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नाबालिग लड़की किडनैप और रेप केस, कोर्ट ने सहयोगी को भी सुनाई दस साल की सजा - minor girl rape case

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में कोर्ट ने नाबालिग लड़की के किडनैप और रेप मामले मुख्य दोषी के सहयोगी को भी दस साल की सजा सुनाई है. कोर्ट इस मामले में एक महिला और पुरुष को दोषी मानकर जेल भेज चुका है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 25, 2024, 10:17 PM IST

रुद्रपुर: नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप केस में जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर की पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मुख्य दोषी के सहयोगी को भी दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. मुख्य दोषी को कोर्ट पहले ही आजीवन कारावास की सजा दे चुका है.

विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि उधमसिंह नगर जिले के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला 16 फरवरी 2016 काम करने फैक्ट्री गई हुई थी. घर में महिला के तीन बच्चे थे. जब वह ड्यूटी से शाम को घर पहुंची तो उसकी सबसे बड़ी 12 वर्षीय बेटी घर पर नहीं थी. काफी खोजने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा.

दोनों बच्चों व पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि क्षेत्र में रहने वाली सुनीता व उसके परिचित जयप्रकाश बेटी को ले गए हैं. उसने सुनीता को फोन किया, लेकिन उसका नंबर बंद था. पुलिस टीम ने 25 फरवरी 2016 को नाबालिग को डिग्री कालेज के पास से सुनीता के क़ब्ज़े से बरामद किया. मेडिकल जांच में उसके साथ दुराचार की पुष्टि हुई.

पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि उसका अपहरण कर आरोपी उसे देहरादून ले गए, जहां पर सुनीता का पुत्र वीनू उसके साथ जबरन दुराचार करता था और सुनीता व जयप्रकाश पास में खड़े हो कर देखा करते थे. पुलिस ने इस मामले में सुनीता व वीनू के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी और दोनों को कोर्ट ने क़रीब 7 साल पहले ही उम्रक़ैद की सजा सुनाई थी.

इसके बाद अभियोजन ने जयप्रकाश निवासी बेसतेरवॉ थाना अमरिया ज़िला पीलीभीत के खिलाफ धारा 319 सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया थास, जिसके बाद कोर्ट ने उसे तलब किया था. 31 मई 2022 को जयप्रकाश ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद से मामला पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की कोर्ट् में चल रहा था.

इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष 5 गवाह पेश किए गए, जिसके बाद न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने गुरूवार को अभियुक्त जयप्रकाश को धारा 16/17 पॉक्सो अधिनियम के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपए जुर्माना और धारा 342/120बी आईपीसी के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास सजा सुनाई है.

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रुद्रपुर: नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप केस में जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर की पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मुख्य दोषी के सहयोगी को भी दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. मुख्य दोषी को कोर्ट पहले ही आजीवन कारावास की सजा दे चुका है.

विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि उधमसिंह नगर जिले के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला 16 फरवरी 2016 काम करने फैक्ट्री गई हुई थी. घर में महिला के तीन बच्चे थे. जब वह ड्यूटी से शाम को घर पहुंची तो उसकी सबसे बड़ी 12 वर्षीय बेटी घर पर नहीं थी. काफी खोजने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा.

दोनों बच्चों व पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि क्षेत्र में रहने वाली सुनीता व उसके परिचित जयप्रकाश बेटी को ले गए हैं. उसने सुनीता को फोन किया, लेकिन उसका नंबर बंद था. पुलिस टीम ने 25 फरवरी 2016 को नाबालिग को डिग्री कालेज के पास से सुनीता के क़ब्ज़े से बरामद किया. मेडिकल जांच में उसके साथ दुराचार की पुष्टि हुई.

पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि उसका अपहरण कर आरोपी उसे देहरादून ले गए, जहां पर सुनीता का पुत्र वीनू उसके साथ जबरन दुराचार करता था और सुनीता व जयप्रकाश पास में खड़े हो कर देखा करते थे. पुलिस ने इस मामले में सुनीता व वीनू के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी और दोनों को कोर्ट ने क़रीब 7 साल पहले ही उम्रक़ैद की सजा सुनाई थी.

इसके बाद अभियोजन ने जयप्रकाश निवासी बेसतेरवॉ थाना अमरिया ज़िला पीलीभीत के खिलाफ धारा 319 सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया थास, जिसके बाद कोर्ट ने उसे तलब किया था. 31 मई 2022 को जयप्रकाश ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद से मामला पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की कोर्ट् में चल रहा था.

इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष 5 गवाह पेश किए गए, जिसके बाद न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने गुरूवार को अभियुक्त जयप्रकाश को धारा 16/17 पॉक्सो अधिनियम के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपए जुर्माना और धारा 342/120बी आईपीसी के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास सजा सुनाई है.

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