गिरिडीह: भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने दिल्ली में नमाजियों को पुलिस के द्वारा लात मारने की घटना पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इस घटना को दुखद बताया है. दीपांकर ने कहा कि पुलिस ने नमाजियों को लात नहीं मारी, बल्कि अंबेडकर के संविधान पर और गंगा-यमुना तहजीब की एकता पर लात मारी है.
दोषी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान और कानून की रक्षा के लिए पुलिस को वर्दी दी जाती है और यदि संविधान और कानून का रखवाला ही इसका हनन करे, तब यह माफी योग्य नहीं है. उन्होंने कहा है कि नमाजियों पर लात मारने वाले पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन सस्पेंड करना काफी नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए.
प्रतिवाद मार्च और नुक्कड़ सभा का आयोजन
दिल्ली में हुई घटना के विरोध में भाकपा माले के द्वारा आयोजित दो दिवसीय विरोध कार्यक्रम के दौरान बगोदर में प्रतिवाद मार्च और नुक्कड़ सभा का भी आयोजन किया गया. इस दौरान दीपांकर भट्टाचार्य ने पत्रकारों को संबोधित किया. इसके पूर्व बगोदर स्थित पार्टी ऑफिस से प्रतिवाद मार्च निकाला गया, जो संपूर्ण बाजार का भ्रमण करने के पश्चात बगोदर बस स्टैंड में एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गई. नुक्कड़ सभा को दीपांकर भट्टाचार्य ने भी संबोधित किया.
पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ की नारेबाजी
प्रतिवाद मार्च में शामिल लोगों ने नफरत और पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगाओ, सुरक्षा बलों का सांप्रादायिकीकरण करना बंद करो आदि नारे लगाए. मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव जनार्दन प्रसाद, परमेश्वर महतो, पवन महतो, उप प्रमुख हरेंद्र सिंह, जिप सदस्य शेख तैयब, फारुक अंसारी, खुबलाल महतो, आरुषि पटेल, पूनम महतो, सरिता महतो, तेजनारायण पासवान, भोला महतो, कुमोद यादव, पुरन कुमार महतो, पूर्व प्रमुख मुस्ताक अंसारी, राजू रजक आदि शामिल थे.
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