थराली: उत्तराखंड पर आफत की बारिश रूकने का नाम ही नहीं ले रही है. चमोली जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश के बाद आपदा जैसे हालत बने हुए हैं. जिले के पगनो गांव में भी गुरुवार को भारी बारिश के बाद मलबा आ गया था. इस मलबे में दो गौशालाएं और चार मकाम क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, अन्य घरों के आगे भी मलबे का ढेर लगा हुआ है. रात में ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचाई है.
पगनो गांव के निवासी बदरी प्रसाद सुंदरियाल ने बताया कि गुरुवार देर रात को भारी बारिश के बाद गांव में अचानक से मलबा आ गया था. पानी और मबले का बहाव इतना तेज था कि ग्रामीणों ने रात में भागकर अपनी जान बचाई. ग्रामीणों ने पूरी रात खुले आसमान के नीचे जागकर बिताई. सभी परिवार पगनो गांव में डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
दहशत में ग्रामीण: बदरी प्रसाद सुंदरियाल की मानें तो रात की घटना के बाद पूरा गांव डरा हुआ है. सभी गांव वाले सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि पगनो गांव के ऊपर पिछले तीन सालों से भूस्खलन हो रहा है, जो मॉनसून सीजन में और खतरनाक हो जाता है.
बदरी प्रसाद सुंदरियाल ने बताया कि ग्रामीण बीते तीन सालों से शासन प्रशासन से लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट करने की मांग उठा रहे हैं, ताकि उनका गांव बचा रह सके, लेकिन आजतक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है.
ग्रामीणों के खेत खलियान और रास्ते पर सब जगह मलबा आ गया. ग्रामीणों का कहना है कि दिन के समय को तो मलबा आने का पता चल जाता है, लेकिन रात को यदि बारिश होती है तो कोई भी सो नहीं पाता है.
क्या बोले एसडीएम? ज्योतिर्मठ एसडीएम शेखर वशिष्ट ने कहा पगनो गांव मे गुरुवार को तीन से चार घरों में मलबा घुस गया. कुछ रास्ते भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ग्रामीणों को पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया था. फिलहाल, नुकसान आंकलन किया जा रहा है.
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