ETV Bharat / state

जिस्मफरोशी मामले में कोर्ट ने दोषी महिला को सुनाई सजा, 2014 में सामने आया था मामला - Punishment in Prostitution Case

Sirmaur Prostitution Case: सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में जिस्मफरोशी के धंधे में दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने महिला को जेल और जुर्माने की सजा सुनाई. मामला 2014 का है. जब एक गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर पुलिस ने जिस्मफरोशी के धंधे का पर्दाफाश किया था.

Sirmaur Prostitution Case
सिरमौर में जिस्मफरोशी मामले में दोषी महिला को सजा (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 15, 2024, 12:48 PM IST

पांवटा साहिब: सिरमौर जिले में साल 2014 में सामने आए जिस्मफरोशी के एक मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. बुधवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विकास गुप्ता की अदालत ने एक आरोपी महिला को दोषी करार दिया है. अदालत में मामले की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने की.

अदालत ने दोषी महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के अंतर्गत 3 वर्ष की सजा और धारा 4 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 2 वर्ष की सजा व 3000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. मामला 6 अप्रैल 2014 को उपमंडल पांवटा साहिब में सामने आया था.

सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, "उप पुलिस अधीक्षक राज्य गुप्तचर विभाग शिमला की टीम को मुखबर खास द्वारा इस संदर्भ में सूचना मिली थी कि तहसील पांवटा साहिब के गांव भुंगरनी में एक महिला अपने रिहायशी मकान में जिस्मफरोशी का धंधा करवा रही है. इस पर पुलिस ने संबंधित घर पर दबिश दी, तो तलाशी के दौरान मौके पर काफी मात्रा में करंसी और बीयर की बोतलों सहित अन्य चार लोगों को आपत्तिजनक व्यवस्था में पाया गया, जिन्हें पुलिस ने मौके पर ही पकड़ा. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मौजूदा केस दर्ज हुआ."

सहायक जिला न्यायवादी ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में 9 गवाहों के बयान दर्ज करवाएं. इस पर अदालत ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 3 वर्ष की सजा और धारा 4 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 2 साल की सजा और 3000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें: शिमला निर्माणाधीन टनल हादसे मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, दो हफ्ते में मांगी जांच रिपोर्ट

पांवटा साहिब: सिरमौर जिले में साल 2014 में सामने आए जिस्मफरोशी के एक मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. बुधवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विकास गुप्ता की अदालत ने एक आरोपी महिला को दोषी करार दिया है. अदालत में मामले की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने की.

अदालत ने दोषी महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के अंतर्गत 3 वर्ष की सजा और धारा 4 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 2 वर्ष की सजा व 3000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. मामला 6 अप्रैल 2014 को उपमंडल पांवटा साहिब में सामने आया था.

सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, "उप पुलिस अधीक्षक राज्य गुप्तचर विभाग शिमला की टीम को मुखबर खास द्वारा इस संदर्भ में सूचना मिली थी कि तहसील पांवटा साहिब के गांव भुंगरनी में एक महिला अपने रिहायशी मकान में जिस्मफरोशी का धंधा करवा रही है. इस पर पुलिस ने संबंधित घर पर दबिश दी, तो तलाशी के दौरान मौके पर काफी मात्रा में करंसी और बीयर की बोतलों सहित अन्य चार लोगों को आपत्तिजनक व्यवस्था में पाया गया, जिन्हें पुलिस ने मौके पर ही पकड़ा. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मौजूदा केस दर्ज हुआ."

सहायक जिला न्यायवादी ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में 9 गवाहों के बयान दर्ज करवाएं. इस पर अदालत ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी महिला को धारा 3 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 3 वर्ष की सजा और धारा 4 इम्मोरल ट्रैफिकिंग एंड प्रिवेंशन एक्ट के तहत 2 साल की सजा और 3000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें: शिमला निर्माणाधीन टनल हादसे मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, दो हफ्ते में मांगी जांच रिपोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.