रांची: झारखंड के संथाल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ और वोटरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के मुद्दे की गूंज अब दिल्ली में भी सुनाई देने वाली है. इस मामले की शिकायत करने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भारत निर्वाचन आयोग से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के इस कदम पर इंडिया ब्लॉक के दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसे बाबूलाल मरांडी की ओछी और समाज को बांटने वाला कदम करार दिया. कांग्रेस, सीपीआई माले, झामुमो और राजद के नेताओं ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को निर्वाचन आयोग के दफ्तर जाने की जगह गृह मंत्रालय जाकर यह पूछना चाहिए था कि आपकी निगाहबानी में कहां कमी रह गयी जिससे बॉर्डर क्रॉस कर बांग्लादेशी देश में घुस गए.
दो दिन पहले रांची में थे केंद्रीय गृहमंत्री, बाबूलाल को उनसे घुसपैठ पर सवाल पूछना था- माले
सीपीआई माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को तो दिल्ली भी जाने की जरूरत नहीं थी. जिस मंत्रालय के अधीन बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स काम करती है उसके मुखिया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रांची में ही थे. उनके साथ उन्होंने मंच भी शेयर किया, ये अच्छा होता कि राज्य हित में वह यह पूछने का साहस दिखाते कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का देश और राज्य की सीमा में प्रवेश कैसे हुआ और इसका जिम्मेवार कौन है
अपनी विफलता साबित करने दिल्ली गए हैं बाबूलाल- नमन विक्सल कोंगाड़ी
बाबूलाल मरांडी के बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर भारत निर्वाचन आयोग जाने पर कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भी प्रतिक्रिया दी है. विधायक ने कहा कि बाबूलाल को यह समझना चाहिए कि बॉर्डर की निगरानी की जवाबदेही किसकी है. घुसपैठ को रोकना भारत सरकार की जवाबदेही है. अगर केंद्र में भाजपा की सरकार होते हुए भी बांग्लादेशी घुसपैठिये सीमा क्रॉस कर बंगाल, झारखंड तक आ गये हैं तो यह फेलियोर भारत सरकार की है. ऐसे में देश की सुरक्षा में नाकाम मोदी सरकार की शिकायत लेकर ही बाबूलाल मरांडी निर्वाचन आयोग गए हैं.
वहीं राजद के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार और झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने फोन पर ईटीवी भारत को अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने फोन पर कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी अनुसूचित जनजाति रिजर्व सीट पर पराजय के बाद राज्य की राजनीति में अपनी उपस्थिति बनाये रखने के लिए बाबूलाल मरांडी लगातार समाज मे जहर फैलाने में लगे हैं. वह अच्छी तरह जान गए हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए का सूपड़ा साफ होने वाला है. ऐसे में सिर्फ जनता में भ्रम फैलाने के लिए बाबूलाल मरांडी घुसपैठ का मुद्दा उछाल रहे हैं. ऐसे में उन्हें जवाब यह देना चाहिए कि बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने में केंद्र की भाजपा सरकार विफल क्यों हुई.