितों को करोड़ों का मुनाफा समेत धनराशि दिखाई गई. साथ ही उन्हें लालच और विश्वास दिलाया गया, जिसके बाद शातिरों ने ठगी को अंजाम दिया.

84 लाख रुपए का लगाया चूना: दरअसल, देहरादून निवासी एक शख्स ने अक्टूबर महीने में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें शख्स ने बताया कि वो एक दिन इंटरनेट सर्फिंग कर रहा था. तभी स्टॉक विश्लेषण से जुड़ा एक विज्ञापन दिखाई दिया. जिसके लिंक पर क्लिक करने पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. जहां अज्ञात साइबर ठग अर्जुन हिंदुजा समेत अन्य लोगों ने खुद को मुख्य निवेश अधिकारी और नामी कंपनी का हिस्सा होने का दावा किया.

इसके बाद शख्स को व्हाट्सएप ग्रुप चैटिंग के जरिए षड़यंत्र के तहत विश्वास में लेकर एक एप पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाया. साथ ही आईपीओ अलॉट (IPO Allot) कर ट्रेडिंग से ज्यादा मुनाफे कमाने का का लालच दिया गया. इसके बाद अलग-अलग लेन देन के माध्यम से विभिन्न खातों में पैसा डलवाए. इस तरह से शख्स से 84,70,000 रुपए (84 लाख 70 हजार) की धोखाधड़ी की गई.

वहीं, साइबर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने शख्स से धोखाधड़ी से ठगी धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया था. बैंक खातों को चेक करने पर पता चला कि आरोपियों ने इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड किया था. घटना से संबंधित आरोपियों को चिह्नित करते हुए तलाश जारी रखी गई. इसी कड़ी में एसटीएफ की टीम ने आरोपी दुर्गेश को कासगंज (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया.

क्या बोले एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर? एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों की ओर से इंस्टाग्राम और फेसबुक आदि पर विज्ञापन के जरिए पीड़ितों से संपर्क किया जाता था. स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था. ट्रेडिंग के लिए फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाई जाती थी.

धनराशि को वेबसाइट पर मुनाफा समेत करोड़ों रुपए में दर्शाकर लालच और विश्वास में लिया जाता था. इसके बाद निवेश के नाम पर ज्यादा से ज्यादा धनराशि जमा करवाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता था. साथ ही धोखाधड़ी से मिली धनराशि को अपनी अलग-अलग बैंक खातों में हासिल कर ट्रांसफर कर दिया जाता था.

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देहरादून: एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने 84 लाख की साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक शातिर को यूपी के कासगंज से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम आदि पर विज्ञापन डाला था. इसके बाद लोगों को स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ (IPO) में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया, फिर उनसे धनराशि जमा करवाई. इतना ही नहीं आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट भी बनाई थी. जिसमें खाता खुलवाकर वेबसाइट में पीड़ितों को करोड़ों का मुनाफा समेत धनराशि दिखाई गई. साथ ही उन्हें लालच और विश्वास दिलाया गया, जिसके बाद शातिरों ने ठगी को अंजाम दिया.

84 लाख रुपए का लगाया चूना: दरअसल, देहरादून निवासी एक शख्स ने अक्टूबर महीने में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें शख्स ने बताया कि वो एक दिन इंटरनेट सर्फिंग कर रहा था. तभी स्टॉक विश्लेषण से जुड़ा एक विज्ञापन दिखाई दिया. जिसके लिंक पर क्लिक करने पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. जहां अज्ञात साइबर ठग अर्जुन हिंदुजा समेत अन्य लोगों ने खुद को मुख्य निवेश अधिकारी और नामी कंपनी का हिस्सा होने का दावा किया.

इसके बाद शख्स को व्हाट्सएप ग्रुप चैटिंग के जरिए षड़यंत्र के तहत विश्वास में लेकर एक एप पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाया. साथ ही आईपीओ अलॉट (IPO Allot) कर ट्रेडिंग से ज्यादा मुनाफे कमाने का का लालच दिया गया. इसके बाद अलग-अलग लेन देन के माध्यम से विभिन्न खातों में पैसा डलवाए. इस तरह से शख्स से 84,70,000 रुपए (84 लाख 70 हजार) की धोखाधड़ी की गई.

वहीं, साइबर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने शख्स से धोखाधड़ी से ठगी धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया था. बैंक खातों को चेक करने पर पता चला कि आरोपियों ने इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड किया था. घटना से संबंधित आरोपियों को चिह्नित करते हुए तलाश जारी रखी गई. इसी कड़ी में एसटीएफ की टीम ने आरोपी दुर्गेश को कासगंज (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया.

क्या बोले एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर? एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों की ओर से इंस्टाग्राम और फेसबुक आदि पर विज्ञापन के जरिए पीड़ितों से संपर्क किया जाता था. स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था. ट्रेडिंग के लिए फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाई जाती थी.

धनराशि को वेबसाइट पर मुनाफा समेत करोड़ों रुपए में दर्शाकर लालच और विश्वास में लिया जाता था. इसके बाद निवेश के नाम पर ज्यादा से ज्यादा धनराशि जमा करवाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता था. साथ ही धोखाधड़ी से मिली धनराशि को अपनी अलग-अलग बैंक खातों में हासिल कर ट्रांसफर कर दिया जाता था.

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