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दून के प्रॉपर्टी डीलर से ₹7 करोड़ की धोखाधड़ी, बाबा का नाम लेकर लगाया चूना, 16 के खिलाफ केस दर्ज - Dehradun Land Fraud - DEHRADUN LAND FRAUD

Land Fraud Case in Dehradun देहरादून में जमीन खरीदने के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने आश्रम और स्कूल बनाने के नाम पर मुनाफे का लालच दिया, फिर उनके जमीन खरीदवाने के नाम पर करोड़ों रुपए ऐंठ लिए. अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

Rajpur police station
थाना राजपुर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 28, 2024, 6:51 PM IST

Updated : Mar 28, 2024, 9:54 PM IST

देहरादून एसएसपी अजय सिंह का बयान

देहरादून: एक बार फिर से जमीन से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जमीन खरीदवाने के एवज में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 16 आरोपियों खिलाफ थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी आश्रम और स्कूल बनाने के नाम पर लोगों को मुनाफे का लालच देकर उनसे जमीन खरीदवाते थे, फिर धोखाधड़ी करते थे. वहीं, अब एसएसपी अजय सिंह ने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं. आरोपियों के खिलाफ देहरादून समेत अन्य राज्यों में कई मुकदमें दर्ज हैं.

दरअसल, देहरादून के सिगली निवासी गोविंद सिंह पुंडीर ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वो जमीन खरीद-फरोख्त का काम करते हैं. अगस्त 2023 में एक व्यक्ति ने उनके बड़े भाई से संपर्क कर बताया कि महाराष्ट्र नांदेड़ के एक संस्था से जुड़े बाबा स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे हैं, जिसमें वो उनकी मदद चाहता है. हालांकि, उसने ये बताया कि जमीन खरीदने से पहले बाबा जमीन की मिट्टी चेक करेंगे और तमाम परीक्षणों के बाद पास होने पर आगे बताएंगे.

करनाल में किसानों की जमीन ब्रिकी की कही गई बात: जिस पर पीड़ित के बड़े भाई ने उन्हें जमीन की मिट्टी उपलब्ध कराई. कुछ समय बाद सितंबर 2023 में आरोपियों ने पीड़ित के बड़े भाई के पास आकर उन्हें बताया कि उनकी बताई गई जमीन की मिट्टी तो पास नहीं हो पाई है लेकिन उनके पास इसका विकल्प है. विकल्प के रूप में आरोपियों ने पीड़ित गोविंद सिंह को करनाल (हरियाणा) में एक जमीन बताई और कहा कि कुछ किसान वहां अपनी जमीन बेच रहे हैं. इस जमीन की मिट्टी बाबा ने पास कर दी है.

आरोपियों ने पीड़ित को बताया कि, बाबा करनाल वाली जमीन नहीं खरीद सकते, क्योंकि वो संस्था से सीधे तौर पर जुड़े हैं लेकिन उनकी किसानों से बात हो चुकी है. ऐसे में वो (पीड़ित) इस जमीन को किसानों से अपने नाम पर 40 लाख रुपए प्रति किला (4,047 sq m.) के हिसाब से खरीद लें, जिसे वो बाद में 2 करोड़ 15 लाख रुपए प्रति किला के हिसाब से बाबा को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

इसके बाद पीड़ित ने 24 किला जमीन को खरीदने की एवज में किसानों से संपर्क किया, साथ ही चेक और नकदी के माध्यम से 21 लाख रुपए का भुगतान कर दिया. उसके बाद बाबा और अन्य आरोपियों ने देहरादून आकर 51 करोड़ 60 लाख रुपए का चेक पीड़ित को दिखाया और बताया कि संस्था ने जमीन के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है. साथ ही कहा गया कि सौदे की धनराशि पीड़ित को तभी मिलेगी, जब वो धनराशि का 3 प्रतिशत संस्था में जमा करेगा. जिस पर पीड़ित ने अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर डेढ़ करोड़ रुपए उन लोगों को दे दिए.

पीड़ित को पैसों से भरा बैग और बैंक ड्राफ्ट दिखाया: इसके बाद आरोपियों ने नवंबर 2023 में पीड़ित को रजिस्ट्री के लिए करनाल बुलाया. जहां उन्होंने पीड़ित को पैसों से भरा बैग और बैंक ड्राफ्ट दिखाते हुए बताया कि जमीन के मालिक की तबीयत खराब होने के कारण अभी रजिस्ट्री संभव नहीं है. रजिस्ट्री के लिए पीड़ित को बाद में दोबारा करनाल आना होगा. इस दौरान आरोपियों ने बाबा से पीड़ित की मुलाकात भी कराई. रजिस्ट्री के लिए आरोपियों ने पीड़ित को दोबारा दिसंबर 2023 में करनाल बुलाया.

इस दौरान उन्होंने पीड़ित से संपर्क कर बताया कि जमीन की खरीददारी के लिए जो पैसे बाबा की ओर से लाए जा रहे थे, वो इनकम टैक्स ने पकड़ लिए हैं और पैसों को छुड़ाने के एवज में 6 करोड़ रुपए की मांग की जा रही है. जिसमें से आधे पैसों का इंतजाम पीड़ित से करने को कहा गया. इनकम टैक्स से पैसा न छूटने की परिस्थिति में सौदा रद्द होने और पीड़ित को पहले से ही दिया गया पैसा भी डूबने का डर दिखाया गया.

जिस पर पीड़ित ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर करीब 3 करोड़ रुपए उन्हें दे दिए. वहीं, कुछ समय बाद आरोपी रजिस्ट्री कराने का झांसा देकर टालमटोल करने लगे. ऐसे में पीड़ित ने करनाल जाकर जब भूमि के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि भूमि पहले से ही बैंक में बंधक है. जिसे सुन पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई. आरोपियों ने भूमि के कूटरचित दस्तावेज दिखाकर अलग-अलग तारीखों में पीड़ित से करीब 7 करोड़ 32 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली. अब पीड़ित की तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में 16 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

"आरोपियों के खिलाफ पहले भी एक और पीड़ित सतीश कुमार सैनी निवासी शिवालिक पुरम ने धोखाधड़ी कर 3 करोड़ 59 लाख रुपए हड़पने के संबंध में बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. सभी आरोपी एक संगठित गिरोह बनाकर इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं, जिनके खिलाफ देहरादून के अलावा अन्य राज्यों में भी धोखाधड़ी के 18 मुकदमे पंजीकृत हैं. अब मामले में पुलिस जांच कर रही है." -अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून

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देहरादून एसएसपी अजय सिंह का बयान

देहरादून: एक बार फिर से जमीन से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जमीन खरीदवाने के एवज में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 16 आरोपियों खिलाफ थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी आश्रम और स्कूल बनाने के नाम पर लोगों को मुनाफे का लालच देकर उनसे जमीन खरीदवाते थे, फिर धोखाधड़ी करते थे. वहीं, अब एसएसपी अजय सिंह ने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं. आरोपियों के खिलाफ देहरादून समेत अन्य राज्यों में कई मुकदमें दर्ज हैं.

दरअसल, देहरादून के सिगली निवासी गोविंद सिंह पुंडीर ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वो जमीन खरीद-फरोख्त का काम करते हैं. अगस्त 2023 में एक व्यक्ति ने उनके बड़े भाई से संपर्क कर बताया कि महाराष्ट्र नांदेड़ के एक संस्था से जुड़े बाबा स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे हैं, जिसमें वो उनकी मदद चाहता है. हालांकि, उसने ये बताया कि जमीन खरीदने से पहले बाबा जमीन की मिट्टी चेक करेंगे और तमाम परीक्षणों के बाद पास होने पर आगे बताएंगे.

करनाल में किसानों की जमीन ब्रिकी की कही गई बात: जिस पर पीड़ित के बड़े भाई ने उन्हें जमीन की मिट्टी उपलब्ध कराई. कुछ समय बाद सितंबर 2023 में आरोपियों ने पीड़ित के बड़े भाई के पास आकर उन्हें बताया कि उनकी बताई गई जमीन की मिट्टी तो पास नहीं हो पाई है लेकिन उनके पास इसका विकल्प है. विकल्प के रूप में आरोपियों ने पीड़ित गोविंद सिंह को करनाल (हरियाणा) में एक जमीन बताई और कहा कि कुछ किसान वहां अपनी जमीन बेच रहे हैं. इस जमीन की मिट्टी बाबा ने पास कर दी है.

आरोपियों ने पीड़ित को बताया कि, बाबा करनाल वाली जमीन नहीं खरीद सकते, क्योंकि वो संस्था से सीधे तौर पर जुड़े हैं लेकिन उनकी किसानों से बात हो चुकी है. ऐसे में वो (पीड़ित) इस जमीन को किसानों से अपने नाम पर 40 लाख रुपए प्रति किला (4,047 sq m.) के हिसाब से खरीद लें, जिसे वो बाद में 2 करोड़ 15 लाख रुपए प्रति किला के हिसाब से बाबा को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

इसके बाद पीड़ित ने 24 किला जमीन को खरीदने की एवज में किसानों से संपर्क किया, साथ ही चेक और नकदी के माध्यम से 21 लाख रुपए का भुगतान कर दिया. उसके बाद बाबा और अन्य आरोपियों ने देहरादून आकर 51 करोड़ 60 लाख रुपए का चेक पीड़ित को दिखाया और बताया कि संस्था ने जमीन के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है. साथ ही कहा गया कि सौदे की धनराशि पीड़ित को तभी मिलेगी, जब वो धनराशि का 3 प्रतिशत संस्था में जमा करेगा. जिस पर पीड़ित ने अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर डेढ़ करोड़ रुपए उन लोगों को दे दिए.

पीड़ित को पैसों से भरा बैग और बैंक ड्राफ्ट दिखाया: इसके बाद आरोपियों ने नवंबर 2023 में पीड़ित को रजिस्ट्री के लिए करनाल बुलाया. जहां उन्होंने पीड़ित को पैसों से भरा बैग और बैंक ड्राफ्ट दिखाते हुए बताया कि जमीन के मालिक की तबीयत खराब होने के कारण अभी रजिस्ट्री संभव नहीं है. रजिस्ट्री के लिए पीड़ित को बाद में दोबारा करनाल आना होगा. इस दौरान आरोपियों ने बाबा से पीड़ित की मुलाकात भी कराई. रजिस्ट्री के लिए आरोपियों ने पीड़ित को दोबारा दिसंबर 2023 में करनाल बुलाया.

इस दौरान उन्होंने पीड़ित से संपर्क कर बताया कि जमीन की खरीददारी के लिए जो पैसे बाबा की ओर से लाए जा रहे थे, वो इनकम टैक्स ने पकड़ लिए हैं और पैसों को छुड़ाने के एवज में 6 करोड़ रुपए की मांग की जा रही है. जिसमें से आधे पैसों का इंतजाम पीड़ित से करने को कहा गया. इनकम टैक्स से पैसा न छूटने की परिस्थिति में सौदा रद्द होने और पीड़ित को पहले से ही दिया गया पैसा भी डूबने का डर दिखाया गया.

जिस पर पीड़ित ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर करीब 3 करोड़ रुपए उन्हें दे दिए. वहीं, कुछ समय बाद आरोपी रजिस्ट्री कराने का झांसा देकर टालमटोल करने लगे. ऐसे में पीड़ित ने करनाल जाकर जब भूमि के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि भूमि पहले से ही बैंक में बंधक है. जिसे सुन पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई. आरोपियों ने भूमि के कूटरचित दस्तावेज दिखाकर अलग-अलग तारीखों में पीड़ित से करीब 7 करोड़ 32 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली. अब पीड़ित की तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में 16 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

"आरोपियों के खिलाफ पहले भी एक और पीड़ित सतीश कुमार सैनी निवासी शिवालिक पुरम ने धोखाधड़ी कर 3 करोड़ 59 लाख रुपए हड़पने के संबंध में बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. सभी आरोपी एक संगठित गिरोह बनाकर इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं, जिनके खिलाफ देहरादून के अलावा अन्य राज्यों में भी धोखाधड़ी के 18 मुकदमे पंजीकृत हैं. अब मामले में पुलिस जांच कर रही है." -अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून

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Last Updated : Mar 28, 2024, 9:54 PM IST
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