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पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को 3 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने पर कोर्ट की आपत्ति से इनकार - ED SPECIAL COURT

ईडी मामलों की विशेष अदालत ने पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को 3 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने पर कोर्ट की आपत्ति से इनकार किया.

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ईडी मामलों की विशेष अदालत (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूसकांड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को राहत दी है. अदालत ने पासपोर्ट प्राधिकरण को कहा है कि यदि सिंघवी को पासपोर्ट पुन: जारी कराने की विधिक अधिकारिता है, तो कोर्ट को केस पेंडिंग अवधि में तीन साल के लिए पासपोर्ट पुन: जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है. कोर्ट ने यह आदेश अशोक सिंघवी का प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए दिया.

सिंघवी के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि 7 मार्च, 2013 को प्रार्थी को 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी हुआ था. पासपोर्ट वैधता के दौरान उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून में केस दर्ज हुआ. यह मामला अभी चार्ज बहस में पेंडिंग चल रहा है. हाईकोर्ट के निर्देश पर उसने अपना पासपोर्ट सुपुर्द कर दिया था. वहीं, बाद में हाईकोर्ट ने उसे 2022 में फ्रांस जाने की मंजूरी दी थी. वहां 30 नवंबर 2022 को उसका पासपोर्ट पेरिस में चोरी हो गया. इस पर उसने पेरिस एयरपोर्ट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस पर वह विदेशी दूतावास के एक लैटर के जरिए वह दिसंबर 2022 को देश वापस आया.

इसे भी पढ़ें - एकल पट्टा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीजे ने शुरू की सुनवाई - RAJASTHAN HIGH COURT

अब पासपोर्ट प्राधिकरण ने उसका पासपोर्ट पुन: जारी नहीं कर रहा है. उसे जरूरी काम से यूएसए जाना है, क्योंकि उसके बेटे व बेटी विदेश में रहते हैं और उन्हें यूएसए की नागरिकता है. हाल में उसका बेटा आदित्य गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया और वह उसकी देखभाल के लिए वह जाना चाहता है. प्राधिकरण उसे एक साल के लिए ही पासपोर्ट पुन: जारी कर रहा है. यह विधि विरुद्ध और विचरण के अधिकार के खिलाफ है. इसलिए उसका पासपोर्ट दस साल की अवधि के लिए जारी किया जाए.

जयपुर : ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूसकांड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को राहत दी है. अदालत ने पासपोर्ट प्राधिकरण को कहा है कि यदि सिंघवी को पासपोर्ट पुन: जारी कराने की विधिक अधिकारिता है, तो कोर्ट को केस पेंडिंग अवधि में तीन साल के लिए पासपोर्ट पुन: जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है. कोर्ट ने यह आदेश अशोक सिंघवी का प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए दिया.

सिंघवी के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि 7 मार्च, 2013 को प्रार्थी को 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी हुआ था. पासपोर्ट वैधता के दौरान उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून में केस दर्ज हुआ. यह मामला अभी चार्ज बहस में पेंडिंग चल रहा है. हाईकोर्ट के निर्देश पर उसने अपना पासपोर्ट सुपुर्द कर दिया था. वहीं, बाद में हाईकोर्ट ने उसे 2022 में फ्रांस जाने की मंजूरी दी थी. वहां 30 नवंबर 2022 को उसका पासपोर्ट पेरिस में चोरी हो गया. इस पर उसने पेरिस एयरपोर्ट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस पर वह विदेशी दूतावास के एक लैटर के जरिए वह दिसंबर 2022 को देश वापस आया.

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अब पासपोर्ट प्राधिकरण ने उसका पासपोर्ट पुन: जारी नहीं कर रहा है. उसे जरूरी काम से यूएसए जाना है, क्योंकि उसके बेटे व बेटी विदेश में रहते हैं और उन्हें यूएसए की नागरिकता है. हाल में उसका बेटा आदित्य गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया और वह उसकी देखभाल के लिए वह जाना चाहता है. प्राधिकरण उसे एक साल के लिए ही पासपोर्ट पुन: जारी कर रहा है. यह विधि विरुद्ध और विचरण के अधिकार के खिलाफ है. इसलिए उसका पासपोर्ट दस साल की अवधि के लिए जारी किया जाए.

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