खटीमा: उधम सिंह नगर जिले के खटीमा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सितारगंज क्षेत्र के आईपीसी धारा 307 मामले में आरोपी जेई को दोषी मानते हुए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 22 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. मामला साल 2021 का है.
जानकारी के मुताबिक साल 2021 में सितारगंज निवासी ठेकेदार और बसपा नेता इकशाद अहमद पटौदी और जेई रावेंद्र सिंह के बीच पालिका परिसर में विवाद हो गया था. इसी दौरान नगर पालिका के जेई रावेंद्र सिंह ने इकशाद अहमद के सिर पर हमला कर दिया. इस हमले में ठेकेदार पटौदी गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले के 21 दिन बाद ठेकेदार की मौत हो गई थी.
अब इस मामले में खटीमा न्यायालय में आरोपी जेई को दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजू सिंह मुंडे ने सितारगंज नगर पालिका के तत्कालीन जेई को धारा 307 में सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके अतिरिक्त धारा 324 में दो वर्ष एवं धारा 506 में एक साल सश्रम की सजा सुनाई. साथ ही 22 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है.
वार्ड नंबर दो सितारगंज निवासी ठेकेदार व बसपा नेता इकशाद अहमद पटौदी ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि वह पालिका का रजिस्टर्ड ठेकेदार था. पालिका क्षेत्र के चिंतीमजरा प्राइमरी स्कूल से बाइपास तक नाला बनाने का कार्य होना था, जिसका टेंडर उसके नाम से हुआ था. 7 अप्रैल 2021 को वह जब जेई से कार्य की एमबी कर फाइनल भुगतान कराने के लिए मिलने गया. इसी दौरान जेई ने उसके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी.
इतना ही नहीं उसने अपनी कार से कांता निकालकर उसके सिर पर हमला कर दिया, जिसमें उसके सिर में काफी चोट आई. इस मामले में पुलिस ने हरिद्वार मंगलौर ग्राम नसीरपुर अफजलपुर हॉल निवासी वार्ड नंबर छह सुरेंद्रनगर शक्तिफार्म सितारगंज के रहने वाले पालिका के अवर अभियंता रावेंद्र सिंह के विरुद्ध जानलेवा हमले समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था.
पुलिस ने इस मामले में 22 जून 2021 को आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सौरभ ओझा ने 9 गवाहों को पेश किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुंडे ने जेई को दोषी पाते हुए 11 दिसंबर को दोषी को पुलिस अभिरक्षा में हल्द्वानी उपकारागार भेज दिया था. शुक्रवार को रिमांड पर लेकर दोषी जेई रावेंद्र को धारा 307 में सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा धारा 324 में दो वर्ष और धारा 506 में एक साल सश्रम की सजा सुनाई. साथ ही 22 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है. सभी सजाएं एक साथ चलेगी.
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