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रोहतास में सोन नदी पर निर्माणाधीन पुल के पिलर में आई दरार, क्या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 196 करोड़ का ब्रिज? - Crack in Pillar of Rohtas Bridge

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 4, 2024, 9:15 AM IST

Crack In Bridge In Rohtas: बिहार में पुल गिरने और पुल में दरार आने का सिलसिला जारी है. पिछले दो हफ्ते में 10 पुल भरभराकर गिर चुके हैं, वहीं अब रोहतास में सोन नदी पर निर्माणाधीन पुल के पिलर में दरार आ गई है. करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण हो रहा है.

Crack in Pillar of Rohtas Bridge
रोहतास में पुल में दरार (ETV Bharat)

रोहतास में पुल के पिलर में दरार (ETV Bharat)

सासाराम: बिहार के रोहतास में पुल के पिलर में दरार आ गई है. मामला जिले के सुदूरवर्ती नौहट्टा का है. जहां 196.12 करोड़ की लागत से सोन नदी पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है. इस निर्माणाधीन पुल के पिलर दरार आने की शिकायत मिली है. जिसके बाद बिहार राज्य पुल निगम के अधिकारी उसकी जांच करने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पुल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

निर्माणाधीन पुल के पिलर में दरार: असल में नौहट्टा प्रखंड के रघुनाथपुर के पास पंडुका गांव से झारखंड के पलामू जिले को जोड़ने वाली सोन नदी पर एक ब्रिज का निर्माण हो रहा है. फिलहाल पाया (पिलर) का निर्माण कार्य चल रहा है. ग्रामीणों ने शिकायत की है कि 19 नंबर पिलर में दरार देखी गई है. जिसकी शिकायत पर पुल निर्माण निगम के अधिकारी जब पहुंचे तो वहां पर ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए और पुल के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया.

खुलकर बोलने से बच रहे अधिकारी: वहीं, इस मामले पर फिलहाल अधिकारी ऑन कैमरा कुछ भी कहने से बचते दिख रहे हैं. हालांकि ऑफ रिकॉर्ड ये स्वीकार किया कि पिलर में हेयर क्रैक पाया गया है, इसे मशीन से ठीक कर दिया जाएगा.

क्या बोले जिला पार्षद?: उधर, स्थानीय जिला परिषद सदस्य सुदामा राम ने बताया कि जांच करने पहुंचे अधिकारियों के पास जरूरी उपकरण नहीं है. ऐसे में इस जांच का कोई मायने नहीं है. उन्होंने भी माना कि पिलर में दरार आई है.

"पुल निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है. पाया में दरार आ गई है. जांच टीम कोई मशीन नहीं लेकर आई. ऐसे में कितना क्रैक आया है, ये कैसे पता चल पाएगा. हमें तो डर है कि कहीं यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाए."- सुदामा राम, जिला पार्षद, नौहट्टा

सोन नदी पर पुल कितना जरूरी?: आपको बताएं कि डेहरी ऑन सोन से लेकर नौहटा तक सोन नदी पर दूसरा कोई पुल नहीं है. जिस कारण सुदूरवर्ती इलाके के लोगों को वाहन से पुल पार करने के लिए तकरीबन 100 किलोमीटर का फासला तय कर डेहरी जाना पड़ता है. वहीं सोन को पार करने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. पांडुका पुल के निर्माण से लोगों को इस समस्या से दो चार नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जाना भी लोगों के लिए सुगम हो जाएगा.

रोहतास में पुल के पिलर में दरार (ETV Bharat)

सासाराम: बिहार के रोहतास में पुल के पिलर में दरार आ गई है. मामला जिले के सुदूरवर्ती नौहट्टा का है. जहां 196.12 करोड़ की लागत से सोन नदी पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है. इस निर्माणाधीन पुल के पिलर दरार आने की शिकायत मिली है. जिसके बाद बिहार राज्य पुल निगम के अधिकारी उसकी जांच करने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पुल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

निर्माणाधीन पुल के पिलर में दरार: असल में नौहट्टा प्रखंड के रघुनाथपुर के पास पंडुका गांव से झारखंड के पलामू जिले को जोड़ने वाली सोन नदी पर एक ब्रिज का निर्माण हो रहा है. फिलहाल पाया (पिलर) का निर्माण कार्य चल रहा है. ग्रामीणों ने शिकायत की है कि 19 नंबर पिलर में दरार देखी गई है. जिसकी शिकायत पर पुल निर्माण निगम के अधिकारी जब पहुंचे तो वहां पर ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए और पुल के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया.

खुलकर बोलने से बच रहे अधिकारी: वहीं, इस मामले पर फिलहाल अधिकारी ऑन कैमरा कुछ भी कहने से बचते दिख रहे हैं. हालांकि ऑफ रिकॉर्ड ये स्वीकार किया कि पिलर में हेयर क्रैक पाया गया है, इसे मशीन से ठीक कर दिया जाएगा.

क्या बोले जिला पार्षद?: उधर, स्थानीय जिला परिषद सदस्य सुदामा राम ने बताया कि जांच करने पहुंचे अधिकारियों के पास जरूरी उपकरण नहीं है. ऐसे में इस जांच का कोई मायने नहीं है. उन्होंने भी माना कि पिलर में दरार आई है.

"पुल निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है. पाया में दरार आ गई है. जांच टीम कोई मशीन नहीं लेकर आई. ऐसे में कितना क्रैक आया है, ये कैसे पता चल पाएगा. हमें तो डर है कि कहीं यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाए."- सुदामा राम, जिला पार्षद, नौहट्टा

सोन नदी पर पुल कितना जरूरी?: आपको बताएं कि डेहरी ऑन सोन से लेकर नौहटा तक सोन नदी पर दूसरा कोई पुल नहीं है. जिस कारण सुदूरवर्ती इलाके के लोगों को वाहन से पुल पार करने के लिए तकरीबन 100 किलोमीटर का फासला तय कर डेहरी जाना पड़ता है. वहीं सोन को पार करने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. पांडुका पुल के निर्माण से लोगों को इस समस्या से दो चार नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जाना भी लोगों के लिए सुगम हो जाएगा.

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