ETV Bharat / state

गौरक्षा के नाम पर हिंसा आतंकवाद की श्रेणी में हो शामिल- दीपांकर भट्टाचार्य - Dipankar Bhattacharya

Dipankar Bhattacharya Press conference. रांची में सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की प्रेस वार्ता हुई. जिसमें उन्होंने कई बातों की चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा को दुखद बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेने की अपील की.

CPI ML General Secretary Dipankar Bhattacharya Press conference in Ranchi
रांची में सीपीआई माले की प्रेस वार्ता (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 12, 2024, 4:13 PM IST

रांची: सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने देश के कई इलाकों में गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के मामले को दुखद बताया है. दीपांकर भट्टाचार्य ने इस तरह की हिंसा के मामले में स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह सर्वोच्च न्यायालय से किया है.

सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की प्रेस वार्ता (ETV Bharat)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौरक्षा को लेकर पूर्व में दिए एक बयान का जिक्र करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा और हत्या के मामले को आतंकवादी घटना मानकर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर बनी संस्थाओं को बैन कर देना चाहिए.

'मासस का माले में विलय से वामपंथी विचारधारा मजबूत होगी'

दीपांकर भट्टाचार्य ने मासस का माले में विलय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका असर झारखंड और देश की राजनीति पर पड़ेगा. राज्य के उत्तरी छोटानागपुर और पलामू सहित कई जिलों में इंडिया ब्लॉक को मजबूती मिलेगी. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 25 और 26 सितंबर को मासस का माले में विलय के बाद एक बड़ी बैठक आयोजित होगी. जिसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति बनेगी. दीपांकर भट्टाचार्या ने कहा कि सीपीएम सिर्फ इसलिए विरोध मासस का माले में विलय का विरोध कर रही है. क्योंकि यह विलय उनके दल के साथ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सीपीआई माले वामदलों के व्यापक एकता का पक्षधर है.

सर्वसम्मति से हो वक्फ बोर्ड में कोई भी संशोधन

सीपीआई माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ बोर्ड का मामला जेपीसी (JPC) में भेजा गया है और 13 सितंबर तक जेपीसी में सभी की राय मांगी है. माले के दोनों सांसदों ने अपनी राय लिखित में जेपीसी को सौंप दी है. उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिये सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है. सच्चर कमेटी ने कहा था कि वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत है. सभी पक्षों से बैठकर बात कर संशोधन होना चाहिए.

'आरजी कर मेडिकल कॉलेज आंदोलन को समर्थन'

माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का आंदोलन जबरदस्त है. ऐसा आंदोलन पहले नहीं देखा है, हम इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई की अबतक की जांच से भरोसा नहीं जताया. मध्य प्रदेश में भी ऐसी घटना घटी. इंदौर में पिछले दिन सेना के दो अधिकारियों के साथ जा रही दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है. 2013 की वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ. देश में डॉक्टरों के साथ साथ महिलाओं के प्रति सुरक्षा चौकस किया जाए.

एक सवाल के जवाब में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग सवालों के घेरे में अपने कारनामों की वजह से है. प्रधानमंत्री द्वारा 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को चिकित्सा व्यवस्था का लाभ देने के मुद्दे पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकारी व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा. माले नेता ने कहा कि राज्य की जनता भी पूछ रही है मिला क्या. विश्वविद्यालयों के वीसी का आरएसएस की बैठकों में जाना चिंताजनक, इससे शिक्षा-परीक्षा का तंत्र का संघी माफियाकरण हो रहा है. उन्होंने बताया कि निजीकरण और रोजगार के लिए युवा कन्वेशन आगामी दिनों में होगा.

इसे भी पढ़ें- माले की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित, झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दीपांकर भट्टाचार्य ने कही ये बात - CPIML Meeting

इसे भी पढ़ें- धनबाद में एकता रैली, मासस का माले में हुआ विलय - EKTA RALLY

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में इंडिया ब्लॉक की जनसभा, सीएम बोले- देश में अराजकता का माहौल, दीपांकर ने कहा- लोकतंत्र को जिंदा रखने का आखिरी मौका - Lok Sabha Election 2024

रांची: सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने देश के कई इलाकों में गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के मामले को दुखद बताया है. दीपांकर भट्टाचार्य ने इस तरह की हिंसा के मामले में स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह सर्वोच्च न्यायालय से किया है.

सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की प्रेस वार्ता (ETV Bharat)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौरक्षा को लेकर पूर्व में दिए एक बयान का जिक्र करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा और हत्या के मामले को आतंकवादी घटना मानकर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर बनी संस्थाओं को बैन कर देना चाहिए.

'मासस का माले में विलय से वामपंथी विचारधारा मजबूत होगी'

दीपांकर भट्टाचार्य ने मासस का माले में विलय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका असर झारखंड और देश की राजनीति पर पड़ेगा. राज्य के उत्तरी छोटानागपुर और पलामू सहित कई जिलों में इंडिया ब्लॉक को मजबूती मिलेगी. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 25 और 26 सितंबर को मासस का माले में विलय के बाद एक बड़ी बैठक आयोजित होगी. जिसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति बनेगी. दीपांकर भट्टाचार्या ने कहा कि सीपीएम सिर्फ इसलिए विरोध मासस का माले में विलय का विरोध कर रही है. क्योंकि यह विलय उनके दल के साथ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सीपीआई माले वामदलों के व्यापक एकता का पक्षधर है.

सर्वसम्मति से हो वक्फ बोर्ड में कोई भी संशोधन

सीपीआई माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ बोर्ड का मामला जेपीसी (JPC) में भेजा गया है और 13 सितंबर तक जेपीसी में सभी की राय मांगी है. माले के दोनों सांसदों ने अपनी राय लिखित में जेपीसी को सौंप दी है. उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिये सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है. सच्चर कमेटी ने कहा था कि वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत है. सभी पक्षों से बैठकर बात कर संशोधन होना चाहिए.

'आरजी कर मेडिकल कॉलेज आंदोलन को समर्थन'

माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का आंदोलन जबरदस्त है. ऐसा आंदोलन पहले नहीं देखा है, हम इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई की अबतक की जांच से भरोसा नहीं जताया. मध्य प्रदेश में भी ऐसी घटना घटी. इंदौर में पिछले दिन सेना के दो अधिकारियों के साथ जा रही दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है. 2013 की वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ. देश में डॉक्टरों के साथ साथ महिलाओं के प्रति सुरक्षा चौकस किया जाए.

एक सवाल के जवाब में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग सवालों के घेरे में अपने कारनामों की वजह से है. प्रधानमंत्री द्वारा 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को चिकित्सा व्यवस्था का लाभ देने के मुद्दे पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकारी व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा. माले नेता ने कहा कि राज्य की जनता भी पूछ रही है मिला क्या. विश्वविद्यालयों के वीसी का आरएसएस की बैठकों में जाना चिंताजनक, इससे शिक्षा-परीक्षा का तंत्र का संघी माफियाकरण हो रहा है. उन्होंने बताया कि निजीकरण और रोजगार के लिए युवा कन्वेशन आगामी दिनों में होगा.

इसे भी पढ़ें- माले की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित, झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दीपांकर भट्टाचार्य ने कही ये बात - CPIML Meeting

इसे भी पढ़ें- धनबाद में एकता रैली, मासस का माले में हुआ विलय - EKTA RALLY

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में इंडिया ब्लॉक की जनसभा, सीएम बोले- देश में अराजकता का माहौल, दीपांकर ने कहा- लोकतंत्र को जिंदा रखने का आखिरी मौका - Lok Sabha Election 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.